नई दिल्ली: गुजरात द्वारा सरकारी स्कूलों की निगरानी के मकसद से—विद्या समीक्षा केंद्र (वीएसके) शुरू करने के दो साल बाद अब विभिन्न सरकारी योजनाओं से डेटा एकत्र करने और उनका विश्लेषण करने के लिए 14 अन्य राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) ने इस तरह की इकाइयां स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की है.दिप्रिंट को जानकारी मिली है.
एक अत्याधुनिक नियंत्रण कक्ष, वीएसके को स्कूलों में परफॉर्मेंस इंडिकेटर्स को ट्रैक करने के लिए डेटा इकट्ठा करने का काम सौंपा गया है—जैसे कि शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति, साथ ही साथ छात्रों के सीखने के परिणामों का योगात्मक और आवधिक मूल्यांकन करना.
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी), स्कूली शिक्षा अनुसंधान पर केंद्र सरकार की सर्वोच्च संस्था है, जिसने शिक्षा पर राज्य के आंकड़ों की निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत वीएसके की स्थापना की है, जो अब राज्यों को अपने स्वयं के वीएसके स्थापित करने के लिए आवश्यक तकनीकी जानकारी प्रदान करने के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य कर रही है.
एनसीईआरटी में वीएसके लीड अरविंद गुप्ता ने दिप्रिंट को बताया, “एनसीईआरटी ने छह सरकारी पहलों—पीएम-पोषण योजना, निष्ठा (टीचर ट्रेनिंग) योजना, परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स, राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण, शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली और ज्ञान साझा करने के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर या दीक्षा,पर राज्य के आंकड़ों की निगरानी के लिए एक केंद्रीय डैशबोर्ड (वीएसके) बनाया है.”
उन्होंने कहा, “हमने अब तक 15 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को वीएसके के लिए स्टार्टर पैक दिया है.”
छत्तीसगढ़, ओडिशा, मेघालय, हरियाणा, असम, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, मिजोरम, उत्तर प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश और अंडमान और निकोबार अपना वीकेएस शुरू करने की प्रक्रिया में हैं.
एनसीईआरटी द्वारा प्रदान किए गए “स्टार्टर पैक” में सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और मानव संसाधन आवश्यकताओं पर इनपुट शामिल हैं.
अधिकारियों ने बताया कि एनसीईआरटी ने सितंबर 2022 में राज्यों और अंडमान और निकोबार में “स्टार्टर पैक” देना शुरू किया था.
दिप्रिंट से बात करते हुए, एनसीईआरटी के सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल टेक्नोलॉजी के संयुक्त निदेशक और वीएसके संचालन की देखरेख करने वाले डॉ. अमरेंद्र पी. बेहरा ने कहा कि राज्य वर्तमान में वीएसके की स्थापना के लिए शिक्षा मंत्रालय की समग्र शिक्षा योजना के तहत प्रदान किए गए फंड का उपयोग कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, “अभी तक समग्र शिक्षा योजना के तहत कुल धनराशि का 2-5 करोड़ रुपये राज्यों द्वारा वीएसके स्थापित करने के लिए उपयोग किया जाना है. ज़रूरत पड़ने पर राज्य और फंड की मांग कर सकते हैं.”
शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि अगर राज्य सफलतापूर्वक नियंत्रण केंद्रों को लॉन्च करने में सक्षम रहे तो भविष्य में वीएसके के रखरखाव और संचालन के लिए एक अलग फंड शुरू किया जा सकता है.
जून 2022 में गुजरात में आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की तत्कालीन सचिव अनीता करवाल ने राज्यों से केंद्र सरकार से धन मांगने और वीएसके की स्थापना शुरू करने का आग्रह किया था.
सबसे पहले वीएसके का उद्घाटन जून 2021 में गुजरात के गांधीनगर में तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अप्रैल में इस केंद्र का दौरा किया था.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने तब अपने एक बयान में कहा था, “विद्या समीक्षा केंद्र सालाना 500 करोड़ से अधिक डेटा सेट एकत्र करता है और छात्रों के लिए सीखने के परिणामों को बढ़ाने के लिए बड़े डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का उपयोग करके उनका सार्थक विश्लेषण करता है.”
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राज्य कैसे आगे बढ़ रहे हैं
वीएसके स्थापित करने की बात करें, तो कुछ राज्य एनसीईआरटी के “स्टार्टर पैक” को लागू करने के प्रारंभिक चरण में हैं, जबकि अन्य नियंत्रण केंद्रों के तकनीकी घटकों पर काम कर रहे हैं. कुछ ने “स्टार्टर पैक” से आगे बढ़कर केंद्रीय डैशबोर्ड का उपयोग करके योजनाओं की निगरानी शुरू करने के लिए तंत्र स्थापित किया है.
