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Thursday, 26 December, 2024
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राम मंदिर के लिए जमीन खरीद मामले में संजय सिंह ने किए और खुलासे, कहा- BJP प्रॉपर्टी डीलरों के साथ

आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह जमीन खरीदने के मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि जिस एग्रीमेंट की बात की जा रही है वो 18 मार्च 2021 को ही कैंसिल हो चुका था.

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नई दिल्लीः राम मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के जमीन खरीद में कथित घोटाले का मुद्दा गरमाता जा रहा है. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने पूरे मामले को झूठा करार दिये जाने के बाद कुछ और अहम खुलासे किए है. और भाजपा और ट्रस्ट पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया. सिंह ने 16.5 करोड़ रुपये की लूट किए जाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि ‘बीजेपी उन पर कार्रवाई करने के बजाय प्रॉपर्टी डीलर के पक्ष में खड़ी हो गई है, चंदा चोरों के पक्ष में खड़ी हो गई, भ्रष्टाचारियों के पक्ष में खड़ी हो गई.’

बीजेपी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जिस एग्रीमेंट का जिक्र बीजेपी करती है वो 18 मार्च 2021 को कैंसिल हो चुका है. उन्होंने कहा कि  सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी के नाम पर जमीन शाम को 7 बजकर 10 मिनट पर 2 करोड़ में लिखी जाती है और 7 बजकर 15 मिनट पर इन्ही लोगों से यह ज़मीन खरीद ली जाती है.

चंपत राय और बीजेपी से उन्होंने सवाल पूछा कि आखिर रवि मोहन तिवारी और बीजेपी के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के बीच रिश्ता क्या है? उन्होंने कहा कि इसमें रवि मोहन तिवारी का नाम बाद में शामिल किया है, भ्रष्टाचार के लिए शामिल किया गया.

आप प्रवक्ता ने बीजेपी के ऊपर महिला विरोधी होने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बीजेपी तर्क दे रही है कि चंपत राय अविवाहित है तो भ्रष्टाचार नहीं कर सकते, तो क्या पत्नियां भ्रष्टाचार करना सिखाती हैं, क्या ईमानदार रहने के लिए अविवाहित रहना पड़ेगा, क्या यह इस देश की करोड़ों महिलाओं का अपमान नहीं है.

बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा पर भी उन्होंने फर्जी कागज टीवी चैनलों पर दिखाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द होना चाहिए लेकिन चंदा चोरी करने वाले लोग इसमें बाधा पहुंचा रहे हैं. इन्हें गिरफ्तार करके बीजेपी को राम भक्तों से हाथ जोड़कर माफी मांगनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि चूंकि एग्रीमेंट 18 मार्च 2021 को ही कैंसिल हो चुका था इसलिए हरीश पाठक और कुसम पाठकक ज़मीन को साधी राम मंदिर ट्रस्ट को 2 करोड़ में बेच सकते थे, वो ज़मीन अंसारी और तिवारी को क्यों बेचते लेकिन ये सारा खेल 16.5 करोड़ की चोरी के लिए हुआ.


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