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Monday, 13 May, 2024
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कांग्रेस के ‘डिफॉल्टर काल’ कटाक्ष पर बीजेपी का पलटवार, कहा- 2024 में जनता ‘विश्वास मत’ देगी

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इससे पहले आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार देश की अर्थव्यवस्था को ‘डिफॉल्टर काल’ की तरफ ले जा रही है.

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सरकार पर कांग्रेस के ‘डिफॉल्टर काल’ कटाक्ष को लेकर शनिवार को कहा कि यह दिलचस्प है कि भारत के फंसे हुए कर्ज (एनपीए) संकट के लिए जिम्मेदार रहे लोगों ने ही खुद के द्वारा पैदा की गई आपदा के समाधान पर सवाल उठाने का दुस्साहस किया है.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इससे पहले आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार देश की अर्थव्यवस्था को ‘डिफॉल्टर काल’ की तरफ ले जा रही है.

बीजेपी के आईटी प्रकोष्ठ प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप का खंडन किया और ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि सरकार की कोशिशों के चलते सार्वजनिक क्षेत्र की हर कंपनी अब फायदे में है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ‘सहयोगी’ एवं भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन इस बात का जिक्र करने में स्पष्ट रहे हैं कि फंसे हुए कई रिण (एनपीए) कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार (2004-2014) के समय के हैं.

अर्थव्यवस्था पर सरकार के हमले का 2024 के लोकसभा चुनावों में लोगों के जवाब देने संबंधी खरगे की टिप्पणी पर मालवीय ने कहा, ‘‘भारत के लोग निर्णायक कदम उठाने वाली बीजेपी के लिए विश्वास मत के साथ जवाब देंगे, ना कि यह संकट पैदा करने वाले कांग्रेस और इसके साझेदारों को वोट देकर.’’

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मालवीय ने आरोप लगाया कि बैंकों पर कर्ज देने का काफी राजनीतिक दबाव था और वे इतने लापरवाह थे कि उन्होंने कांग्रेस की करीबी अपात्र कंपनियों और व्यापारियों को हजारों करोड़ रुपये का ऋण दिया.

उन्होंने कहा कि इन ऋणों को विभिन्न ‘अकाउंटिंग’ तिकड़म का इस्तेमाल करते हुए छिपा कर रखा गया, और (नरेन्द्र) मोदी सरकार द्वारा 2015 में संपत्ति गुणवत्ता समीक्षा शुरू कराये जाने के बाद इसका खुलासा हो पाया.

उन्होंने कहा, ‘‘हमने इसे छिपाने के लिए कांग्रेस द्वारा अपनाई गई तरकीब के बजाय बहादुरी और ईमानदारी से इसका मुकाबला किया तथा गैर निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) संकट का हल किया.’’

मालवीय ने कहा, ‘‘ऋण को बट्टे खाते में डालना महज अकाउंटिंग और नियामक जरूरत है, कर्ज माफी नहीं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘बैंक वसूली के लिए ‘डिफॉल्ट’ के मामलों को कानूनी मंच पर ले जाते हैं. बैंकों ने पिछले नौ वर्षों में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है.’

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का लाभ 2013-14 में 36,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में 1.04 लाख करोड़ रुपये हो गया है.

बीजेपी नेता ने कहा,‘‘इसलिए, बेबुनियाद आरोप लगाने से पहले, कांग्रेस को खुद के द्वारा छोड़ी गई विरासत पर गौर करना चाहिए.’’

खरगे ने एक खबर का हवाला देते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘नरेन्द्र मोदी जी, आपकी सरकार भारत की अर्थव्यवस्था को ‘डिफॉल्टर काल’ की ओर ले जा रही है! अपने पूंजीपतियों को ‘मुफ्त की रेवड़ियां’ बांटना और आम लोगों की बचत को नष्ट करना आपका एकमात्र एजेंडा रहा है.’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या यह सच नहीं है कि मार्च 2019 के बाद से जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों का बकाया 100 करोड़ रुपये प्रतिदिन बढ़ गया है? क्या आपकी सरकार ने पिछले नौ वित्तीय वर्षों में 14.56 लाख करोड़ रुपये का एनपीए माफ नहीं किया है?’’


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