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Saturday, 9 November, 2024
होममत-विमतवो तीन चीज़ें जो टीवी और अखबारों में PM मोदी की इमेज को संवारती हैं

वो तीन चीज़ें जो टीवी और अखबारों में PM मोदी की इमेज को संवारती हैं

राज्य सरकार के विज्ञापनों से लेकर G20 और B20 तक, हर जगह पीएम मोदी का चेहरा है और टीवी चैनल भी उन्हें पसंद करते हैं.

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दो दिनों में हम सूर्य तक पहुंच जाएंगे — हमने पिछले हफ्ते ही चंद्रमा को अपनी मुठ्ठी में किया था. संभावना है, जब आदित्य-एल1, नीरज चोपड़ा के भाले की तरह आसमान में उठेगा, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी साथ होंगे और सीधे हमारी ओर देख रहे होंगे.

जैसा कि उन्होंने 23 अगस्त को किया था, जब विक्रम लैंडर चंद्रमा पर लैंड हुआ था. अभी और हमेशा के लिए प्रधानमंत्री वो चेहरा होंगे जिसने चंद्रमा के सुदूर हिस्से पर पहली बार सफल लॉन्चिंग और लैंडिंग की. अपनी आंखें बंद कीजिए और आप घटना के वीडियो फुटेज में विक्रम के ठीक बगल में उनकी तस्वीर देख पाएंगे.

पृथ्वी पर सबसे महान शो-मोदीनामा के जीवन के एक और दिन में आपका स्वागत है और यह शो कैसा रहा है, मेरे साथी नागरिकों! वो यहां, वहां और हर जगह हैं.

महत्वपूर्ण बात यह है कि जहां शेयर करने के लिए अच्छी खबर होती है, वहां वो मौजूद होते हैं.


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वो हफ्ता जो मोदी के साथ था…

पिछले हफ्ते में हमने देखा है कि मीडिया में यह कैसे किया जाता है.

23 अगस्त को चंद्रयान के लैंड होने के बाद, अगले दिन मोदी की ब्रिक्स शिखर की बैठकें थीं जहां उन्होंने ‘विश्वगुरु’ की भूमिका निभाई.

शनिवार को उन्होंने टीम चंद्रयान को बधाई देने के लिए बेंगलुरु में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुख्यालय का दौरा किया और समाचारों में अपना स्वामित्व बनाए रखा –वो मुस्कुरा रहे थे और उत्साहपूर्ण भाषण दे रहे थे.

सोमवार को, वो 51,000 रोज़गार पत्र वितरित करने के लिए वो हमारी स्क्रीन पर थे.

और मंगलवार को? केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की घोषणा के कुछ ही मिनटों के भीतर कि गैस सिलेंडर की कीमत में 200 रुपये की कमी होगी, पीएम मोदी की फोटो सभी समाचार चैनलों पर बार-बार दिखाई देने लगी: ‘पीएम मोदी का तोहफा’, चैनलों ने कहा, राखी पर ‘मोदी का अपनी बहनों के लिए तोहफा’, इंडिया टीवी ने कहा कि यह महिलाओं के साथ पीएम के विशेष “जुड़ाव” का सबूत है. रिपब्लिक भारत के एक एंकर ने कहा, “लोगों को मालूम है कि उन्हें उपहार दिया गया है”. टाइम्स नाउ ने बुधवार को कहा, ‘उपहार’ में परोपकार से कहीं अधिक देखा गया: ‘मोदी की बीजेपी हिट पोल गियर’.

एक प्वाईंट पर, एक कमर्शियल ब्रेक था — “दूर मत जाइए, हम अभी वापस आएंगे…” — प्रधानमंत्री की जल जीवन योजना के लिए – जहां प्रधानमंत्री ने हर नल को पानी से भर दिया.

राज्य सरकार के विज्ञापनों — उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश — में भी उन्हें प्रमुखता से दिखाया जाता है. दरअसल, केंद्र या बीजेपी शासित राज्यों द्वारा शुरू की गई लगभग हर योजना के लिए टीवी प्रोमो या अखबार के विज्ञापनों का श्रेय मोदी को दिया जाता है — जन धन योजना और उज्ज्वला योजना को प्रचारित किया जा रहा है.

बी20 समिट 2023 के लिए दो पेज के रंगीन विज्ञापन में मोदी को शुभंकर के रूप में दिखाया गया है, महिला सशक्तिकरण के लिए मध्य प्रदेश के ‘विकास पर्व’ विज्ञापन में टाइम्स ऑफ इंडिया के पहले पन्ने पर मोदी और चौहान हमें देखकर मुस्कुराते हुए दिखे – ध्यान दें, मोदी सिर्फ हैं वह छोटा-सा बच्चा इस अखबार के विज्ञापन में एमपी के मुख्यमंत्री से थोड़े बड़े.


