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Sunday, 3 November, 2024
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कोबरा से कटवाकर पत्नी की हत्या: विज्ञान की मदद से कैसे केरल के इस व्यक्ति को पकड़ा गया

केरल के सूरज एस. कुमार द्वारा मई 2020 में अपनी पत्नी उथरा की हत्या के लिए उसे दोहरा आजीवन कारावास और 5 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई. पुलिस ने चिकित्सकीय, फोरेंसिक और वैज्ञानिक प्रमाणों के माध्यम से उस पर यह केस बनाया था.

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नई दिल्ली: 13 अक्टूबर को केरल के कोल्लम जिले में एक जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सूरज एस. कुमार द्वारा 7 मई 2020 को अपनी पत्नी उथरा की हत्या के लिए उसे दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई और उस पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.

इस मामले में कोई भी प्रत्यक्ष सबूत मौजूद नहीं थे लेकिन केरल पुलिस ने सांप के द्वारा काटे जाने के तरीके से संबंधित चिकित्सकीय, फोरेंसिक और वैज्ञानिक साक्ष्य सावधानीपूर्वक जुटाकर यह साबित कर दिया कि सूरज ने 1.52 मीटर लंबे कोबरा का उपयोग करके उथरा को मार डाला था.

कोविड-19 महामारी के कारण यह पूरा मुकदमा ऑनलाइन चलाया गया था और आरोपी से 700 से अधिक सवाल पूछे गए थे, मगर उसने सभी आरोपों से साफ इनकार कर दिया था. पुलिस ने अदालत के समक्ष सत्तासी गवाहों को पेश कर पूछताछ की, इसके अलावा एक लाइव (जीवंत) प्रदर्शन प्रस्तुत कर के यह स्थापित करने की कोशिश की गई कि सांप का काटना एक मानव हत्या का कृत्य था और यह प्राकृतिक नहीं था.

मरे हुए सांप, जिसे जांच के दौरान खोज निकाला गया था, का शव परीक्षण करने वाले सर्जनों द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूतों के आधार पर एक मजबूत केस बनाया गया था तथा इसके लिए पशु चिकित्सकों के अलावा, वन्यजीव अधिकारी, प्राणी विज्ञानी, पशुचिकित्सक (सरीसृप और उभयचर विशेषज्ञ), सांप पालने वाले लोगों और चिकित्सा विशेषज्ञ से भी सवाल किये गए थे. उन्होंने उन 29 परिस्थितियों को स्थापित किया जिनके आधार पर पुलिस ने हत्या को साबित करने का भरोसा दिखाया था.

अदालत ने इन विशेषज्ञ गवाहों की सत्यता को गलत ठहराने के सूरज के सभी प्रयासों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उन्होंने अपनी राय के समर्थन में पूर्णतः वैध और पुख्ता कारण पेश किये थे. अदालत द्वारा कहा गया, ‘इन पर संदेह करने की रत्ती भर भी गुंजाइश नहीं है.’

अदालत ने आगे कहा कि उथरा जब एक सांप (वाईपर) के काटे जाने के बाद स्वस्थ हो रही थी तभी उसे एक नाग (कोबरा) के द्वारा डंसा गया और उसकी मृत्यु के समय उसे कोई अन्य घातक बीमारी नहीं थी.

अदालत की पीठ ने यह भी फैसला सुनाया कि सर्प (वाईपर) द्वारा काटा जाना भी एक बाह्य प्रेरित ((उकसावे वाला) कृत्य था और यह उथरा से छुटकारा पाने के लिए सूरज द्वारा रची गई साजिश का ही हिस्सा था.

हत्या के मकसद के बारे में अदालत ने कहा कि उथरा की मानसिक स्थिति के कारण सूरज की उसके प्रति दुर्भावना थी. मगर, वह उसके परिवार से उनकी शादी के अवसर पर प्राप्त संपत्ति को बरकरार रखना चाहता था, इसलिए उसने इस ‘हत्या को प्राकृतिक और सांपों के अभिशाप के रूप में पेश करने’ की साजिश रची.


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सूरज पर लगाए गए आरोप

उथरा के परिवार द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद सूरज पर हत्या, हत्या के प्रयास और सबूत नष्ट करने के आरोप लगाए गए थे.

