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Monday, 7 October, 2024
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सिंधिया, दिग्विजय और परिमल नाथवानी पहुंचे राज्यसभा, गुजरात की 4 सीटों में से 3 पर भाजपा का कब्जा

मध्यप्रदेश में तीन राज्यसभा सीटों में से दो पर भाजपा और एक सीट पर कांग्रेस ने, राजस्थान की तीन सीटों में से दो पर कांग्रेस और एक पर भाजपा ने वहीं आंध्र प्रदेश की चारों सीटों पर वाईएसआर कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की.

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नई दिल्ली: देश के आठ राज्यों की 19 राज्यसभा सीटों पर शुक्रवार को मतदान हुआ. इनमें सबसे रोचक मुकाबला गुजरात में देखने को मिला. राज्य की चार सीटों पर पांच उम्मीदवार मैदान में थे. यहां कांग्रेस की आपत्ति के चलते वोटों की गिनती थोड़ी देर के लिए रोकी भी गई.

चार राज्यसभा सीटों में से तीन पर भाजपा उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की. एक सीट कांग्रेस के खाते में गई. भाजपा से अभय भारद्वाज, रमीला बेन बारा और नरहरी अमीन चुनाव जीते. कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल राज्यसभा के लिए चुने गए. वहीं कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार भरत माधव सिंह सोलंकी को हार का मुंह देखना पड़ा.

झारखंड की दो सीटों में से एक पर भाजपा उम्मीदवार दीपक प्रकाश और दूसरी सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के मुखिया के शिबू सोरेन ने जीत हासिल की. शिबू सोरेन के पक्ष में 30 वोट पड़े. वहीं भाजपा उम्मीदवार दीपक प्रकाश को 31 वोट मिले. कांग्रेस प्रत्याशी को18 वोट मिले और उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

मध्यप्रदेश में तीन राज्यसभा सीटों में से दो सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की. इनमें भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रो सुमेर सिंह सोलंकी ने जीत हासिल की. वहीं कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी राज्यसभा चुनाव जीतने में सफल रहे.

भाजपा उम्मीदवार सिंधिया को 56, प्रो ​सुमेर सिंह सोलंकी को 55 और पूर्व ​सीएम दिग्विजय सिंह को 57 मत मिले.जबकि अन्य कांग्रेस उम्मीदवार फूलसिंह बरैया को 36 वोट मिले. वहीं दो मत निरस्त हो गए.


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राजस्थान में तीन राज्यसभा सीटों के लिए शुक्रवार को मतदान हुआ. दो सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की.इनमें वरिष्ठ कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी ने जीत हासिल की. वहीं एक सीट पर भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र गहलोत विजय हुए. कांग्रेस के वेणुगोपाल को 64, नीरज डांगी को 59 वोट मिले. भाजपा के राजेंद्र गहलोत को 54 वोट मिले.

कर्नाटक में भी राज्यसभा की चार सीटों के लिए चुनाव हुए. किसी भी सीट पर दूसरा प्रत्याशी न होने से सभी चारों उम्मीदवार निर्विरोध ही चुन लिए गए है. भाजपा के दो उम्मीदवार अशोक गस्ती और इरन्ना कदादी चुने गए. जेडीएस की ओर से पूर्व पीएम एचडी देवगौडा राज्यसभा जाएंगे. वहीं​ वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे भी कर्नाटक से ही राज्यसभा पहुंच रहे है.

आंध्र प्रदेश की चारों राज्यसभा सीटों पर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की. राज्य में सत्ता पर काबिज वाईएसआर कांग्रेस के पास पर्याप्त बहुमत होने से चारों सीटों पर जीत हासिल करने में कोई परेशानी नहीं हुई.इन सीटों पर पार्टी के पिल्ली सुभासचंद्र बोस,परिमल नाथवानी, मोपी देवी वेंकट रमणा और अल्ला अयोध्या रामी रेड्डी ने जीत हासिल की.


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पूर्वोत्तर के राज्य मणिुपर, मेघालय,अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम की भी एक एक राज्यसभा सीटों के लिए मतदान हुआ.

 

मेघालय में ​नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के उम्मीदवार डॉ.खारलुखी राज्यसभा सीट पर जीत दर्ज की.जीत के बाद एनपीपी अध्यक्ष और मेघालय के सीएम कोनराड संगमा ने उन्हें बधाई देते हुए गठबंधन सहयोगियों का धन्यवाद भी दिया.