“स्टार्टर पैक”, अन्य बातों के अलावा, निर्देश और विनिर्देश प्रदान करता है कि किस प्रकार की इमारत बनाई जाए, किस प्रकार के उपकरणों का उपयोग किया जाए और एक वीडियो वॉल कैसे बनाई जाए जो जिलों से आने वाले डेटा का समर्थन कर सके.
वीएसके कार्यक्रम में शामिल एनसीईआरटी के एक अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, “महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और ओडिशा ने स्टार्टर पैक के कार्यान्वयन के साथ विशेष रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है. उन्होंने सॉफ्टवेयर को अपने क्लाउड सर्वर पर पहले ही अपलोड कर दिया है.”
राज्य के एक अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र ने नियंत्रण केंद्र के लिए भौतिक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है, जिसमें कंप्यूटर और एक वीडियो वॉल के साथ एक निगरानी कक्ष शामिल है.
उन्होंने कहा, “राज्य ने एक पायलट प्रोग्राम भी शुरू किया है जिसमें रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग के दो जिलों में शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति की निगरानी की जा रही है. आगामी शैक्षणिक वर्ष में राज्य समय-समय पर मूल्यांकन के माध्यम से छात्रों के सीखने के परिणामों की निगरानी करने की भी योजना बना रहा है.”
उत्तर प्रदेश ने भी गोरखपुर में वीएसके की स्थापना में तेजी से प्रगति की है.
उत्तर प्रदेश में स्कूली शिक्षा महानिदेशक, विजय किरण आनंद ने दिप्रिंट को बताया, “इस विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से बेसिक शिक्षा विभाग राज्य के 75 जिलों में शैक्षणिक और प्रशासनिक दोनों हस्तक्षेपों की पूरी तरह से निगरानी और सफलतापूर्वक संचालन करने में सक्षम है और इस तरह पब्लिक स्कूलों में पहली से 8वीं कक्षा तक पढ़ने वाले सभी छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने की दृष्टि से आगे बढ़ सकें.”
उन्होंने कहा, “लाइव और कैस्केड डैशबोर्ड ने सभी हस्तक्षेपों में प्रगति को चलाने के लिए डेटा-समर्थित निर्णय लेने के लिए ब्लॉक से लेकर राज्य स्तर तक सभी सिस्टमों को सशक्त बनाया है. हमने वर्तमान में 20 से अधिक ‘गोवटेक’ सिस्टम (ऐप्स, पोर्टल्स आदि) को एकीकृत किया है और कैडर-वार केपीआई को रंग-कोडित तरीके से तैयार किया है. हमने एक 40-सीटर कॉल सेंटर का संचालन किया है जो सक्रिय चीज़ों और समय पर सोल्यूशन के माध्यम से परिणामों को चलाने के लिए समर्पित है. वहीं, कॉल सेंटर फील्ड स्टाफ के लिए शिकायत निवारण के लिए हेल्पलाइन के तौर पर भी काम करता है. वर्तमान में, कॉल सेंटर की मासिक कॉल क्षमता लगभग 1 लाख परिपक्व कॉल है.”
उन्होंने कहा, “दीक्षा-ऊर्जावान पाठ्यपुस्तक पहल के लिए विशेष रूप से एक टीम बनाई गई है.अब तक राज्य ने वीएसके के माध्यम से आगरा, अलीगढ़, अमेठी और अंबेडकर नगर में स्कूलों की निगरानी शुरू कर दी है.”
हालांकि, छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने कहा कि राज्य में वीएसके स्थापित करने में प्रगति धीमी थी और उन्होंने अभी तक सॉफ्टवेयर घटक पर काम शुरू नहीं किया है.
बिहार में स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) के निदेशक सज्जन आर. ने दिप्रिंट को बताया कि राज्य ने वीएसके की स्थापना की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इस विषय पर कई बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन अतिरिक्त फंड और समर्थन इसके लिए टीम की ज़रूरत है.
उन्होंने कहा, “अब तक वीएसके की इमारत स्थापित करने के लिए जगह की पहचान की गई है. छात्र और शिक्षक रजिस्ट्री की डेटा क्लीयरेंस चल रही है और शीघ्र ही इसके पूरी होने की उम्मीद है. हम शिक्षक-प्रशिक्षण और निगरानी में सहायता के लिए प्रौद्योगिकी के साथ उनकी परिचितता के चुनौतीपूर्ण कार्य को भी करने की योजना बना रहे हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “हम चाहते हैं कि शिक्षा मंत्रालय की एक सहायता टीम पटना में तैनात हो ताकि सिस्टम को स्थापित करने और इसे संचालित करने में मदद मिल सके.”
उन्होंने दिप्रिंट से कहा, “वे बिहार शिक्षा परियोजना परिषद और एससीईआरटी के साथ मिलकर काम कर सकते हैं. परियोजना को बनाए रखने के लिए समग्र शिक्षा योजना से आवर्ती खर्चों के लिए और बजटीय सहायता की आवश्यकता होगी.”
(संपादनः फाल्गुनी शर्मा)
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