सांप से काटे जाने की एक घटना के बाद स्वास्थ्य लाभ हेतु उथरा अपने माता-पिता के घर में रह रही थी, जब 7 मई 2020 की सुबह उसकी मां ने उसे गतिहीन अवस्था में पड़ा पाया था. जब उसके परिजन उसे अस्पताल ले गए तो वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. वहां के डॉक्टरों ने परिवारवालों से कहा कि उसकी मौत एक और सर्पदंश से हुई है.

उसके बाद उथरा के परिवारवालों ने मामले में गड़बड़ी का संदेह जताया और उसकी मौत की विस्तृत जांच की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि सूरज उथरा के मृत पाए जाने से पहले वाली रात पहले उसके साथ था और उन्होंने यह भी दावा किया कि वह उसे पैसों के लिए परेशान कर रहा था. उसकी मृत्यु के बाद, उसने अपने बच्चे को इस शर्त पर अपने साथ रखने की पेशकश की थी कि उसके (उथरा के) माता-पिता उसकी आर्थिक रूप से सहायता करते रहेंगे.

पुलिस के अनुसार, सूरज ने उथरा को कोबरा से कटवाने से पहले उसे जूस में मिलाकर बेहोशी की गोलियां दी थीं. फिर जब उसे पूरी तरह यकीन हो गया कि वह बेहोश है, उसके बाद ही उसने उसकी बायीं बांह पर दो बार सांप से कटवाया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उसकी मृत्यु सांप के जहर से ही हुई है.


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सूरज द्वारा बचाव में दिए गए तर्क

सूरज ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों का खंडन किया. उसने दावा किया कि उसकी पत्नी की मृत्यु से तीन महीने पहले, फरवरी 2020 में भी ऐसे कई अवसर आये थे जब उसके घर के परिसर में सांप देखे गए थे और उसने उन्हें पकड़ने के लिए एक संपेरे से भी मदद मांगी थी.

पुलिस के मुताबिक, उसने वाईपर और कोबरा दोनों को उसी संपेरे से खरीदा था.

उसने इस बात से भी इनकार किया कि उसकी पत्नी की मानसिक स्थिति खराब थी. इसके लिए उसने तर्क दिया कि ‘वह स्कूटर चलाती थीं और व्हाट्सएप के माध्यम से मलयालम के साथ-साथ अंग्रेजी में भी बातें किया करती थीं’.

सूरज ने दावा किया कि जिस रात उथरा को सांप ने काटा था, उस रात उसके सोने के कमरे की खिड़कियां खुली रखी गई थीं, क्योंकि वह एयर-कंडीशनिंग के प्रति असहजता महसूस कर रही थी.

उसने यह भी दावा किया कि उसके ससुराल वालों ने संपत्ति विवाद और उनके बच्चे की कस्टडी को लेकर पैदा हुई रंजिश के चलते ही उसके खिलाफ झूठा मामला दायर किया था.


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‘कोबरा अपनी लंबाई के एक तिहाई से ज्यादा ऊपर नहीं उठा सकता’

अदालत ने अपने 478 पन्नों के फैसले में सांप के काटने के संदर्भ में फोरेंसिक और चिकित्सकीय साहित्य और पुलिस द्वारा पेश किये गए विशेषज्ञों की टीम द्वारा दी गयी राय पर विस्तार से चर्चा की है. उसने यह निष्कर्ष निकाला कि 152 सेंटीमीटर लंबे कोबरा का किसी भी खिड़की से प्राकृतिक रूप से प्रवेश संभव नहीं था.

मामले की जांच के तथ्यों के अनुसार, उथरा का कमरा भूतल पर स्थित था लेकिन इसकी खिड़की जमीन से 62 सेमी की ऊंचाई पर थी और अदालत ने विशेषज्ञों की इस राय से सहमति व्यक्त की कि कोई भी कोबरा केवल अपनी लंबाई के एक तिहाई हिस्से के बराबर की ऊंचाई तक ही खुद को खड़ा कर सकता है. इसका अर्थ यह था कि जिस कोबरा ने उथरा को डंसा था वह खुद को जमीन से लगभग 50 सेमी तक ही उठा सकता था.

