नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के बाद बुडापेस्ट और बुखारेस्ट से उड़ानों का परिचालन करेगी.
विमानन कंपनी के एक अधिकारी ने अनुसार, फिलहाल कंपनी ने बुडापेस्ट (हंगरी) और बुखारेस्ट (रोमानिया) से एक-एक उड़ानों के परिचालन का फैसला लिया है. दोनों उड़ानें इस्तांबुल के रास्ते परिचालित होंगी.
इससे पहले कंपनी ने बुडापेस्ट से दो उड़ानों के परिचालन की बात कही थी.
अधिकारियों ने रविवार को बताया कि यात्रा कार्यक्रम में बदलाव हुआ है और अब सोमवार को इस्तांबुल से बुडापेस्ट के लिए एक विमान उड़ान भरेगा जो मंगलवार को दिल्ली लौटेगा.
अधिकारी ने बताया कि एक अन्य विमान सोमवार को इस्तांबुल से बुखारेस्ट के लिए उड़ान भरेगा और मंगलवार को दिल्ली लौटेगा.
यात्रा कार्यक्रम में बदलाव के कारणों की तत्काल पुष्टि नहीं हो सकी है.
2 हजार भारतीय लौटे सुरक्षित
भारत ने युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंताओं से रविवार को यूक्रेन व रूस को अवगत कराया.
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि भारत ने जिनेवा स्थित इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेड क्रॉस (आईसीआरसी) से भी संपर्क कर भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनकी यूक्रेन से निकासी में मदद का अनुरोध किया है.
पत्रकारों से बातचीत में श्रृंगला ने बताया कि भारत ने यूक्रेन से अपने करीब 2,000 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है और उनमें से 1,000 लोगों को हंगरी और रोमानिया के रास्ते चार्टर्ड विमानों से घर लाया जा चुका है.
श्रृंगला ने बताया कि उन्होंने रूस और यूक्रेन के राजदूतों से अलग-अलग बातचीत की और यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा संबंधी चिंताओं से उन्हें अवगत कराया.
उन्होंने कहा, ‘विदेश मंत्री की प्रत्यक्ष निगरानी और प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार विदेश मंत्रालय यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है.’
इससे संबंधित घटनाक्रम में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने मोल्दोवियन समकक्ष निकु पोपेस्कु से बातचीत की और यूक्रेन-मोल्दोवा सीमा के रास्ते भारतीयों की सुरक्षित वापसी में सहयोग मांगा.
जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा कि विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की एक टीम सोमवार को वहां पहुंचेगी.
वहीं, भारत में पोलैंड के राजदूत एडम बुराकोव्स्की ने कहा कि उनकी सरकार यूक्रेन पर रूसी हमले से बाद वहां से बचकर निकलने वाले भारतीयों के पोलैंड में प्रवेश के लिए वीजा अनिवार्यता को समाप्त कर रही है.
यूक्रेन और रूस के राजदूतों के साथ अपनी बैठक पर श्रृंगला ने कहा कि उन्होंने ‘अपने नागरिकों, खास तौर से छात्रों की सुरक्षा को लेकर भारत की गहरी चिंता से उन्हें अवगत कराया.’
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