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…और एक इंटरव्यू जो नहीं था

टाइम्स नाउ ने हमें बताया कि बुधवार को पीएम ने कई स्कूली लड़कियों और एक ‘मुस्लिम’ महिला के साथ ‘रक्षाबंधन’ का त्योहार मनाया.

यह हमें जी-20 शिखर सम्मेलन में लाता है. एक सप्ताह से थोड़ा अधिक समय रह गया है और हैरानी की बात नहीं है कि टीवी और अखबारों में खबरें बैठक की व्यवस्थाओं और लक्ष्यों से भरी हुई हैं. यहां भी सारा फोकस प्रधानमंत्री पर है.

ऐसे प्रोमो हैं जिनमें प्रधानमंत्री महात्मा गांधी के भारत के जी20 पल को प्रेरित करने वाले दृष्टिकोण के बारे में बात कर रहे हैं; पिछले वर्ष के दौरान देश भर में आयोजित कई जी-20 बैठकों की विशेषताएं हैं; रिपब्लिक टीवी ने मधुर संगीत की धुन पर पीएम की तस्वीरों के साथ कार्यक्रम दिखाए.

बैठक और प्रधानमंत्री के बारे में टीवी पत्रकारिता का एक अजीब अंश भी था. सोमवार को, इंडिया टुडे ने वैश्विक सभा में बिजनेस टुडे द्वारा पीएम के एक “एक्सक्लूसिव” इंटरव्यू को प्रचारित किया. हम मोदी जी को देखने और सुनने की उम्मीद में उत्साह से भरे हुए थे. वो शायद ही कभी मीडिया इंटरव्यू देते हैं और जब वो ऐसा करते हैं तो वो लोकसभा चुनाव के करीब होता है, जो फिलहाल अगले साल होने वाले हैं.

इसलिए बड़े उत्साह के साथ हम इंटरव्यू देखने के लिए रात 8 बजे टीवी के सामने बैठ गए. अफसोस; हमने पीएम का जो कुछ भी देखा वो बिजनेस टुडे के संपादकों के साथ उनकी एक फोटो गैलरी थी, हमने एंकर राहुल कंवल को साथी संपादकों और पत्रकारों के साथ बातचीत के बारे में चर्चा करते हुए सुना. हम्म्म्म.


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मोदी के लिए क्या काम करता है

मोदी को देखने की सूची अंतहीन होगी इसलिए आइए इस पर ध्यान न दें. दिलचस्प बात यह है कि पीएम की इमेज को बढ़ावा देने की रणनीति क्या है. आइए तीन एलिमेंट्स पर प्रकाश डालते हैं.

सबसे पहले, उन्हें खबरों में रखें, लोगों की नज़रों में रखें, चलते रहें, सक्रिय रखें — उन्हें ऊर्जावान रूप से हवाई जहाज की सीढ़ियां चढ़ते हुए देखें और अपनी विदेशी यात्राओं के दौरान वो कितने कार्यक्रमों में भाग लेते हैं. सुनिश्चित करें कि उनकी पहचान उज्ज्वल और सुंदर सभी चीज़ों से हों. दूसरे शब्दों में केवल सकारात्मक संदेश. उपरोक्त उदाहरण आपको बहुत कुछ बताते हैं.

इसके बाद, ‘प्रधानमंत्री’ बैनर के तहत शुरू की गई हर नई योजना के साथ उनका चेहरा, उनके शब्द जोड़ें ताकि जनता की कल्पना में, मोदी और पीएम एक ही हों.

अंत में उन्हें बुरी खबरों से दूर रखें. मणिपुर में जातीय हिंसा पर उनकी आभासी चुप्पी और राज्य का दौरा करने में उनकी विफलता के लिए पीएम मोदी की आलोचना की गई. हालांकि, यह सांप्रदायिक घटनाओं, दंगों, भयानक आपराधिक कृत्यों आदि को नज़रअंदाज करने की उनकी प्रथा के अनुरूप है. वो ऐसी घटनाओं से ऊपर रहते हैं.

उनकी नकारात्मकता विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस पर हमलों के लिए आरक्षित है. फिर, उन्हें कुचलने के लिए हर चीज़ का इस्तेमाल करने पर उन्हें कोई गुरेज़ नहीं है. तभी वो एक राजनेता के रूप में बोलते हैं. सरकार के एक नेता के रूप में वो एक गुरु बनना चाहते हैं, जो अपने झुंड को ‘अमृत काल’ में ले जाए.

(लेखिका का एक्स हैंडल @shailajabajpai है. व्यक्त किए गए विचार निजी हैं.)

(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)

(टेलिस्कोप को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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