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Friday, 19 April, 2024
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शशि थरूर ने किया सवाल – सांसदों से मिलना और समारोह करने को गुटबाजी कैसे कहा जा सकता है

थरूर ने तालचेरी के आर्कबिशप मार जोसेफ पम्पलानी से मुलाकात करने के बाद कन्नूर में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें मीडिया से यह जानकर दुख हुआ कि कुछ लोगों का कहना है कि वह एवं राघवन गुटबाजी की गतिविधियों में शामिल हैं.

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नई दिल्ली: कांग्रेस के नेता एवं सांसद शशि थरूर ने पूछा कि केरल में उनका एवं सांसद एम के राघवन का कुछ प्रतिष्ठित हस्तियों से मुलाकात करना और समारोहों में शामिल होने को गुटबाजी कैसे कहा जा सकता है.

शशि थरूर ने कहा कि उन्हें मीडिया में फैलाए गए इस मामले से ‘थोड़ी परेशानी’ होने लगी है.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर के मालाबार दौरे से नाखुश दिख रहे केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन ने मंगलवार को कहा था कि पार्टी में किसी तरह की गुटबाजी या समांतर गतिविधियों की अनुमति नहीं होगी और इनसे गंभीरता से निपटा जाएगा.

सतीशन के इस बयान के एक दिन बाद थरूर ने सवाल किया कि दो कांग्रेस सांसदों की मुलाकात को गुटबाजी कैसे कहा जा सकता है?

थरूर ने तालचेरी के आर्कबिशप मार जोसेफ पम्पलानी से मुलाकात करने के बाद कन्नूर में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें मीडिया से यह जानकर दुख हुआ कि कुछ लोगों का कहना है कि वह एवं राघवन गुटबाजी की गतिविधियों में शामिल हैं.

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उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि आप (मीडिया) किसी गुब्बारे में हवा भरने नहीं आए हैं. आप जो पूछ कर रहे हैं कि कुछ लोगों के अनुसार, मैं और राघवन गुटबाजी कर रहे हैं, तो मुझे यह सुनकर दुख हुआ. हमने जिन विभिन्न लोगों से मुलाकात की और जिस कार्यक्रमों में हिस्सा लिया, उनमें गुटबाजी करने वाली कौन सी गतिविधि थी? मैं यह जानना चाहता हूं.’

थरूर ने कहा, ‘हमने ऐसा क्या कहा, जो कांग्रेस के निर्देशों के विपरीत था? हमने क्या गलती की? लेकिन मैं थोड़ा परेशान हो गया हूं, क्योंकि मीडिया में इस प्रकार की बातों का मुद्दा बनाने की आवश्यकता नहीं है. यदि मीडिया चाहे, तो मैं सुई देने के लिए तैयार हूं.’

सतीशन ने मंगलवार को कहा था कि झूठी खबरें उनके जैसे नेताओं को नुकसान नहीं पहुंचा सकतीं क्योंकि वे ‘हवा से भरे गुब्बारे’ नहीं है, जिनकी सुई चुभाकर हवा निकाली जा सकती है. सतीशन की इसी टिप्पणी का स्पष्ट जिक्र करते हुए थरूर ने यह बयान दिया.

मीडियाकर्मियों ने बार-बार सवाल किया कि क्या थरूर ‘हवा से भरा गुब्बारा’ हैं, लेकिन उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

कांग्रेस सांसद के मुरलीधरन ने भी गुब्बारे वाले बयान का समर्थन नहीं किया और कहा कि इसकी ‘आवश्यकता नहीं’ थी.

थरूर के कट्टर समर्थक राघवन ने कहा, ‘हम सुई चुभने से फूट जाने वाले गुब्बारे, गुब्बारे में चुभने वाली सुई और उस सुई को पकड़ने वाले हाथ समेत सभी का सम्मान करते हैं.’

थरूर ने कन्नूर में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान उन्हें मिलने वाले लोगों के समर्थन का जिक्र किया और कहा कि उनके लिए केरल में कहीं भी जाना कोई समस्या नहीं है क्योंकि उन्हें हर सप्ताह कार्यक्रमों के करीब 40 निमंत्रण मिलते हैं.

उन्होंने सवाल किया कि हर किसी को कांग्रेस के दो सांसदों के ऐसे समारोहों में शामिल होने से दिक्कत क्यों है, जो पार्टी विरोधी नहीं हैं.

तिरुवनंतपुरम से सांसद ने कहा, ‘हरेक (हर निमंत्रण) को स्वीकार कर पाना संभव नहीं हैं.’

उन्होंने कहा कि राघवन ने सुझाव दिया कि इस बार ‘मालाबार के इस क्षेत्र में कुछ कार्यक्रम आयोजित करते हैं क्योंकि हम यहां काफी समय से नहीं आए हैं और मैं सहमत हो गया.’

उन्होंने कहा, ‘हालांकि, मुझे समझ में नहीं आता कि अगर कांग्रेस के दो सांसद पार्टी से संबंधित और अन्य कार्यक्रमों में बोल रहे हैं, लेकिन उन्होंने पार्टी या उसके विचारों के खिलाफ कुछ नहीं बोला, तो किसको और क्यों परेशानी हो रही है.’

थरूर ने साथ ही कहा कि उन्हें किसी से कोई शिकायत नहीं है.

उन्होंने कहा कि उनका किसी से कोई मतभेद नहीं है और अपने 14 साल लंबे राजनीतिक करियर में उन्होंने कभी किसी के खिलाफ कुछ बुरा नहीं कहा है.

इस बीच, मुरलीधरन ने कोझिकोड में संवाददाताओं से कहा कि थरूर ने किसी कांग्रेस नेता के खिलाफ कुछ नहीं बोला और न ही वह परिवार के भीतर कोई गुट बना रहे हैं.

उन्होंने कहा कि तिरुवनंतपुरम के सांसद की केरल की राजनीति में अच्छी पकड़ है और उनकी गतिविधियों पर सवाल उठाना कांग्रेस का विरोध करने वालों को खासकर तब हथियार थमाने जैसा होगा, जब संसदीय चुनाव दो साल बाद होने वाले हैं.

राघवन ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास शिकायत दर्ज कराई है और इस बात की जांच की मांग की है कि जिला युवा कांग्रेस ने कोझिकोड में उस कार्यक्रम को क्यों और किसके निर्देश पर रद्द किया था, जिसे उसने आयोजित किया था और थरूर को इसमें आमंत्रित किया था.

पार्टी में थरूर के विरोधी गुट के नेताओं का मानना है कि वह अपने कार्यक्रमों के माध्यम से खुद को 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन का मुख्यमंत्री पद का आदर्श चेहरा पेश करने की कोशिश कर रहे हैं.


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