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Friday, 29 March, 2024
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मॉस्को में टीम भेज रहा भारत, खारकीव और सूमी से छात्रों को निकालने के लिए रेड क्रॉस को किया अलर्ट

खारकीव और सूमी यूक्रेन के उत्तर-पश्चिमी इलाके हैं, जहां लड़ाई ने विकराल रूप ले लिया है. करीब 3,500 छात्र खारकीव में फंसे हैं जबकि सूमी में इनकी संख्या ज्यादा है.

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नई दिल्लीः विदेश मंत्रालय ने रविवार को बताया कि भारत सरकार उन छात्रों और नागरिकों को निकालने की कोशिश में लगी है जो यूक्रेन के खारकीव और सूमी शहरों में फंसे हैं. साथ ही, मास्को स्थित भारत के दूतावास से विशेष टीम यूक्रेन भेजी गई है और अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस से भी संपर्क साधा गया है.

खारकीव और सूमी यूक्रेन के उत्तर-पश्चिमी इलाके हैं, जहां लड़ाई ने विकराल रूप ले लिया है. करीब 3,500 छात्र खारकीव में फंसे हैं जबकि सूमी में इनकी संख्या ज्यादा है. छात्र इस समय जमीन के नीचे बने बंकरों में छिपे हैं और उनके पास भोजन-पानी की सुविधा सिर्फ अगले दो दिनों के लिए ही शेष है.

रविवार को मीडिया के साथ हुई विशेष बातचीत में विदेश सचिव हर्ष वी. श्रृंगला ने बताया, ‘इन इलाकों में लगातार संघर्ष जारी है. खारकीव, सूमी और यूक्रेन के दक्षिण-पूर्वी इलाकों में हजारों की संख्या में छात्र फंसे हुए हैं. हम इस बात की पूरी कोशिश में लगे हैं कि जैसे ही स्थितियां बनती हैं इन छात्रों को किसी तरह से बाहर निकाला जाए.’

श्रृंगला ने कहा कि उन्होंने रूस और यूक्रेन के दिल्ली में स्थित राजदूतों से ‘अलग-अलग’ मुलाकात की है और इन युद्धग्रस्त क्षेत्रों में फंसे भारतीय नागरिकों और छात्रों की स्थिति से अवगत कराया है. उन्हें यूक्रेन के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्रों की स्थिति के बारे में भी जानकारी दी गई है.

उन्होंने कहा, ‘मैंने रूस और यूक्रेन के राजदूतों से अलग-अलग मुलाकात की और उनसे भारतीय नागरिकों और खासकर यूक्रेन में फंसे छात्रों की सुरक्षा को लेकर चर्चा की. हमने उनको उन क्षेत्रों के बारे में भी जानकारी दे दी है जहां भारतीय छात्र और नागरिक ज्यादा संख्या में हैं, ताकि उनको पर्याप्त सुरक्षा दी जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के राजदूतों ने भारतीयों की सुरक्षा का आश्वासन दिया है.’

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श्रृंगला ने कहा, ‘हमें लगता है कि हमारे नागरिकों की सुरक्षा में पूरा सहयोग किया जाएगा.’

इस बीच यह खबर भी मिली है कि जो छात्र यूक्रेन छोड़ने की कोशिश कर रहे थे उनका उत्पीड़न पोलैंड की सीमा पर गया था. सूचना यह भी है कि भारत के साथ ही, बांग्लादेश और अफ्रीका के जो छात्र यूक्रेन छोड़ने की प्रक्रिया में लगे थे, उन्हें ट्रेनों में चढ़ने के लिए मना कर दिया.

रेड क्रास, मोलदोवा से संपर्क

विदेश सचिव ने यह भी कहा कि भारत ने जिनेवा स्थित अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रास सोसायटी से भी अब संपर्क किया है. रेड क्रास ने सभी देशों के नागरिकों को यूक्रेन से निकालने की कवायद शुरू कर दी है जो वहां फंसे हुए हैं.

भारत ने मोलदोवा से भी संपर्क साधा है और यूक्रेन-मोलदोवा सीमा पर फंसे भारतीयों नागरिकों को निकालने की कोशिश शुरू कर दी है.

श्रृंगला ने यह भी बताया कि पोलैंड की सीमा पर पहुंचे भारतीयों और उन्हें वहां रोक दिए जाने के मामले को भी यूक्रेन के अधिकारियों से बता दिया गया है.

उन्होंने कहा, ‘हमारी पूरी टीम युद्ध स्तर पर काम में लगी हुई है, इस स्तर पर जो भी संभव है उसे पूरी तौर पर करने का प्रयास हम करेंगे.’

विदेश सचिव ने यह भी दोहराते हुए कहा कि भारत ने रूस और यूक्रेन से गुजारिश की है कि दोनों देश ‘बातचीत और कूटनीति’ से मामले का हल निकालें. इसी तरह की बात नई दिल्ली ने संयुक्त राष्ट्र में भी कही थी.

उन्होंने कहा, ‘हमारी स्थिति स्थिर है और हम सभी पक्षों से बातचीत कर रहे हैं.’

रविवार को युद्ध के चौथे दिन रूसी राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन ने तनाव को उस समय और बढ़ा दिया जब उन्होंने रूसी परमाणु बलों को उच्च हाई एलर्ट पर रहने की बात कही.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें- यूक्रेन से भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा लांच किया गया है, इन्हें सरकारी खर्च पर वापस लाएंगे: श्रृंगला


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