नई दिल्ली: कोरोनाायरस के चलते कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहे इसलिए भारतीय रेलवे रोज हजारों लोगों के लिए खाना बना रहा है. ऐसे में आईआरसीटीसी के देश के 28 किचन में रोज करीब 60 हजार लोगों का खाना पक रहा है. देशभर में इन भोजन के पैकेट को बांटने में आरपीएफ समेत रेलवे स्टाफ की मदद ली जा रही है लेकिन लॉकडाउन के चलते दिल्ली समेत कई स्थानों पर भोजन के पैकेट बांटने वाले नहीं मिल रहे हैं.
नाम न छापने के अनुरोध पर अधिकारियों ने दिप्रिंट से कहा, ‘शुरुआत में कम भोजन के पैकेट बनाए जाते थे लेकिन डिमांड के बाद ज्यादा बनाने लगे हैं लेकिन लॉकडाउन के चलते पैकेट बांटने वाले आसानी से नहीं मिल रहे हैं. इन्हें बंटवाने के लिए एनजीओं के अलावा आरपीएफ, रेलवे स्टाफ की मदद ले रहे हैं. लोग अगर मिल जाएंगे तो हम ज्यादा लोगों को जल्दी खाना दे सकेंगे.’
आईआरसीटीसी के प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह ने दिप्रिंट से कहा, ‘देशभर के आईआरसीटीसी के किचन में रोज करीब 60 हजार लोगों का खाना बन रहा है. अब तक कुल 5 लाख खाने के पैकेट बांटे जा चुके हैं. हम लोगों की डिमांड के हिसाब से ही भोजन के पैकेट तैयार कर रहे हैं. एनजीओं के अलावा रेलवे और आरपीएफ की मदद से इसे बांटा जा रहा है. एक या दो जगह हो सकता है कोई दिक्कत हो, बाकि सभी जगह सामान्य तरीके से पैकेट बंट रहे हैं.’
भारतीय रेल मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए लगातार गरीब,बेसहारा व निराश्रित लोगों के लिये भोजन बना कर वितरित कर रही है।
दिल्ली में निजामुद्दीन, नई दिल्ली, मंडावली, सफदरजंग, शकूरबस्ती, गाजियाबाद स्टेशनों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए खाना वितरित किया गया #IndiaFightsCorona pic.twitter.com/5peo3Vtsbh
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) March 31, 2020
कोरोनावायरस पीड़ित सरकारी कर्मचारियों का इलाज करेंगे रेलवे के अस्तपताल
देशभर में कोरोनावायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई में भारतीय रेलवे भी सरकार कर्मचारियों के लिए आगे आया है. केंद्रीय कर्मचारियों की स्वास्थ्य रक्षा के लिए भारतीय रेल अपने 2500 डॉक्टरों, नर्सों और करीब 35 हजार पैरामेडिकल कर्मचारियों को मैदान में उतारेगी.
कोरोनावायरस संक्रमित केंद्रीय कर्मचारी अपना पहचान पत्र दिखाकर रेलवे की स्वास्थ्य सेवाएं ले सकेंगे. रेलवे के पास देशभर में 586 हेल्थ यूनिटों के अलावा 45 उपमंडलीय अस्पताल, 56 मंडलीय अस्पताल, 16 जोनल अस्पताल और 8 उत्पादन इकाइयां हैं. इन अस्पतालों का बड़ा हिस्सा अब कोरोना महामारी के इलाज के लिए केंद्रीय कर्मचारियों को उपलब्ध कराया जाएगा.
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विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, कोरोनावायरस के खिलाफ प्रयासों को रेलवे ने और तेज कर दिया है. वर्तमान के अस्पतालों में सुविधा जुटाने के साथ-साथ वहां अतिरिक्त डॉक्टर और चिकित्साकर्मियों की तैनाती शुरू कर दी है. अभी तक 2,546 डॉक्टर और 35153 नर्सों और सहायक मेडिकल स्टाफ की व्यवस्था की जा चुकी है.
इससे पहले भारतीय रेलवे में कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के और बचाव के लिए करीब 5 हजार यात्री डिब्बे को आइसोलेशन वार्ड में बदलने और 80 हजार क्ववारंटाइन बेड तैयार करने का काम शुरू हो चुका है. अब तक 3 हजार कोच में 48 हजार क्ववारंटाइन बेड तैयार हो चुके हैं. इनमें से 11 हजार क्ववारंटाइन बेड कोरोनावायरस संक्रमित लोगों के लिए उपलब्ध कराए जा चुके हैं.
आईआरसीटीसी ने बंद की ट्रेनों की बुकिंग
लॉकडाउन के बढ़ने के आसार को देखते हुए आईआरसीटीसी ने निजी ट्रेन तेजस एक्सप्रेस की बुकिंग 30 अप्रैल तक बंद कर दी है. इन ट्रेनों की बुकिंग 1 मई तक खोली जाएगी. आईआरसीटीसी के अनुसार 15 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच प्राइवेट ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया गया है. इसकी सूचना रेलवे को भेज दी है. जिन यात्रियों ने 15 से 30 अप्रैल के बीच ट्रेन में यात्रा की बुकिंग की थी उन्हें रिफंड दे दिया जाएगा.