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Friday, 22 November, 2024
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MP में CM चेहरे के लिए BJP का खेल जारी, शिवराज ने मतदाताओं से कहा—‘जब मैं चला जाउंगा, तब याद आऊंगा’

चौहान की टिप्पणी जिसे कांग्रेस ने ‘विदाई भाषण’ करार दिया — ऐसे समय में आई है जब भाजपा ने कहा है कि मध्य प्रदेश का चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ा जाएगा.

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नई दिल्ली/भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने रविवार को महिलाओं की एक सभा में कहा, “जब मैं चला जाऊंगा, तब याद आऊंगा”, जिस पर कांग्रेस ने चुटकी लेते हुए इसे उनका “विदाई भाषण” करार दिया.

चौहान की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आलाकमान ने उन्हें सत्ता बरकरार रखने के लिए पार्टी के सीएम की पसंद के रूप में पेश करने से इनकार कर दिया है और कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चेहरा होंगे और चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ा जाएगा.

गौरतलब है कि शिवराज सिंह चौहान 18 साल तक मध्य प्रदेश के सीएम रहे हैं.

राज्य सरकार की मुख्यमंत्री चरण पादुका योजना (योजना के तहत, तेंदू पत्ता तोड़ने वालों को जूते, चप्पल, साड़ी, पानी की बोतलें दी जाती हैं) के तहत लाभ वितरित करते हुए, चौहान ने अपने गृह जिले सीहोर के लाडकुई में एक संबोधन में कहा, “ऐसा भैया मिलेगा नहीं”.

कांग्रेस नेता अरुण यादव ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि चौहान की टिप्पणी से संकेत मिलता है कि राज्य में भाजपा सरकार, जो इस साल के अंत में चुनाव में जा रही है, जाने वाली है.

उन्होंने कहा, “शिवराज भैया की जो परिस्थिती आज की तारीख में है, उससे ये स्पष्ट होता है कि, उनका जाना तय हो रहा है एमपी में.” यादव ने आगे कहा, “वो खुद ही कह रहे हैं कि मेरे जाने के बाद ऐसा भैया नहीं मिलेगा.” कांग्रेस के मीडिया समन्वयक पीयूष बबेले ने कहा कि चौहान ने “अपनी विदाई” की घोषणा कर दी है. उन्होंने कहा, “निश्चित रूप से घोटालों और खराब शासन को सभी याद रखेंगे.”


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बीजेपी में दरकिनार?

सीहोर में अपने संबोधन में चौहान ने कहा कि उन्होंने “मध्य प्रदेश में राजनीति की परिभाषा बदल दी है”.

उन्होंने कहा, “आप सभी ने वर्षों तक कांग्रेस का शासन देखा है. बताइए, क्या कभी जनता के लिए ऐसी चिंता थी? क्या होता था…? मैं सरकार नहीं चला रहा हूं, मैं एक परिवार चला रहा हूं…आप सभी मेरा परिवार हैं.”

चौहान का भाषण भाजपा द्वारा मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची की घोषणा के कुछ दिनों बाद आया है, जिसमें तीन केंद्रीय मंत्री और चार अन्य सांसद शामिल हैं. इनमें नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद सिंह पटेल जैसे नेता भी शामिल हैं.

इसके अलावा, 2018 के विपरीत चौहान एकमात्र पार्टी सदस्य नहीं थे जिन्होंने 3 से 21 सितंबर तक मध्य प्रदेश में भाजपा की ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ का नेतृत्व किया था.

इस बार, पार्टी ने यह सुनिश्चित करने के लिए नेताओं की एक श्रृंखला तैनात की कि चौहान को रैलियों के चेहरे के रूप में नहीं देखा जाए और जो छवि पेश की गई वह सामूहिक नेतृत्व की है.

‘जन आशीर्वाद यात्रा’ अपनी सरकार की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए भाजपा का एक व्यापक सार्वजनिक पहुंच कार्यक्रम है.

इन घटनाओं से यह अटकलें लगने लगी हैं कि चौहान को पार्टी द्वारा दरकिनार किया जा रहा है.

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “दो दिन पहले, चौहान जी ने खरगोन में एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने बताया था कि उन्हें सत्ता और पद का कोई लालच नहीं है.”

नेता ने कहा, “चौहान ने इस बात पर जोर दिया था कि वे मध्य प्रदेश के लोगों के लिए काम करने में विश्वास करते हैं और ऐसा करते रहेंगे, जिस तरह से पार्टी ने सांसदों और मंत्रियों के लिए टिकटों की घोषणा की और अब तक उन्हें घोषित नहीं किया, वो नेताओं और कार्यकर्ताओं के एक वर्ग को पसंद नहीं आया.”

(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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