पटना, तीन सितंबर (भाषा) जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) ने संकेत दिया है कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में करगहर (रोहतास) या राघोपुर (वैशाली) से मैदान में उतर सकते हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि चुनाव लड़ने की दो ही जगहें सार्थक हैं-जन्मभूमि और कर्मभूमि। जन्मभूमि के आधार पर करगहर और कर्मभूमि के आधार पर राघोपुर उनकी पसंद हो सकते हैं।
किशोर ने कहा कि अगर वह चुनाव लड़ेंगे तो तेजस्वी यादव के विरुद्ध ही, अन्यथा दूसरी जगह से लड़ने का कोई मतलब नहीं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ चुनाव लड़ने की संभावना पर उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार परदे के पीछे की राजनीति करते हैं और अगर कुमार खुद चुनाव मैदान में होते तो वह भी उनके विरुद्ध उतरते।
पूर्व रणनीतिकार हाल के दिनों में राघोपुर से चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके हैं जो लालू परिवार का गढ़ मानी जाती है और वर्तमान में तेजस्वी यादव यहां से लगातार दूसरी बार विधायक हैं।
इससे पहले लालू प्रसाद और राबड़ी देवी भी यहां से जीत चुके हैं। राघोपुर हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, जिसका प्रतिनिधित्व फिलहाल केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान करते हैं।
किशोर ने एक वायरल वीडियो का हवाला देते हुए तेजस्वी यादव पर निशाना साधा, जिसमें वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की सफलता का जश्न मनाते नजर आए।
किशोर ने कहा कि तेजस्वी यादव पढ़ाई और क्रिकेट में असफल रहे और अब राजनीति में भी कार्यक्रम सही से नहीं कर पा रहे हैं।
उन्होंने विपक्ष दलों की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दिवंगत मां के लिए कथित अभद्र टिप्पणी पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) द्वारा बुलाए गए बंद को ज्यादा तवज्जो नहीं दी।
किशोर ने कहा कि यह नेताओं का बंद है, जनता का नहीं। उन्होंने दावा किया कि जन सुराज की सभाओं में हजारों लोग जुट रहे हैं और कल होने वाली दो सभाओं में भी 20 हजार से कम भीड़ नहीं होगी।
भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल द्वारा हाल में भावुक होकर दिए गए बयान पर प्रशांत किशोर ने तंज कसते हुए कहा कि उन्हें अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में वह जायसवाल और बिहार के अन्य नेताओं के खिलाफ नए सबूत पेश करेंगे।
जन सुराज पार्टी ने हाल में जायसवाल, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, सांसद संजय जायसवाल और ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी सहित कई नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
भाषा कैलाश खारी
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