जहां तक दरवाजे के नीचे खाली जगह की बात थी, न्यायाधीश ने कहा कि सांप के अंदर आने लिए यह बहुत संकरा सस्ता था.

फैसले में कहा गया, ‘उथरा के कमरे के दरवाजे और फर्श के बीच के न्यूनतम अंतर और वेंटिलेटर और बेडरूम की नालियों (कमरे के साथ लगे बाथरूम में) की बनावट की वजह से और इस तथ्य के कारण कि ड्रेसिंग रूम की खिड़की की ऊंचाई भी 2 मीटर से अधिक थी, सांप के उथरा के कमरे में स्वाभाविक रूप से प्रवेश करने की संभावना से इनकार किया जाता है.’

विशेषज्ञों ने अदालत को बताया था कि कोबरा घर की दीवार से लगे पाइप के रस्ते से ऊपर नहीं चढ़ सकते.

इसके अलावा, उथरा के कमरे में केरोसिन और फिनाइल की गंध भी पाई गई थी और ये दोनों प्रकृतिक रूप से सांपों को भगाने वाले गंध माने जाते हैं, यह भी एक वजह थी कि यह अपने-आप वहां नहीं आ सकता था.

विशेषज्ञों ने आगे कहा कि कोबरा द्वारा काटने का समय भी प्राकृतिक रूप से सही नहीं था क्योंकि आमतौर पर कोबरा उस समय सक्रिय नहीं होते थे जब उथरा को कथित तौर पर सांप ने काटा था. उनकी राय में, जिसे अदालत ने भी स्वीकार किया, कोबरा शाम 5 बजे से रात 8 बजे के बीच ही सक्रिय रहते हैं.

पुलिस को दिए अपने बयान में सूरज ने दावा किया था कि सांप द्वारा उथरा को संभवत: रात में उस समय डंस लिया गया था, जब वह सो रही थी. विशेषज्ञों ने कहा कि ऐसा नहीं होता है कि कोबरा अपने छिपने की जगह से बाहर आते हैं और काटते हैं, जब तक कि उनके सामने कोई गंभीर उत्तेजना या प्रलोभन न हो.


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सांप के काटने का निशान सामान्य से अधिक चौड़ा था

अदालत ने सूरज द्वारा सांप के काटने की घटना के स्वाभाविक होने के सिद्धांत का खंडन करने के लिए इन चार परिस्थितियों का जिक्र किया कि दो निशान दो बार लगातार काटे जाने के थे, कि काटने के दो स्थान आपस में बहुत निकट थे, कि वे सामान्य रूप से सांप के काटे जाने के निशान की तुलना में बहुत चौड़े थे और काटने के दोनों निशान में सांप के विषदंतों के बीच की चौड़ाई के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर था.

एक पूर्ण रूप से विकसित कोबरा के विषदंत की सामान्य लंबाई 6 से 7 मिलीमीटर होती है और किसी भी कोबरा के विषदंतों के बीच की प्राकृतिक दूरी- जिसे विषदंत की चौड़ाई के रूप में जाना जाता है- 1 सेमी से 1.6 सेमी के बीच होती है.

उथरा के मामले में फोरेंसिक साक्ष्य से पता चलता है कि उथरा के शरीर पर दोनों काटने के निशानों में विषदंत की चौड़ाई 2 सेमी से अधिक थी- लगातार काटे जाने के दो निशान एक दूसरे से 2 मिमी अलग थे और दोनों विषदंत के निशानों के बीच की दूरी क्रमशः 2.3 सेमी और 2.8 सेमी थी.

अदालत द्वारा यह पूछे जाने पर कि विषदंत की चौड़ाई इतनी अधिक कैसे हो सकती है, विशेषज्ञों ने कहा कि किसी भी सांप को इसके सिर पर दबाव डाले बिना किसी को काटने के लिए उकसाना संभव नहीं है. और ‘जब मैक्सिला (ऊपरी जबड़े) पर दबाव डाला जाता है, तो इंटर कार्टिलेज स्पेस बढ़ जाता है, जैसा कि विषदंतों के बीच की चौड़ाई के मामले में होता है. उदाहरण के लिए, जब कोबरा का जहर दूह कर निकाला जाता है, तो उसके विषदंतों के बीच की चौड़ाई बढ़ जाती है.’

