चंडीगढ़: लुधियाना जिला अदालत परिसर में गुरुवार को हुए बम विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत, अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पंजाब की डांवाडोल कानून व्यवस्था की स्थिति की फिर से याद दिलाता है.
राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आंतरिक सुरक्षा) आर.एन. ढोके ने दिप्रिंट को बताया कि आरडीएक्स और टिफिन बमों की हालिया बरामदगी के क्रम में ही इस विस्फोट की जांच की जाएगी.
लुधियाना के पुलिस आयुक्त गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने गुरुवार शाम संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा, ‘इस मामले की प्रारंभिक जांच इस संभावना की ओर इशारा करती है कि जो व्यक्ति विस्फोट में मारा गया है वह या तो इसे (टिफिन बम को) ले जा रहा था या फिर इसे बहुत करीब से संभाल रहा था.’
उन्होंने कहा कि इस विस्फोट में मारे गए व्यक्ति की अभी पहचान नहीं हो पाई है.
इस विस्फोट में घायल हुए सभी पांच लोगों की पहचान कर ली गई है और वे सभी लुधियाना के ही रहने वाले हैं.
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ड्रोन और टिफिन बम के मामले में बढ़ोतरी
पिछले एक साल से, पंजाब पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) लगातार कमर कस कर उन ड्रोन की तलाश और बरामदगी में लगी हुई हैं जो कथित तौर पर रंगीन प्लास्टिक टिफिन बॉक्स के रूप में रखे गए आरडीएक्स और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) के पेलोड के साथ पाकिस्तान से आते रहते हैं.
इनमें से कई ड्रोन में हथगोले, पिस्तौल और नकदी जैसी चीजें भी भरी हुई थी.
पंजाब पुलिस ने साल भर के दौरान जारी तमाम प्रेस नोट्स में पिछली ऐसी सभी घटनाओं का उल्लेख किया है.
अकेले अगस्त और सितंबर में ही तरनतारन, फाजिल्का और कपूरथला सहित पंजाब के विभिन्न हिस्सों से छह टिफिन बम बरामद किए गए थे. दो विस्फोट, एक जलालाबाद में रखी एक मोटरसाइकिल में और दूसरा अजनाला में एक तेल टैंकर में, इन्हीं टिफिन बम का उपयोग किया गया था. जलालाबाद वाले विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.
इस साल अगस्त की शुरुआत में, पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इन टिफिन बम की बरामदगी के संबंध में मुलाकात की थी और उनसे बीएसएफ के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 25 कंपनियों के साथ-साथ ड्रोन-विरोधी उपकरणों को भी तत्काल उपलब्ध करवाने के लिए कहा था.
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आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़
राज्य पुलिस ने 2017 के बाद से अब तक करीब 350 आतंकी मॉड्यूल (गिरोहों) का भी भंडाफोड़ किया है.
इनमें से सबसे नवीनतम भंडाफोड़ दिसंबर के पहले सप्ताह में हुआ था, जब गुरदासपुर में दो ‘पाकिस्तान-आईएसआई प्रायोजित’ आतंकी मॉड्यूल सक्रिय पाए गए थे.
एक अन्य मामले में पुलिस ने अजनाला जिले के लोपोके गांव के निवासी के पास से कुछ हथगोले और आरडीएक्स बरामद किया था. बाद में, हथगोले का एक और सेट एवं एक टिफिन बम कथित तौर पर गुरदासपुर के सलेमपुर अरइयां गांव से बरामद किया गया था.
4 नवंबर को, दिवाली की पूर्व संध्या पर एक और संभावित आतंकवादी हमले को विफल करते हुए पंजाब पुलिस ने फिरोजपुर जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास स्थित अली के गांव के एक खेत में छिपा हुआ एक और टिफिन बम बरामद किया था.
23 सितंबर को, पुलिस ने तरनतारन के भीखीविंड इलाके के भगवानपुर गांव से खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के तीन संदिग्ध सदस्यों की गिरफ्तारी के साथ ही इसके द्वारा समर्थित एक अन्य आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था. उनके पास से फोम में लपेटे गए दो डिब्बे, दो हथगोले और तीन पिस्टल बरामद किए गए थे.
