scorecardresearch
Friday, 3 May, 2024
होममत-विमतगणतंत्र दिवस परेड को लेकर सवाल उठ रहे हैं लेकिन इस समारोह के लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता

गणतंत्र दिवस परेड को लेकर सवाल उठ रहे हैं लेकिन इस समारोह के लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता

परेडों से दुनिया को यही संदेश जाता है कि देश की सुरक्षा क्षमता कितनी मजबूत है और वह विश्व समुदाय में एक भरोसेमंद सदस्य की तरह कितनी बड़ी भूमिका निभा सकता है. 

Text Size:

भारत के गणतंत्र दिवस परेड का आकार और उसकी भव्यता साल-दर-साल बढ़ती ही गई है, जिनमें राष्ट्र की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन होता रहा है. इन शानदार समारोहों पर शायद ही सवाल उठाया जा सकता है. देश जबकि एक महामारी से मुकाबला कर रहा है, इस दौर को सामान्य नहीं कहा जा सकता है.

गणतंत्र दिवस परेड को इतने भारी-भरकम पैमाने पर मनाने को लेकर कई तरह के विचार पेश किए गए हैं, उस पर सवाल भी उठाया गया है. लेकिन यह एक अलग नज़रिया है.

मेरे विचार से गणतंत्र दिवस समारोह का इससे बेहतर समय नहीं हो सकता है. भारत को समारोह मनाने की जरूरत है, खासकर इसलिए कि वह एक के बाद एक, कई संकट से गुजर चुका है— दुश्मन पड़ोसी देश की आक्रामकता और स्वास्थ्य संकट से, जिसने हमारे सामूहिक सामाजिक ढांचे का कड़ा इम्तहान लिया और भारी दबाव में रही देश की अर्थव्यवस्था.


यह भी पढ़ें: भारत की खेतीबाड़ी में अब तक क्यों उपेक्षित है ‘आधी आबादी’ का संकट


समारोह क्यों मनाएं

जब हम एक नया साल कोविड के टीके को जारी करते हुए सकारात्मक के साथ शुरू कर रहे हैं, गणतंत्र दिवस परेड हरेक भारतीय को आश्वस्त करेगी कि हम एक बदतर दौर से उबरकर आगे बढ़ चुके हैं और देश, सरकार, प्रशासन अपने नागरिकों की सुरक्षा करने में सक्षम है.

परेड में सैन्य शक्ति का प्रदर्शन हरेक नागरिक को आश्वस्त करेगा कि भारत सभी बाहरी खतरों का सामना करने में पूरी तरह सक्षम है. याद कीजिए कि 15 जनवरी को सेना दिवस में जब ‘ड्रोन स्वार्म’ का प्रदर्शन किया गया था तब दुनिया भर में इसकी कितनी चर्चा हुई थी. उसने विश्व मीडिया, विश्लेषकों और दूसरी सेनाओं का ध्यान आकृष्ट किया था. इसी तरह का भरोसा गणतंत्र दिवस परेड हरेक भारतीय के मन में जगाएगी.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

परेड में भारत की ताजा उपलब्धियों का प्रदर्शन होगा, चाहे वह अस्त्र-शस्त्र के मामले हो या सैन्य साजोसामान के मामले में या वैज्ञानिक शक्ति के क्षेत्र में. हमें यह प्रदर्शित करना चाहिए कि दुनिया में 60 प्रतिशत टीकों का उत्पादन करने वाले भारत ने कोविड का नया टीका विकसित किया है और दुनिया भर के लिए उसका उत्पादन कर रहा है. हमने दुनिया में टीकाकरण का सबसे बड़ा अभियान शुरू किया है और अपने पड़ोसी देशों को टीकों की 50 लाख खुराक भेंट में दी है.


यह भी पढ़ें: वो 7 कारण जिसकी वजह से मोदी सरकार ने कृषि सुधार कानूनों से हाथ खींचे


परेड का मकसद

दुनिया भर में परेड किसी जीत की याद में या सैन्य शक्ति या सांस्कृतिक झांकी अथवा दोनों के एक साथ के प्रदर्शन के लिए आयोजित की जाती है. इनका मकसद नागरिकों को यह आश्वस्त करना होता है कि उनका देश बाहरी खतरों से उनकी रक्षा करने में सक्षम है. परेड देश की सैन्य शक्ति के बारे में और विश्व समुदाय के एक भरोसेमंद सदस्य की भूमिका निभाने की उसकी तैयारी के बारे में भी दुनिया भर को संदेश देती है. यह उसकी मजबूती को लेकर दूसरे देशों में भरोसा भी जगाती है, उस मजबूती के बारे में जो उसकी आर्थिक वृद्धि और विकास का आधार बन सकती है. इस तरह सकारात्मकता का एक चक्र बन जाता है.

बीता वर्ष भारत के लिए बेहद कठिन रहा. करीब पचास वर्षों में पहली बार हमें पूर्वी लद्दाख में चीन से टक्कर लेनी पड़ी, और यह अभी खत्म नहीं हुई है. देश को अर्थव्यवस्था में गिरावट के अलावा कई उथल-पुथल और किसान आंदोलन जैसे कई प्रदर्शनों का सामना करना पड़ा. यह सब एक महामारी के दौर में ही हुआ, जिसके कारण लाखों लोगों की मौत से करोड़ों लोगों को दुख और विपत्ति का सामना करना पड़ा. लेकिन देश ने पूरी ताकत और धैर्य से महामारी से संघर्ष किया.

अगर ऐसा लगता है कि परेड या लोगों के इकट्ठा होने से सोशल डिस्टेन्सिंग के मानकों का उल्लंघन होगा, तो चाहे परेड में भाग लेने वाले हों या दर्शक हों, हरेक को आश्वस्त हो जाना चाहिए कि अधिकारी लोग नियमों का पालन सुनिश्चित करेंगे, जैसा कि सेना दिवस परेड में हम देख चुके हैं. दर्शकों की संख्या में भारी कटौती की गई है.

कुछ लोग यह सवाल भी उठा रहे हैं कि जब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेने से माना कर दिया है तब ये परेड क्यों कारवाई जा रही है? इससे बचकाना तर्क और क्या हो सकता है? विदेशी मेहमान मुख्य अतिथि होते हैं. परेड मुख्यतः मुख्य अतिथि के लिए ही नहीं आयोजित की जाती. भारत की गणतंत्र दिवस परेड भारतीयों के लिए है, जो इसे अपनी शान समझते हैं.

जय हिंद.

(लें. जनरल (रि.) सतीश दुआ कश्मीर में कोर कमांडर थे और चीफ ऑफ इंटिग्रेटिड डिफेंस स्टाफ के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. व्यक्त विचार निजी हैं)

(इस लेख को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: नरवणे ने पीएम का जिक्र कर भूल की, उन्हें पता होना चाहिए कि नेहरू ने करिअप्पा से क्या कहा था


 

share & View comments