scorecardresearch
Friday, 1 November, 2024
होमराजनीतिपहली बार कश्मीर घाटी में सफल हुई BJP, रवि शंकर प्रसाद बोले- ये भारत के लोकतंत्र की जीत है

पहली बार कश्मीर घाटी में सफल हुई BJP, रवि शंकर प्रसाद बोले- ये भारत के लोकतंत्र की जीत है

प्रसाद ने कहा, जम्मू-कश्मीर डीडीसी चुनाव में भाजपा को इतने वोट मिले हैं जो एनसीपी, पीडीपी और कांग्रेस इन तीनों का वोट मिला दीजिए तो भाजपा का वोट इनसे ज्यादा है. हालांकि चुनाव में 49 निर्दलीयों ने भी अपनी धमक दिखाई है.

Text Size:

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में जो डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट काउंसिल चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आयी है. भारतीय जनता पार्टी इन परिणामों से गदगद है. एक ओर जहां घाटी में पहली बार भाजपा को इतनी बड़ी जीत मिली है वहीं वह घाटी की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने आज मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘लोगों की लोकतंत्र में आस्था पनपी है.भाजपा की जम्मू और कश्मीर में जीत बहुत ही उत्साहवर्धक है.’

उन्होंने भाजपा की जीत को भारत की जीत बताते हुए कहा, ‘ये भारत की विजय है, ये भारत के लोकतंत्र की विजय है, ये जम्मू-कश्मीर की जनता की विजय है, ये आशा और विकास की विजय है.’

प्रसाद ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर की जनता ने अलगाववादियों पर बहुत बड़ा तमाचा लगाया है. भाजपा को 74 सीटें मिली हैं, नेशनल कांफ्रेंस को 67 सीट, पीडीपी को 27 और कांग्रेस को 26 सीट मिली है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘ जो बार-बार गुपकार एलायंस की विक्टरी को बताया जा रहा है, तो पहली बात ये जान लें कि वो एलायंस भाजपा से अकेले नहीं लड़ने की कमजोरी के कारण बना था.’

जम्मू-कश्मीर डीडीसी चुनाव में भाजपा को इतने वोट मिले हैं जो एनसीपी, पीडीपी और कांग्रेस इन तीनों का वोट मिला दीजिए तो भाजपा का वोट इनसे ज्यादा है. भाजपा को वोट मिले हैं 4,87,364, नेशनल कांफ्रेस को वोट मिले हैं 2,82,514, पीडीपी को वोट मिला है 55,789 और कांग्रेस को वोट मिले हैं 1,39,382.’

‘भाजपा को इन तीनों पार्टियों को मिले वोट से भी ज्यादा वोट मिले हैं. कश्मीर की जनता ने राज करने वालों और काम करने वालों के अंतर को पहचाना है. लोगों ने देखा है कि जम्हूरियत उनके दरवाजे पर विकास का दस्तक दे सकती है.’

उन्होंने इस दौरान बताया कि कुलगाम में बीजेपी को 78.9% वोट पड़े हैं जबकि शोपियां में 70.5 फीसदी और पुलवााम जहां जनता निकलती नहीं थी वहां पर 7.4 फीसदी वोटिंग दर्ज की है. यहां 2018 में पंचायती चुनाव में1.1 फीसदी वोट पड़े थे.


यह भी पढ़ें: किसान संकट खत्म करने के लिए वाजपेयी के कृषि मंत्री सोमपाल शास्त्री ने मोदी सरकार को दी यह सलाह


निर्दलीयों ने दिखाई धमक

जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद के पहले चुनाव में 280 में से 49 सीटों पर जीत दर्ज कर निर्दलीय उम्मीदवार केन्द्र शासित प्रदेश में कांग्रेस और पीडीपी जैसी पार्टियों से आगे निकल एक अहम भूमिका में आ गए हैं.

निर्दलीय उम्मीदवार तरण जीत सिंह ने तो जम्मू क्षेत्र के सुचेतगढ़ में भाजपा के दो बार के विधायक एवं पूर्व मंत्री श्याम लाल चौधरी को 11 मतों से मात देकर एक बड़ी जीत अपने नाम की. भाजपा हालांकि 74 सीट पर जीत हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. पार्टी अभी एक सीट पर आगे भी चल रही है, लेकिन चौधरी और पूर्व मंत्री शक्ति राज परिहार की डोडा जिले में हार से पार्टी को झटका भी लगा है.