इसी तरह फाजिल्का के धर्मपुरा गांव के एक खेत से 18 सितंबर को एक और टिफिन बम बरामद हुआ था.
15 सितंबर को जलालाबाद में हुए मोटरसाइकिल विस्फोट, जिसमें गांव झुग्गे निहंगा वाले के बलविंदर सिंह उर्फ बिंदु की मौत हो गई थी. इस सिलसिले में करीब आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया था. उनके पास से कथित तौर पर एक टिफिन बम, दो पेन ड्राइव और 1.15 लाख रुपये नकद बरामद किए गए थे.
सितंबर महीने में ही पुलिस ने प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के तीन संदिग्ध सदस्यों की गिरफ्तारी के साथ एक और अलगाववादी मॉड्यूल का भी कथित रूप से भंडाफोड़ किया था. उस वक्त पुलिस ने बताया था कि खन्ना के रामपुर गांव में छापेमारी के दौरान ‘रेफरेंडम 2020’ से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले लाखों अलगाववादी पर्चे उनके पास से मिले हैं.
इससे पहले, 31 अगस्त को पुलिस ने तरनतारन के जोहल धई वाला गांव के सरूप सिंह के रूप में पहचाने गए एक ‘कट्टरपंथी गुर्गे’ को गिरफ्तार किया था, जो कथित रूप से कई विदेशी आतंकवादी संस्थाओं से जुड़ा हुआ था. पुलिस ने बताया कि उन्होंने उसके कब्जे से दो जीवित चीनी निर्मित पी-86 ग्रेनेड बरामद किए थे.
8 अगस्त को भाखा तारा सिंह गांव के पास अमृतसर-अजनाला रोड पर एक फिलिंग (तेल भरने वाले) स्टेशन पर खड़े एक तेल टैंकर में विस्फोट के बाद आग लग गई थी. बाद में मिली वहां की सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि कुछ लोग टैंकर में विस्फोट होने से ठीक पहले उसमें कुछ डाल रहे थे. सितंबर महीने में इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों ने कथित तौर पर पुलिस को बताया था कि पाकिस्तान स्थित सिख आतंकवादियों और एक आईएसआई एजेंट के निर्देश पर टैंकर के ऊपर एक टिफिन आईईडी रखा गया था.
उसी दिन, अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने लोपोके के दलके गांव से एक परिष्कृत (जटिल तरीके के बनाया गया) आईईडी वाला टिफिन बम बरामद किया था. इस आईईडी में लगभग 2-3 किलोग्राम आरडीएक्स विस्फोटक था और इसके संचालन में आसानी के लिए तीन अलग-अलग, स्विच-आधारित, चुंबकीय और स्प्रिंग, ट्रिगर तंत्र लगे थे.
पुलिस के अनुसार एक और आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ 20 अगस्त को उस वक्त हुआ था, जब कपूरथला पुलिस ने दो आरोपितों के पास से पांच हथगोलों के अलावा एक टिफिन बम वाला आईईडी, डेटोनेटर का एक बॉक्स, दो ट्यूबों में रखा गया आरडीएक्स, एक .30 बोर की पिस्तौल, चार ग्लॉक पिस्टल मैगजीन और एक बहुत अधिक विस्फोटक तार बरामद किया था.
इसी तरह 15 अगस्त को अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर एक ही तरह की बनावट वाले (मेक एंड मॉडल) पी-86 के दो हथगोले समेत कई अन्य हथियार बरामद किए. ये दोनों कथित तौर पर ब्रिटेन स्थित एक आतंकवादी संगठन से जुड़े थे.
कपूरथला पुलिस ने भी 20 अगस्त को फगवाड़ा से किसी गुरमुख सिंह बराड़ और उसके सहयोगी के कब्जे से दो जीवित हथगोले, एक जीवित टिफिन बम और अन्य विस्फोटक सामग्री से युक्त एक ऐसी ही घातक हथियारों की खेप बरामद की थी.