मिजोरम की राज्यसभा सीट पर एमएनएफपार्टी के उम्मीदवार पु.के.वानलालवेना ने जीत दर्ज की है.

मणिपुर की सीट पर भाजपा ने कब्जा कर लिया. राज्य सरकार के अल्पमत में आने के बाद भी भाजपा उम्मीदवार महाराजा संझाओ लीसेम्बा ने चुनाव में जीत दर्ज की है. हाल ही में राज्य के उपमुख्यमंत्री समेत कुछ विधायकों के इस्तीफे के बाद राज्य सरकार अप्लमत में आ गई है. इसके बाद ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा उम्मीदवार का जितना मुश्किल है.

इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश की राज्यसभा सीट पर भाजपा के नबाम रेबिया की जीत हुई.रेबिया को निर्विरोध ही चुना गया.

43 लोग बनेंगे पहली बार राज्यसभा के सदस्य

राज्यसभा के लिए हुए चुनाव में 43 उम्मीदवारों के पहली बार उच्च सदन के सदस्य बनने के आसार हैं. राज्यसभा के शोध प्रभाग के अनुसार कुल निर्वाचित होकर आने वाले सदस्यों में से पहली बार पहुंचे सदस्यों की संख्या 72 प्रतिशत हो सकती है.

राज्यसभा सचिवालय के शोध प्रभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सिर्फ 12 सेवानिवृत्त सदस्य फिर से निर्वाचित हो रहे हैं जबकि सात ऐसे सदस्य निर्वाचित हुए हैं जो अतीत में सदस्य थे. इसके साथ ही राज्यसभा के सदस्यों का सामूहिक अनुभव केवल 63 कार्यकालों का रह जाएगा.


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बीस राज्यों की 61 सीटों के लिए 42 लोग पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं. इनमें 28 पहली बार उच्च सदन के सदस्य बन रहे हैं. शेष 19 रिक्त पदों के परिणाम शुक्रवार को घोषित किए जाएंगे. उनमें से 15 उम्मीदवारों के पहली बार राज्यसभा पहुंचने की संभावना है.

अधिकारी ने कहा कि 61 सेवानिवृत्त सदस्यों के पास राज्यसभा में एक से चार कार्यकाल का अनुभव था और उनका कुल अनुभव 95 कार्यकाल का था. वहीं फिर से सदस्य बनने वाले उम्मीदवारों का अनुभव केवल 32 कार्यकाल का होगा. इससे कुल अनुभव घटकर 63 कार्यकाल रह जाएगा.

सिंधिया, खड़गे और के सी वेणुगोपाल पहली बार पहुंच रहे है उच्च सदन में

पहली बार राज्यसभा का सदस्य बनने वाले प्रमुख नेताओं में ज्योतिरादित्य सिंधिया, मल्लिकार्जुन खड़गे, एम थंबीदुरई (लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष), के सी वेणुगोपाल और केआर सुरेश रेड्डी शामिल हैं.


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सूत्रों ने बताया कि फिर से निर्वाचित होने वाले 12 सदस्यों में भुवनेश्वर कलिता और प्रेमचंद गुप्ता (पांचवें कार्यकाल के लिए) शामिल हैं। इसके अलावा तिरुचि शिवा (चौथे कार्यकाल के लिए), के केशव राव, विश्वजीत दैमारी और परिमल नथवानी (सभी तीसरे कार्यकाल के लिए), शरद पवार , रामदास आठवले, हरिवंश, दिग्विजय सिंह, केटीएस तुलसी और रामनाद ठाकुर (सभी दूसरे कार्यकाल के लिए सभी) निर्वाचित हो रहे हैं.

जीके वासन, दिनेश त्रिवेदी और नबम राबिया (सभी तीसरे कार्यकाल के लिए) उच्च सदन के पूर्व सदस्य रह चुके हैं। उनके साथ ही देवेगौड़ा, शिबू सोरेन (झारखंड से जीतने की उम्मीद) और ओंकार सिंह लखावत (राजस्थान से जीत की उम्मीद) का उच्च सदन में दूसरा कार्यकाल होगा.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ में)

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