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Friday, 22 November, 2024
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दिल्ली BJP चीफ ने NDMC को लिखा- ‘मुगलों की गुलामी’ खत्म करें, तुगलक, अकबर, बाबर रोड के नाम बदलें

दिल्ली भाजपा प्रमुख आदेश गुप्ता ने नई दिल्ली नगर परिषद को पत्र लिख कर इन सड़कों के नाम बदलकर गुरु गोबिंद सिंह, महाराणा प्रताप, डॉ कलाम और जनरल रावत के नाम पर रखे जाने की मांग की है.

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई ने अभी कुछ दिनों पहले आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार से ‘मुगल-काल’ के 40 गांवों का नाम बदल कर देश के स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के नाम पर रखे जाने की बात कही थी. भाजपा की दिल्ली इकाई ने अब एनडीएमसी से अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली ‘मुगल’ सड़कों का नाम बदलने का अनुरोध किया है.

एनडीएमसी अध्यक्ष को मंगलवार को लिखे एक पत्र में दिल्ली भाजपा प्रमुख आदेश गुप्ता ने सुझाव दिया है कि अकबर रोड, बाबर लेन, हुमायूं रोड, शाहजहां रोड, औरंगजेब लेन और यहां तक कि तुगलक रोड का नाम बदलकर एक अलग राजवंश के नाम पर रखा जाए. दिप्रिंट के पास पत्र की एक प्रति है.

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब भाजपा ने इन सड़कों का नाम बदलने का सुझाव दिया है. लेकिन यह पहली बार जरूर है कि दिल्ली इकाई ने आधिकारिक तौर पर नामों की सूची के साथ एनडीएमसी को पत्र लिखा है.

गुप्ता ने अपने पत्र में कहा, ‘आजादी के इतने साल बाद, आज भी दिल्ली की कुछ सड़कों के नाम हमें मुगल काल की गुलामी की झलक देते हैं. हमने कुछ ऐसी सड़कों की पहचान की है और आपको भेज रहे हैं. इन सड़कों का तत्काल नाम बदलने की आवश्यकता है.’

उन्होंने आगे लिखा ‘यह हम सभी के लिए गर्व का पल है, क्योंकि पूरा देश सिखों के 10वें गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का 400वां प्रकाश पर्व मना रहा है. सिख इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण खालसा पंथ की स्थापना श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने की थी. इसके साथ ही उन्होंने देश और धर्म की रक्षा के लिए अपने चारों पुत्रों का बलिदान भी दिया था. ऐसे महान व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि देने के लिए हम मांग करते हैं कि नई दिल्ली में तुगलक रोड, जो मुगल काल की गुलामी का प्रतीक है, का नाम बदलकर गुरु गोबिंद सिंह मार्ग रखा जाए.’

बाबर के इस उपमहाद्वीप में अपना राज्य स्थापित करने से पहले तुगलक वंश ने 1413 तक दिल्ली सल्तनत पर 100 वर्षों तक राज किया था.

गुप्ता ने आगे लिखा: ‘हिंदुओं का गौरव.. मेवाड़ की आन, बान शान, जिन्होंने मुगलों का जमकर और डटकर मुकाबला किया था… महाराणा प्रताप की 482 वीं जयंती (इस वर्ष) के अवसर पर हम सुझाव देते हैं कि अकबर रोड का नाम बदलकर महाराणा प्रताप मार्ग कर दिया जाए. यह न केवल हमारे युवाओं को बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी लंबे समय के लिए प्रेरित करेगा.’

हल्दीघाटी की लड़ाई में महाराणा प्रताप ने 16 वीं शताब्दी में अकबर से लड़ाई की थी. हालांकि वह इस लड़ाई को हार गए थे, लेकिन वह वहां से बच निकलने में कामयाब हो गए.


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औरंगजेब, बाबर, हुमायूं के भी नाम बदलने की मांग

दिल्ली भाजपा प्रमुख ने औरंगजेब लेन का नाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम किया जाए. लुटियंस दिल्ली में औरंगजेब रोड का नाम पहले ही कलाम के नाम पर रखा जा चुका है.

गुप्ता ने यह भी मांग की कि ‘युवा क्रांतिकारी देशभक्त’ के बाद बाबर लेन का नाम खुदीराम बोस लेन रखा जाए, जिन्होंने 18 साल की उम्र में भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी.

पत्र में महाकाव्य रामायण के निर्माता महर्षि वाल्मीकि के नाम पर हुमायूं रोड का नाम बदलने का भी सुझाव दिया गया है. गुप्ता ने कहा, ‘हुमायूं रोड का नाम बदलकर महाकाव्य रामायण के रचियता के नाम पर महर्षि वाल्मीकि रोड रखा जाना चाहिए, जो श्री राम के जीवन के माध्यम से हमें जीवन के सत्य व कर्तव्य से परिचित करवाता हैं.’

पत्र में पूर्व सेना प्रमुख और भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, दिवंगत जनरल बिपिन रावत के नाम पर शाहजहां रोड का नाम बदलने का भी उल्लेख किया गया है.

उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि गुलामी के प्रतीक इन नामों के खिलाफ हमारे इस अभियान में आप इसका संज्ञान लेंगे और जल्द निर्णय देंगे.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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