निर्दलीय उम्मीदवारों ने 49 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है और पुंछ जिले में एक सीट पर अभी एक निर्दलीय उम्मीदवार ही आगे चल रहा है.

निर्दलीय उम्मीदवार अवतार सिंह चुनाव जीतने वालों में से सबसे अधिक किस्मत वाले रहे, जिन्हें दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के दादसारा निर्वाचन क्षेत्र में केवल तीन मतों से जीत मिली. अवतार सिंह ने 246 और उनके नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रतिद्वंद्वी अली मोहम्मद भट्ट को 243 वोट मिले थे.

इनके अलावा निर्दलीय उम्मीदावार बिलकिस जान को शोपियां जिले के जैनपोरा में 11 मतों के अंतर से जीत मिली. जान को 146 और इकबाल को 135 वोट मिले थे. निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद यासीन राठर को कमरवारी निर्वाचन क्षेत्र में 156 वोट मिले और उन्होंने 21 मतों के अंतर से जीत दर्ज की.

जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद के पहले चुनाव में फारुक अब्दुल्ला नीत सात दलों के गुपकर गठबंधन ने 110 सीटों पर जीत दर्ज की है और भाजपा ने 74 सीटे अपने नाम की है.

उत्तर कश्मीर के बांदीपोरा और कुपवाड़ा जिलों और जम्मू क्षेत्र के पुंछ और राजौरी जिलों की एक-एक सीटों के परिणाम आने अभी बाकी हैं.

पांच पूर्व मंत्रियों ने जीत दर्ज की

चुनाव में मैदान में उतरे पूर्व सात मंत्रियों में से पांच ने जीत दर्ज की है. जबकि भाजपा के दो पूर्व मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा. निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री तेज मोहिउद्दीन ने उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के उरी तहसील के परन पिलन निर्वाचन क्षेत्र में 1596 मतों से जीत दर्ज की है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री अब्दुल गनी ने रियासी जिले की माहोर सीट पर 351 मतों के अंतर से जीत दर्ज की. नेकां के ही वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री जगजीवन लाल ने रियासी सीट पर भाजपा उम्मीदवार चमन लाल को 237 मतों से मात दी.

निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार पूर्व कांग्रेस नेता एवं वरिष्ठ गुर्जर नेता एजाज अहमद खान जो जम्मू एंड कश्मीर अपनी पार्टी में शामिल हो चुके हैं, उन्होंने रियासी जिले के थूरू से 1578 मतों के अंतर से जीत दर्ज की.

पहाड़ी नेता एवं कांग्रेस के पूर्व मंत्री शबीर अहमद खान ने राजौरी जिले की मंजाकोटे सीट पर 3394 मतों के अंतर से जीत दर्ज की. उमर अब्दुल्ला नीत नेकां-कांग्रेस सरकार में खान मंत्री थे. भाजपा के पूर्व मंत्री शाम लाल चौधरी को जम्मू और शक्ति राज परिहार को डोडा जिले में हार का सामना करना पड़ा.

आयोग के अधिकारियों के अनुसार चौधरी केवल 11 मतों के अंतर से हार गए, जो कि डीडीसी चुनाव में जीत या हार का अभी तक का सबसे ‘‘छोटा’’ अंतर है.

अधिकारियों के अनुसार जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद के पहले चुनाव में फारुक अब्दुल्ला नीत सात दलों के गुपकर गठबंधन ने 110 सीटों पर जीत दर्ज की है और भाजपा ने 74 सीटे अपने नाम की है.

उत्तर कश्मीर के बांदीपोरा और कुपवाड़ा जिलों और जम्मू क्षेत्र के पुंछ और राजौरी जिलों की एक-एक सीटों के परिणाम आने अभी बाकी हैं.


यह भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर डीडीसी चुनाव में गुपकार अलायंस ने बड़ी जीत हासिल की, भाजपा एकलौती सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी


 

share & View comments