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Friday, 29 March, 2024
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बकाया सैलरी और फिर से नौकरी की मांग के साथ यूपी में ‘181 महिला हेल्पलाइन’ की कर्मचारी मंत्री के घर के बाहर धरने पर बैठीं

एक साल से सैलरी नहीं मिलने से महिला कर्मचारी प्रदर्शन कर रही हैं, 21 महिलाओं को वापस '112 हेल्पलाइन सर्विस' में रखा गया है जबकि 350 से अधिक महिला कर्मचारी '181 महिला हेल्पलाइन' से जुड़ी रहीं जिसे जून में बंद कर दिया गया था.'

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लखनऊ: यूपी में ‘181 महिला हेल्पलाइन’ की कर्मचारी एक बार फिर आंदोलन कर रही हैं. सोमवार को कई महिला कर्मचारियों ने महिला कल्याण विभाग की मंत्री स्वाति सिंह के घर के बाहर धरना दिया. इससे पहले रविवार को भी इन महिलाओं ने लखनऊ के ईको गार्डन में प्रदर्शन किया था.

इन कर्मचारियों का कहना है कि बीते जुलाई के महीने में सरकार की ओर से उन्हें 13 महीने बकाया सैलरी का आश्वासन दिया गया था और साथ ही 112 हेल्पलाइन और वापस काम दिए जाने की बात कही गई थी लेकिन अभी तक सिर्फ 8 महीने की सैलरी मिली है और कुछ कर्मचारियों को ही काम पर रखा गया है.

दिप्रिंट से बातचीत में 181 सर्विस की रेस्क्यू वैन फैलिसिटेटर रहीं नीतू सिंह ने बताया, ‘8 महीने की सैलरी अभी मिली है जबकि 13 महीने की बाकी थी.’

नीतू ने यह भी कहा,  ‘इसके अलावा केवल 21 लोगों का वापस ‘112 हेल्पलाइन सर्विस’ में किया गया है जबकि 350 से अधिक महिला कर्मचारी ‘181 महिला हेल्पलाइन’ से जुड़ी रहीं जिसे जून में बंद कर दिया गया था.’

ईको गार्डन में प्रदर्शन के दौरान जब महिला कर्मचारियों ने देखा कि उनके प्रदर्शन की कोई सुनवाई नहीं हो रही है तो सोमवार को उनमें से कई महिलाओं ने मंत्री के घर आकर भी प्रदर्शन किया.

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इन महिलाओं की टीम लीडर पूजा पांडे ने बताया कि 4 साल से चल रही इस सर्विस को ‘जून में बंद कर दिया गया’ है और 361 महिला कर्मचारियों का साल भर का पेमेंट भी नहीं दिया गया है.

पूजा ने कहा, ‘ऐसे में ये कर्मचारी परेशान हैं. पिछले महीने पूरी सैलरी का वादा किया गया था लेकिन अभी तक पूरी नहीं मिली है. इसी कारण वे अपनी साथियों के साथ महिला कल्याण मंत्री स्वाति सिंह के आवास के बाहर धरने पर बैठ गईं.’


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क्या है मामला

दरअसल यूपी में 181 महिला हेल्पलाइन नाम की सर्विस 2016 से चल रही थी जिसे बीते जून के महीने में बंद कर दिया गया. इस हेल्पलाइन के जरिए घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं की काउंसलिंग की जाती थीं. इसमें 361 महिला कर्मचारियों का साल भर का पेमेंट भी नहीं मिला था.

जून में इस सर्विस को बंद किए जाने के बाद से ये महिलाएं लगातार अपनी बकाया सैलरी और नौकरी की मांग कर रही थीं. इससे जुड़ कर्मचारी बताते हैं कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, महिला कल्याण विभाग मंत्री समेत विभाग के तमाम अधिकारियों को कई बार पत्र लिख चुकी हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

जुलाई महीने में दिप्रिंट ने जब ये मुद्दा उठाया तो यूपी सरकार की ओर से जारी इससे संबंधित प्रेस स्टेमेंट जारी किया गया था जिसमें कहा गया कि प्रदेश के 75 जिलों में 181 महिला हेल्पलाइन का संचालन महिला व बाल विकास विभाग द्वारा जीवीके-एमआरआई संस्था द्वारा कराया जा रहा था. अब यूपी कैबिनेट ने फैसला लिया है कि इसे पुलिस हेल्पलाइन 112 से संबद्ध किया जाएगा.

बयान में यह भी कहा गया, ‘यहां काम कर रहीं कर्मियों का ड्यू पेमेंट जल्द ही कराया जाएगा. विभाग द्वारा जनपद स्तर पर सत्यापन कराने के बाद एक हफ्ते के भीतर जीवीके-एमआरआई को भुगतान किया जाएगा.’

इसके बावजबद 23 अगस्त तक इन कर्मचारियों को पेमेंट नहीं मिला लेकिन अब अधिकारियों का कहना है कि पेमेंट जीवीके-एमआरआई संस्था को दे दिया गया है.

दिप्रिंट से बातचीत में महिला कल्याण विभाग के उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी पुनीत मिश्रा ने कहा, ‘विभाग की ओर से पूरा पेमेंट जीवीके-एमआरआई संस्था को दे दिया गया है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘कर्मचारियों को पूरा पेमेंट क्यों नहीं दिया गया इस बारे में वे पता करेंगे. वहीं समायोजन (दोबारा नौकरी पर रखे जाने) की बात पर उन्होंने कहा कि 112 हेल्पलाइन के तहत जितनी रिक्वारयमेंट होगी उसी हिसाब से ‘181 महिला हेल्पलाइन’ की कर्मचारियों को एडजस्ट किया जाएगा.’फिलहाल मंत्री की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

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