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कैप्टन अमरिंदर की 10 अगस्त को अमित शाह के साथ हुई बैठक
गृह मंत्री अमित शाह के साथ अपनी 10 अगस्त को हुई बैठक के दौरान, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें बताया था कि 4 जुलाई और 8 अगस्त, 2021 के बीच, आईएसआई के साथ मिलकर काम कर रहे खालिस्तान समर्थक विदेशी संस्थाओं ने 30 से भी अधिक पिस्तौल, एक एम पी 4 राइफल, एक एके-47 राइफल, लगभग 35 हथगोले, परिष्कृत प्रयोगशाला निर्मित टिफिन बम, 6 किलो से अधिक आरडीएक्स और आईईडी के निर्माण के लिए मिश्रित हार्डवेयर हासिल करने में कामयाबी हासिल कर ली थी.
इसके उपरांत अक्टूबर में, केंद्र ने पंजाब में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किमी से बढ़ाकर 50 किमी कर दिया था. अमरिंदर के अनुसार, इस कदम का मुख्य उद्देश्य राज्य में पाकिस्तानी ड्रोन्स के प्रवेश को रोकना था.
लुधियाना में हुए विस्फोट पर प्रतिक्रिया देते हुए अमरिंदर ने अपने एक बयान में कहा कि वह लगातार इन मुद्दों को उठाते रहे हैं. उन्होंने ट्वीट किया, ‘यह वाकई दुखद है कि सरकार लगातार इनकार के मूड में है. पंजाब की शांति और सुरक्षा के ऊपर एक गंभीर खतरा छाया है और इस तरह की घटनाएं उसी ओर संकेत हैं जिन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए. इसे वैसे दरकिनार नहीं किया जाना चाहिए जिस तरह से वर्तमान सरकार करने की कोशिश कर रही है.’
Disturbing news of a blast at Ludhiana court complex. Saddened to know about the demise of 2 individuals, Praying for the recovery of those injured. @PunjabPoliceInd must get to the bottom of this.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) December 23, 2021
गुरुवार के विस्फोट ने मौर मंडी विस्फोट की यादें भी ताजा कर दीं, जो साल 2017 में 4 फरवरी को पंजाब में होने वाले मतदान से बमुश्किल पांच दिन पहले (31 जनवरी, 2017) को हुआ था. इस विस्फोट में पांच बच्चों समेत सात लोगों की मौत हो गई थी.
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‘चुनाव से पहले शांति भंग करने की कोशिश’
पंजाब के राजनीतिक दलों ने चुनाव से कुछ समय पहले हुए लुधियाना विस्फोट को ‘राज्य में शांति व्यवस्था को विफल करने का प्रयास’ बताया है.
लुधियाना में गुरुवार को हुए विस्फोट के बाद इस घटना के पीड़ितों से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने ट्वीट कर कहा, ‘हम किसी भी व्यक्ति को राज्य की कठिन मेहनत से अर्जित शांति और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने नहीं देंगे.’
Visited the #LudhianaBlast site & met injured patients in all 3 hospitals with Dy CM @Sukhjinder_INC. Have announced free treatment for all injured persons in the blast. I reiterate that we would not let any person disturb the hard earned peace and communal harmony of the state pic.twitter.com/HpKwfhtxKo
— Charanjit S Channi (@CHARANJITCHANNI) December 23, 2021
एक अन्य बयान में, चन्नी ने कहा कि (इस) विस्फोट और कथित तौर पर बेअदबी के हालिया मामलों की जांच इस बात को भी ध्यान में रखते हुए की जा रही है कि राज्य सरकार ने इसी महीने की शुरुआत में प्रमुख अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.
दूसरी ओर शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने मांग की है कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश विस्फोट और बेअदबी के मामलों की जांच की निगरानी करें.
We demand a sitting judge of HC monitor the probe into the recent cases of sacrilege, and Akali Dal would hold a massive Panthic Rosh Ikath at Manji Sahib in Sri Darbar Sahib complex in Amritsar on January 2 to protest against the police inaction in the cases of sacrilege. 1/3 pic.twitter.com/g22aAOTjAp
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) December 23, 2021
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