लखनऊ, चार सितंबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सरकार को बृहस्पतिवार को निर्देश दिया कि अनुसूचित जाति (एससी) के जिन एमबीबीएस छात्रों को राज्य के चार स्वायत्तशासी मेडिकल कॉलेजों में 70 प्रतिशत से अधिक आरक्षण के तहत दाखिल दिया गया, उन्हें अन्य खाली सीट पर समायोजित किया जाए।
अदालत ने नए सिरे से ‘काउंसलिंग’ प्रक्रिया शुरू करने के एकल पीठ के निर्देश पर भी रोक लगा दी और राज्य सरकार से एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल कर यह पुष्टि करने को कहा कि वह अगले शैक्षणिक सत्र से एससी के लिए निर्धारित 21 प्रतिशत आरक्षण नियम का पालन करेगी।
अदालत ने कहा कि यदि हलफनामा दाखिल नहीं किया गया तो अंतरिम आदेश का लाभ समाप्त हो जाएगा।
न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की पीठ ने 28 अगस्त के एकल पीठ के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की विशेष अपील पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। एकल पीठ ने आंबेडकर नगर, कन्नौज, जालौन और सहारनपुर मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस में दाखिल के लिए एससी अभ्यर्थियों को दिए गए 70 प्रतिशत कोटे को रद्द कर दिया था और नए सिरे से काउंसलिंग का आदेश दिया था।
राज्य सरकार की ओर से विशेष वकील के रूप में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता जे. एन. माथुर ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने पहले एकल पीठ के समक्ष एससी के लिए 70 प्रतिशत आरक्षण का बचाव किया था, लेकिन अब वह उस कानून का पालन कर रही है जो एससी के लिए आरक्षण की सीमा 21 प्रतिशत तय करता है।
उद्धृत कानून उत्तर प्रदेश शैक्षणिक संस्थानों में दाखिला, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण अधिनियम, 2006 था।
माथुर ने दलील दी कि एकल पीठ द्वारा नए सिरे काउंसलिंग के दिए गए आदेश को लागू करना “पूरे दाखिला प्रक्रिया को अव्यवस्थित कर देगा और भ्रम की स्थिति पैदा कर देगा।”
उन्होंने अदालत को बताया कि अन्य मेडिकल कॉलेजों में एससी वर्ग की 82 सीट खाली हैं, जहां 70 प्रतिशत आरक्षण के तहत छात्रों को समायोजित किया जा सकता है, ताकि ‘‘संभावित अव्यवस्था और अनिश्चितता’’ से बचा जा सके।
पीठ ने माथुर की दलीलों पर विचार किया और गौर किया कि ओबीसी वर्ग की अभ्यर्थी याचिकाकर्ता साबरा अहमद को पहले दौर की काउंसलिंग में लखीमपुर खीरी मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिल चुका था, और राज्य सरकार ने उसे आंबेडकर नगर मेडिकल कॉलेज में एक सीट की भी पेशकश की थी।
पीठ ने कहा कि आंबेडकर नगर, कन्नौज, जालौन और सहारनपुर के चार मेडिकल कॉलेजों में जो सीटें खाली हैं, उन्हें दूसरे दौर की काउंसलिंग में ओबीसी और अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को दिया जाएगा।
अदालत ने एकल पीठ के नए सिरे से काउंसलिंग के आदेश पर रोक लगा दी और मामले की अगली सुनवाई अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में तय की।
साथ ही, अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह अगली सुनवाई की तारीख पर अपने अंतरिम निर्देशों को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों का शपथपत्र दाखिल करे।
भाषा सं जफर खारी
खारी
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