scorecardresearch
Saturday, 4 May, 2024
होमदेशस्टोन क्रशर से बहुत प्रदूषण होता है, अवैज्ञानिक तरीके से खनन से पर्यावरण का नुकसान: NGT

स्टोन क्रशर से बहुत प्रदूषण होता है, अवैज्ञानिक तरीके से खनन से पर्यावरण का नुकसान: NGT

एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राजौरी के जिला मजिस्ट्रेट की संयुक्त समिति बनाई है जो शिकायतों पर विचार करेगी.

Text Size:

नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने शुक्रवार को कहा कि स्टोन क्रशर (पत्थर तोड़ने की मशीन) से बहुत अधिक प्रदूषण होता है और इस तरह अवैज्ञानिक तरीके से खनन करने से पर्यावरण का क्षरण होता है. एनजीटी ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में ऐसी मशीनों के संचालन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की और उसने इस विषय पर विचार करने के लिए शुक्रवार को एक समिति का गठन किया है.

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राजौरी के जिला मजिस्ट्रेट की संयुक्त समिति बनाई है जो शिकायतों पर विचार करेगी और यह देखेगी कि निर्देशों की किस हद तक अवहेलना की जा रही है.

पीठ ने कहा, ‘यह सर्वविदित तथ्य है कि स्टोन क्रशर से बहुत अधिक प्रदूषण होता है और इनके लिए अवैज्ञानिक तरीके से जो खनन किया जाता है उससे पर्यावरण का और भी क्षरण होता है. पर्यावरण (संरक्षण) कानून, जल (संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण) कानून, वायु (संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण) कानून के तहत सांविधिक नियमों का पालन किया जाना चाहिए और अनुपालन पर वैधानिक नियामक नजर रखें.’

एनजीटी ने कहा कि समिति द्वारा सत्यापन करने पर वैधानिक नियामक पर्यावरण के और क्षरण को रोकने के लिए कदम उठा सकते हैं और उल्लंघनों के एवज में क्षतिपूर्ति वसूल सकते हैं. उसने कहा कि इस बारे में उठाए गए कदमों समेत तथ्यात्मक रिपोर्ट इस मामले की 10 नवंबर को सुनवाई से पहले ई-मेल के जरिए अधिकरण के पास भेजी जाए.

अधिकरण राजौरी जिले में एक गांव की सरपंच आरती शर्मा की स्टोन क्रशर के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी.


यह भी पढ़ें: ‘हिंसा को भड़काए’ बिना ‘बंद’ आतंकी गतिविधि नहीं, क्यों NIA कोर्ट ने गोगोई को UAPA से किया बरी


 

share & View comments