इस सबूत के आधार पर, अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष ने निर्णायक रूप से साबित कर दिया है कि उथरा को उकसाये हुए नाग से कटवाने का काम किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप उसे घातक विषाघात हुआ और उसकी मृत्यु हो गई’.

विशेषज्ञों द्वारा दी गयी राय के आधार पर कोर्ट ने आगे कहा, ‘मूल रूप से, कोबरा अपना जहर खर्च करने के मामले में बहुत कंजूस से होते हैं. स्वाभाविक रूप से किसी आदमी को एक बार काटने के बाद वे उस व्यक्ति से बचने की कोशिश करते हैं. यदि काटने के ये निशान एक ही कोबरा से होते हैं, तो विषदंतों के बीच दूरी में बहुत अधिक भिन्नता नहीं होगी. यदि काटने के कई निशान हैं, तो ये निशान अलग-अलग स्थानों पर होंगे.’

अदालत ने इस तथ्य को भी ‘अजीब’ पाया कि दो बार काटे जाने के बावजूद, उथरा को दर्द महसूस नहीं हुआ और वह अपनी नींद से नहीं जागी. इसने कहा, इससे निर्णायक रूप से साबित होता है कि जिस समय उथरा को सांप ने काटा था उस समय उसे बेहोश कर दिया गया था.


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वीडियो प्रदर्शन

सूरज के बयान को गलत ठहरने के लिए केरल पुलिस ने अपराध स्थल को फिर से स्थापित किया और अदालत के सामने इसे प्रदर्शित करने के लिए इसका वीडियो भी रिकॉर्ड किया.

इस अपराध दृश्य को रात 8:30 बजे के बाद फिल्माया गया था और एक उथरा के आकार की एक डमी को खाट पर रखा गया था, जिसके हाथ में एक ताजा ब्रॉयलर चिकन का टुकड़ा बंधा हुआ था. फिर, डमी के ऊपर रखे एक कंटेनर से एक कोबरा छोड़ा गया.

इस वीडियो में आगे दिखाया गया है कि कोबरा ने आपने आप से इस डमी को काटने की कोई कोशिश नहीं की और रेंगकर जमीन पर आ गया. इसके बाद सांप को कई बार उकसाया गया, जिसके प्रति उसने पहले रक्षात्मक प्रतिक्रिया दिखाई, लेकिन अंत में, उसने चिकन के टुकड़े पर काट लिया. इसके द्वारा दूसरी बार काटे जाने के बाद विषदंतों के बीच की नुकीले चौड़ाई को मापा गया और इसे एकसमान, 1.7 सेमी पाया गया.

उसके उपरांत कोबरा के सिर को पकड़कर उसे चिकन के टुकड़े पर दो बार काटने के लिए उकसाया गया. इस बार विषदंतों के बीच की चौड़ाई में भिन्नता पाई गई और ये बड़े तथा 2 और 2.4 सेमी के बीच के आकर वाले थे.

इस प्रदर्शन के साथ, पुलिस इस तथ्य को स्थापित करने में सक्षम रही कि कोई भी कोबरा केवल हिलती-डुलती वस्तुओं पर ही काटता है, वह भी हुडिंग (फन फैलाने) और हिसिंग (फुफकारने) जैसे रक्षात्मक तंत्र को प्रदर्शित करने के बाद या फिर वह तब काटता है जब उसे दर्द देकर मजबूर किया जाये.

वाइपर द्वारा काटने का कृत्य भी उकसावे वाला था

पुलिस ने यह प्रदर्शित करने के लिए भी विशेषज्ञ साक्ष्य प्रस्तुत किए कि सूरज ने कथित तौर पर कोबरा के काटने से 50 दिन पहले भी उथरा को एक वाइपर से डंसवाया था. यह घटना मार्च 2020 की है जब उथरा अपने ससुराल में रह रही थी.

पुलिस ने एक बार फिर से दृश्य को दोहराया. इस बार डमी के पैर से बंधे एक मरे हुए चूहे और एक जीवित रसेल वाइपर का उपयोग किया. चूंकि, इस मामले में कोई तापीय विकिरण (थर्मल रेडिएशन) नहीं था, अतः वाइपर ने मरे हुए चूहे को नहीं काटा. इसके बाद, एक जीवित चूहे को डमी के पैर से बांध दिया गया और उसके ऊपर से सांप को छोड़ दिया गया. जब चूहा हिला, तो सांप ने उसे काट लिया.

