scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमराजनीतिकेंद्र सरकार में प्रतिनिधित्व मिले, इसको लेकर नीतीश कुमार की पार्टी का जोर

केंद्र सरकार में प्रतिनिधित्व मिले, इसको लेकर नीतीश कुमार की पार्टी का जोर

भाजपा ने लोकसभा चुनाव में अपनी शानदार जीत के बाद अपने प्रत्येक सहयोगी को एक मंत्रीपद की पेशकश की थी. लेकिन जद(यू) ने कम से कम तीन मंत्री पद की मांग की थी.

Text Size:

नई दिल्ली: भाजपा की सहयोगी जद(यू) ने बुधवार को एक बार फिर केंद्रीय मंत्रिमंडल में अपनी पार्टी को ‘आनुपातिक प्रतिनिधित्व’ देने पर जोर दिया और कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इस संबंध में पहल करते हैं तो वह उसका स्वागत करेगी.

इससे पहले जद(यू) ने जून में मोदी सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया था.

नीतीश कुमार ने तीन साल के लिए दोबारा पार्टी अध्यक्ष चुने जाने के बाद अपनी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद को संबोधित किया. इसके बाद जद(यू) ने भाजपा को याद दिलाया कि बिहार के मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार में भाजपा को आनुपातिक प्रतिनिधित्च दिया है.

पार्टी महासचिव केसी त्यागी ने कुमार के भाषण और अन्य मुद्दों पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उल्लेख किया कि 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव का जनादेश भाजपा के खिलाफ था, लेकिन कुमार ने मंत्री पदों के अलावा उपमुख्यमंत्री का पद भी दिया.

पार्टी का यह रूख ऐसे समय सामने आया है जब भाजपा की एक अन्य सहयोगी पार्टी शिवसेना महाराष्ट्र की सत्ता में समान हिस्सेदारी की मांग कर रही है.

त्यागी ने कहा, ‘अगर राजग के नेता मोदी और शाह सरकार में जद(यू) के आनुपातिक प्रतिनिधित्व के लिए पहल करते हैं, तो हम इसका स्वागत करेंगे.’ उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बिहार में राजग की सबसे बड़ी घटक है.

उन्होंने कहा कि जद(यू) को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने से केंद्र सरकार में बिहार के और अधिक प्रतिनिधि होंगे. यह सामाजिक रूप से अधिक व्यापक और सामंजस्यपूर्ण होगा.

भाजपा ने लोकसभा चुनाव में अपनी शानदार जीत के बाद अपने प्रत्येक सहयोगी को एक मंत्रीपद की पेशकश की थी. लेकिन जद(यू) ने कम से कम तीन मंत्री पद की मांग की थी.

लंबे समय से अपनी पार्टी की शिकायत को रेखांकित करते हुए त्यागी ने उल्लेख किया कि पहली मोदी सरकार में भी जद(यू) को शामिल नहीं किया गया था. हालांकि उसने 2017 में कांग्रेस और राजद से संबंध तोड़ने के बाद प्रदेश सरकार में भाजपा नेताओं को शामिल किया था.

हाल के लोकसभा चुनाव में, भाजपा और जद (यू) ने राज्य में क्रमशः 17 और 16 सीटें जीती थीं, उसके बाद रामविलास पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा की छह सीटें थीं.

त्यागी ने हालांकि कहा कि उनकी पार्टी मंत्री पद को लेकर भाजपा पर कोई शर्त नहीं थोप रही है.

इससे पहले नीतीश कुमार ने अपने भाषण में राष्ट्रव्यापी शराबबंदी पर जोर दिया और महिलाओं के लिए अपनी सरकार के कदमों के बारे में विस्तार से चर्चा की. उन्होंने बिहार में कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर होने वाली आलोचना को खारिज कर दिया.

त्यागी ने दावा किया कि शाह के हालिया बयान के बाद भाजपा के साथ उनकी पार्टी के गठबंधन में कोई ‘भ्रम’ नहीं है कि बिहार में राजग 2020 का विधानसभा चुनाव कुमार के नेतृत्व में लड़ेगी.

उन्होंने कहा कि हम 2010 के चुनाव परिणामों से भी बेहतर करेंगे. राजग ने तब 243 सीटों में से 206 सीटें जीती थीं.

उन्होंने कहा कि जद (यू) झारखंड और दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी.

पार्टी की नजर राष्ट्रीय पार्टी बनने पर है और इसके लिए कम से कम चार राज्यों में मान्यता प्राप्त पार्टी का दर्जा हासिल करने की आवश्यकता होती है.

share & View comments