कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि गुजरात में पिछले तीन दिनों में दो बार पार्टी प्रवक्ता साकेत गोखले की गिरफ्तारी यह दर्शाती है कि लोकतंत्र ‘पर खतरा बरकरार है.’
गुजरात पुलिस ने बृहस्पतिवार को महानगरीय अदालत से जमानत मिलने के कुछ ही घंटों के भीतर गोखले को मोरबी पुल हादसे पर उनके ट्वीट से जुड़े मामले को लेकर गिरफ्तार कर लिया था.
अभिषेक ने कहा, ‘गुजरात पुलिस ने साकेत गोखले को पिछले तीन दिन के अंतराल में दो बार गिरफ्तार किया, वो भी आदर्श आचार संहिता के प्रभावी रहने के दौरान.’
उन्होंने कहा, ‘निर्वाचन आयोग ने पूरी तरह से समर्पण कर रखा है। वह लगातार भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के अधीन काम कर रहा है. लोकतंत्र पर खतरा बरकरार है.”
गोखले ने एक दिसंबर को एक समाचार क्लिप ट्वीट की थी, जिसमें सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत कथित तौर पर प्राप्त जानकारी के आधार पर दावा किया गया था कि पुल हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मोरबी दौरे पर 30 करोड़ रुपये खर्च हुए थे.
उन्होंने लिखा था, ‘आरटीआई आवेदन ने खुलासा किया है कि प्रधानमंत्री मोदी के कुछ घंटों के मोरबी दौरे पर 30 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. इसमें से 5.5 करोड़ रुपये विशुद्ध रूप से ‘स्वागत, इवेंट मैनेजमेंट और फोटोग्राफी’ पर खर्च हुए थे.’
मंगलवार को प्रेस सूचना ब्यूरो ने एक ‘फैक्ट चेक’ ट्वीट कर उक्त सूचना के गलत होने की बात कही थी.
इसके बाद गोखले के खिलाफ जालसाजी और मानहानिकारक सामग्री प्रकाशित करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. छह दिसंबर को उन्हें मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था.
बृहस्पतिवार को पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद अहमदाबाद की एक अदालत ने गोखले को जमानत दे दी थी. हालांकि, उन्हें जल्द ही मोरबी पुलिस द्वारा दर्ज एक अन्य मामले में गिरफ्तार कर लिया गया.
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी ने बृहस्पतिवार देर रात एक ट्वीट में कहा था कि इस घटनाक्रम के मद्देनजर पार्टी ने अपना तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मोरबी भेजा है.
प्रतिनिधिमंडल में टीएमसी की वरिष्ठ नेता डोला सेन, खलीलुर रहमान और असित मल शामिल हैं।
पार्टी ने कहा, ‘हम गोखले की बिना शर्त रिहाई की मांग करते हैं.’
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