हालांकि, अदालत ने कहा, उथरा के पैर पर काटने के निशान लंबवत थे, जो पैर के निचले हिस्से पर रसेल वाइपर के प्राकृतिक तौर पर क्षैतिज रूप से काटने के निशान के साथ मेल नहीं खाते थे. इससे अदालत ने यह निष्कर्ष निकाला कि उथरा को सोते समय वाइपर सांप द्वारा कटवा कर नुकसान पहुंचाया गया था न कि उसके खड़े होने पर सांप द्वारा काटा गया था, जैसा कि सूरज ने दावा किया था.

इसके आलावा वाइपर के निवास स्थल के बारे में भी सवाल खड़े किये गए थे. फैसले में कहा गया, ‘आमतौर पर, रसेल वाइपर का निवास स्थान किसी शुष्क क्षेत्र होता है और वे गीले क्षेत्रों को नापसंद करते हैं. आरोपी के निवास का इलाका रसेल के वाइपर के निवास के लिए उपयुक्त नहीं था. कोई भी रसेल वाइपर आसानी से दीवार और टाइल वाली चिकनी सतह के माध्यम से सीढ़ी की लैंडिंग (दुछत्ती) तक नहीं जा सकता है, जहां उथरा के निवास के पास यह पाया गया था. इसके अलावा, रसेल वाइपर नॉन-अरबोरील होते हैं अर्थात वे पेड़ों पर नहीं रहते हैं.’


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फोन सर्च 

एक और सबूत जिसने सूरज के खिलाफ आरोपों को संदेह से परे साबित कर दिया, वह था उनके फोन से बरामद सर्फिंग हिस्ट्री (इंटरनेट के उपयोग का इतिहास).

इसके डिजिटल फुटप्रिंट्स से पता चला कि सूरज ने सांपों की विभिन्न प्रजातियों के बारे में ऑनलाइन खोज की थी, जिनमें वाइपर, कोबरा और ‘कुझीमंडली’ प्रजातियां शामिल थीं. वह नियमित रूप से संपेरों द्वारा अपलोड किए गए वीडियो देखा करता था, जिनमें से एक से उसने संपर्क किए और उससे दो सांपों को खरीदा था.

अदालत की टिप्पणी के अनुसार, ‘यदि कोई व्यक्ति इंटरनेट पर कार के नए-नए मॉडल की खोज करता है, तो यह उसकी रुचि या उक्त कार को खरीदने के बारे में उसकी तैयारी को प्रकट करता है. इसी तरह, अगर कोई व्यक्ति जहरीले सांपों के लिए इंटरनेट और यूट्यूब पर खोज करता है, तो यह कुछ विशेष मामलों में उसके नापाक इरादों का भी खुलासा करने वाला होगा.’

इसमें आगे कहा गया है, ‘जब कोई व्यक्ति देर रात एक रसेल वाइपर जैसे जहरीले सांप के लिए इंटरनेट पर सर्च करता है और कुछ ही समय के भीतर, उसकी पत्नी को ठीक उसी तरह का विषाघात होता है, जिसे किसी वाइपर के नुकीले विषदंत के माध्यम से इंजेक्ट किया जा सकता है और फिर वह व्यक्ति कई लोगों को कई बार इस बारे में झूठे स्पष्टीकरण देता है तो यह सब एक दोषी दिमाग और एक प्रतिकूल एवं दोषयुक्त परिस्थिति की ओर इशारा करता है, जो मात्र संयोग नहीं हो सकता है.’

सूरज के व्हाट्सएप चैट इतिहास ने सांप हैंडलर (संपेरे) के साथ उसकी लगातार बातचीत की पुष्टि की, जिसे शुरू में एक आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में उसे माफ कर दिया गया और वह एक सरकारी गवाह बन गया था.

इस घटना के बाद सूरज के बात-व्यवहार ने भी इस मामले में उसकी संलिप्तता के बारे में पुलिस के बयान को और बल दिया. इसके अलावा संपेरे द्वारा दिया गया एक विस्तृत बयान उसके खिलाफ सबसे पुख्ता सबूत साबित हुआ.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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