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Saturday, 4 May, 2024
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CMO अधिकारी की पत्नी के DGHS पद से इस्तीफे के बाद खट्टर और विज में स्वास्थ्य विभाग पर झगड़ा हुआ खत्म

सीएमओ के ‘हस्तक्षेप’ को लेकर अक्टूबर से स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई से गायब अनिल विज ने फाइलों को निपटाने का काम फिर से शुरू कर दिया है. डीजीएचएस पद से हटने के बाद डॉ. सोनिया खुल्लर को HPSC में नियुक्त कर दिया गया है.

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गुरुग्राम: डॉ. सोनिया त्रिखा खुल्लर के स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक (डीजीएचएस) के पद से हटने के बाद हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने विभाग में अपना आधिकारिक काम फिर से शुरू कर दिया है. त्रिखा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर की पत्नी हैं.

विभाग के कामकाज में मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के कथित हस्तक्षेप को लेकर विज अक्टूबर से राज्य स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई से गायब थे.

खुल्लर ने सोमवार को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया और राज्य सरकार ने उसी दिन इसे मंजूरी दे दी. कुछ ही घंटों में उन्हें हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) का सदस्य नियुक्त कर दिया गया.

56-वर्षीय खुल्लर को मंगलवार को हरियाणा राजभवन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने एचपीएससी के सदस्य के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.

सरकारी सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि चूंकि, एचपीएससी सदस्य का कार्यकाल 6 साल या 62 साल की उम्र का होता है, इसलिए खुल्लर को भी 6 साल का पूरा कार्यकाल मिलेगा.

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खुल्लर के शपथ लेने के बाद सरकार के सूचना और जनसंपर्क विभाग ने राज्य में स्वास्थ्य सेवा में उनके योगदान की प्रशंसा करते हुए एक नोट जारी किया. इसमें डीजीएचएस और पिछले पदों पर सुविधाओं की देखरेख और “व्यापक नेतृत्व” में उनकी “महत्वपूर्ण भूमिका” का उल्लेख किया गया. नोट में “माध्यमिक देखभाल सुविधाओं में विशेष कोविड​​-19 आपातकालीन विभागों और आईसीयू की स्थापना” में उनकी भूमिका की भी सराहना की गई.

विज ने पांच अक्टूबर से राज्य स्वास्थ्य विभाग की फाइलों को मंजूरी देना बंद कर दिया था, जिस दिन राजेश खुल्लर ने कथित तौर पर मंत्री को सूचित किए बिना विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की थी. समीक्षा में सोनिया खुल्लर उपस्थित थीं.

पिछले महीने खट्टर और विज (हरियाणा के गृह मंत्री भी हैं) के बीच हुई एक बैठक दोनों के बीच गतिरोध को समाप्त करने में विफल साबित हुई.

सरकारी सूत्रों के अनुसार, खट्टर ने शनिवार को फिर से विज से मुलाकात की और विज ने “मुख्यमंत्री द्वारा सोनिया खुल्लर और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक राजनारायण कौशिक को उनके पदों से हटाने” के बाद ही स्वास्थ्य विभाग में फिर से काम करने पर सहमति व्यक्त की.

सूत्रों ने बताया कि विज ने कहा था कि अगर तब तक उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों का समाधान नहीं निकलता है तो वो शुक्रवार से शुरू होने वाले हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र से दूर रहेंगे.

एक सूत्र ने यह भी बताया कि “प्रश्नकाल के लिए विभिन्न विधायकों ने स्वास्थ्य विभाग से संबंधित 24 सवाल विधानसभा में प्रस्तुत किए हैं.”

सूत्र ने कहा, “अगर कोई समाधान नहीं निकला होता, तो इससे सरकार को काफी शर्मिंदगी उठानी पड़ सकती थी क्योंकि विज सवालों का जवाब देने के लिए मौजूद नहीं होते.”

दिप्रिंट द्वारा मंगलवार को संपर्क किए जाने पर विज ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

हालांकि, उनके करीबी सूत्रों ने कहा कि सोमवार को उन्होंने स्वास्थ्य विभाग में पिछले दो महीनों से लंबित सभी 300 फाइलों को मंजूरी दे दी.

सूत्रों में से एक ने कहा, “ये सभी नियमित फाइलें थीं. हालांकि, ड्रग नियंत्रण अधिकारियों की भर्ती जैसी महत्वपूर्ण फाइलों को मंत्री ने सीएमओ के प्रति अपनी नाराज़गी के बीच भी मंजूरी दे दी थी.”


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‘राज्य के लोगों को परेशानी होने दी जा रही’

खट्टर और उनके सबसे वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों में से एक के बीच दो महीने तक चले गतिरोध की विपक्ष ने आलोचना की थी.

पिछले हफ्ते चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने खट्टर और विज के बीच खींचतान पर कटाक्ष किया और कहा कि इससे हरियाणा के लोगों को परेशानी हो रही है.

हुड्डा ने कहा, “हरियाणा में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली और कानून व्यवस्था की स्थिति जर्जर है. सीएम और अनिल विज के बीच झगड़ा इसे और बदतर बना रहा है.”

यह बताते हुए कि कैसे आपराधिक जांच विभाग को सीएम ने गृह विभाग (विज के पास) से छीन लिया था, उन्होंने आरोप लगाया कि खट्टर, विज के साथ गलत व्यवहार कर रहे हैं,

कांग्रेस के मुख्य सचेतक भारत भूषण बत्रा ने मंगलवार को दिप्रिंट को बताया कि पार्टी इस मामले को विधानसभा में शून्यकाल के दौरान उठाएगी.

बत्रा ने कहा, “हम सरकार से पूछेंगे कि सीएम और एक मंत्री के बीच अंदरूनी कलह के कारण राज्य के लोगों को कैसे परेशानी होने दी जा रही है.”

(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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