scorecardresearch
Friday, 29 March, 2024
होमदेशघर लौटे प्रवासी मजदूरों को स्किल ट्रेनिंग देने में जुटेंगे संघ के संगठन, ताकि गांवों में ही काम हो सके शुरू

घर लौटे प्रवासी मजदूरों को स्किल ट्रेनिंग देने में जुटेंगे संघ के संगठन, ताकि गांवों में ही काम हो सके शुरू

संघ अपने सहयोगी संगठनों के ज़रिए घर लौटे मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए ट्रेनिंग देने की तैयारी में है. गांव में रोजगार देने की है तैयारी.

Text Size:

नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के कारण हुए लॉकडाउन ने मज़दूरों की रोज़ी रोटी छीन ली और शहरों बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूर अपने गावों को लौट रहे हैं. पर गांव में भी कुछ समय बाद उनके सामने फिर रोज़गार की समस्या उठ खड़ी होगी. इसी के मद्देनज़र अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आगे आया है. संघ अपने सहयोगी संगठनों के ज़रिए घर लौटे मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए ट्रेनिंग देने की तैयारी में है. संघ पदाधिकारियों ने अपने अनुषांगिक संगठनों को तैयारी करने के लिए कहा है.

नाम न छापने के अनुरोध पर दिप्रिंट से संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘अलग-अलग राज्यों में हमने सभी पदाधिकारियों से कहा है कि मजदूरों के रोजगार को लेकर क्या-क्या किया जा सकता है. मजदूरों की स्किल के हिसाब से अगर किसी छोटी मोटी ट्रेनिंग की जरूरत पड़ती है तो वह भी कराई जा सकती है. इसी दिशा में काम भी शुरू कर दिया है.’


यह भी पढ़ेंः चूर्ण चटा कर, गमछे बांट कर कोविड के बहाने उपचुनाव वाले 24 विधानसभा सीटों के वोटरों को साधने में जुटी एमपी में भाजपा


उन्होंने कहा, ‘हर राज्य से बड़ी संख्या में मजदूर अपने घर की तरफ गए हैं. महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड जैसे राज्यों में मजदूर अपने घरों को लौटे हैं .हमारी कोशिश है कि इन को लोगों दोबारा रोजगार से जोड़ें. कुछ राज्यों में यह संभावना ज्यादा बनेगी तो कुछ राज्यों में कम. हम इस दिशा में काम कर रहे हैं कि ज्यादा दूर गए बगैर मजदूरों को कैसे स्थानीय रोजगार से जोड़ा जा सकता है. मजदूरों से एक फार्म के जरिए या सीधे उनसे पूछेंगे कि उनकी कुशलता किस क्षेत्र में है. वे यहां रहना चाहते हैं या बाहर काम के लिए दोबारा जाना चाहते हैं. हम इस दिशा में काम कर रहे हैं.’

पदाधिकारी ने आगे कहा, ‘झारखंड में विकास भारती जैसी संस्था काम कर रही है. वहीं अन्य राज्यों में अन्य संस्थाओं के माध्यम से यह काम होगा. इनमें भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान और सेवा भारती भी काम करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. अभी जैसा प्रारूप तैयार होगा, उसके हिसाब से काम करना शुरू होगा.’

‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने की तरफ बढ़ाया कदम 

संघ के सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने अपने उद्बबोधन में कोरोना महामारी से निपटने के बीच स्वदेशी माध्यमों को अपनाने कि बात पर जोर दिया था. इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में भी स्वदेशी अपनाने की बात पर बल देते हुए आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प लेने का देशवासियों से आग्रह किया था.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

दरअसल संघ और सरकार का स्वदेशी अपनाओ की बात आत्मनिर्भर भारत का पहला और महत्वपूर्ण चरण है. इसमें स्पष्ट है कि विरोध किसी का न हो और भारतीय उत्पादों को अधिक संख्या में प्रोत्साहन मिले. स्वदेशी जागरण मंच भी इस बात को प्रमुखता से रखते हुए अब पूरे देश में स्वदेशी अपनाओ का जागरण शुरू कर चुका है. जहां तक बात है प्रवासी मजदूरों के स्थानीय रोजगार की तो संघ से लेकर सरकार के प्रयास आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते कदम माने जा रहे हैं.

घरों को लौट रहे प्रवासी मजदूरों का डेटाबेस तैयार कर रही सरकार

कोरोनावायरस के संक्रमण के चलते देश में लॉकडाउन के बाद लाखों प्रवासी मजदूर अपने घर लौटने को मजबूर हो गए हैं. ऐसे में केंद्र सरकार ने उनकी निगरानी रखने और रिकार्ड रखने का एक समाधान खोजा है. गृह मंत्रालय ने एक ऑनलाइन राष्ट्रीय प्रवासी सूचना प्रणाली विकसित की है. इसके माध्यम से घरों को लौट रहे मजदूरों पर निगरानी रखी जा सकेगी. वहीं उनकी यात्रा को भी आसान बनाया जा सकेगा. इस पोर्टल का निर्माण आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने किया है. यह पोर्टल केंद्रीय भंडार के रूप में काम करेगा.


यह भी पढ़ेंः मोदी सरकार कृषि, पशुपालन, फूड प्रॉसेसिंग उद्योग के जरिए किसानों को बनाएगी आत्मनिर्भर: वित्तमंत्री


राज्य को किसी भी तरह की जरूरत पड़ने पर यह एप मदद करेगा. इस एप के माध्यम से राज्य यह भी जान सकेंगे कि कितने लोग अपने राज्य लौट रहे हैं और वे कहां से आए हैं. राज्य इस पोर्टल पर प्रवासी मजदूरों से संबंधित डेटा भी अपलोड कर सकते हैं. कई राज्यों के पास पहले से ही प्रवासियों का डेटा है. इसे एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस के माध्यम से जोड़ा जा सकेगा. इसके जरिए अपने घरों को लौट रहे मजदूरों का नाम, उम्र, मोबाइल नंबर, यात्री की तारीख व आने-जाने के स्थान की जानकारी दर्ज की जाएगी.

share & View comments