नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर 6,000 करोड़ रुपए की ‘अटल भूजल योजना’ (अटल जल) की शुरुआत की. इससे सात राज्यों के 8,350 गांवों को फायदा होगा. साथ ही पीएम मोदी ने लेह और मनाली को जोड़ने वाली सुरंग का नामकरण ‘अटल टनल’ करने की घोषणा भी की. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत भी मौजूद थे. पीएम मोदी ने अटल भूजल योजना का शुभारंभ करते हुए कहा, आज देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण एक बड़ी परियोजना का नाम अटल जी को समर्पित किया गया है. हिमाचल प्रदेश को लद्दाख और जम्मू-कश्मीर से जोड़ने वाली, मनाली को लेह से जोड़ने वाली, रोहतांग टनल, अब अटल टनल के नाम से जानी जाएगी.
पानी का विषय अटलजी के लिए महत्वपूर्ण था
पीएम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, पानी का विषय अटल जी के लिए बहुत महत्वपूर्ण था, उनके हृदय के बहुत करीब था. अटल जल योजना हो या फिर जल जीवन मिशन से जुड़ी गाइडलाइंस, ये 2024 तक देश के हर घर तक जल पहुंचाने के संकल्प को सिद्ध करने में एक बड़ा कदम हैं. पानी का ये संकट एक परिवार के रूप में, एक नागरिक के रूप में हमारे लिए चिंताजनक तो है ही, एक देश के रूप में भी ये विकास को प्रभावित करता है. न्यू इंडिया को हमें जल संकट की हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार करना है. इसके लिए हम पांच स्तर पर एक साथ काम कर रहे हैं.
मोदी ने कार्यक्रम में कहा, चुनाव से पहले जब हमने पानी के लिए समर्पित जल शक्ति मंत्रालय की बात की थी तो कुछ लोगों को लगा कि कैसा वादा है लेकिन बहुत कम लोगों ने इस बात पर गौर किया कि क्यों इसकी जरूरत थी. जल शक्ति मंत्रालय ने इस विभागीय पहल से पानी को बाहर निकाला और समग्र सोच को बल दिया. इसी मानसून में हमने देखा है कि समाज की तरफ से, जलशक्ति मंत्रालय की तरफ से जल संरक्षण के लिए कैसे व्यापक प्रयास हुए हैं. इसी मानसून में हमने देखा है कि समाज की तरफ से, जलशक्ति मंत्रालय की तरफ से वॉटर कंजर्वेशन के लिए कैसे व्यापक प्रयास हुए हैं.
अटल भूजल योजना पर 6000 करोड़ होंगे खर्च
पीएम ने बताया, एक तरफ जल जीवन मिशन है, जो हर घर तक पाइप से जल पहुंचाने का काम करेगा और दूसरी तरफ अटल जल योजना है, जो उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देगी जहां ग्राउंड वॉटर बहुत नीचे है. अटल भूजल योजना से महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात इन सात राज्यों के भूजल का उठाने में बहुत मदद मिलेगी.
इन सात राज्यों के 78 जिलों में 8,300 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में भूजल की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है. इसका बहुत बड़ा खामियाजा वहां के लोगों को उठाना पड़ता है. लोगों को इन दिक्कतों से मुक्ति मिले, जल स्तर में सुधार हो इसके लिए हमें जागरूकता अभियान चलाने होंगे. अटल भूजल योजना पर 6000 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय में 50 प्रतिशत विश्व बैंक ऋण के रूप में होगा और शेष 50 प्रतिशत नियमित बजटीय सहायता से केन्द्रीय मदद के रूप में. राज्यों को विश्व बैंक का पूरा ऋण घटक और केन्द्रीय मदद, अनुदान के रूप में दी जाएगी.
3 साल में 5 करोड़ घरों तक पहुंचेगा साफ पानी
पीएम ने कहा जो ग्रामीण आज यहां आए हैं और जो टेक्नोलॉजी के माध्यम से हमसे जुड़े हैं उनको बताना चाहता हूं अटल जल योजना में सबसे बड़ी जिम्मेदारी हम सब नागरिकों, किसानों की है. हम सब मिलकर जितना अच्छा काम करेंगे उससे गांव का भला तो होगा ही साथ ही ग्राम पंचायतों का भी भला होगा. अटल जल योजना में ये भी प्रावधान किया गया है कि जो ग्राम पंचायतें पानी के लिए बेहतरीन काम करेंगी, उन्हें और ज्यादा राशि दी जाएगी, ताकि वो और अच्छा काम कर सकें.
पीएम मोदी ने कार्यक्रम में कहा पानी की किल्लत क्या होती है मैं और जलशक्ति मंत्री जन्म से जानते हैं. दोनों ही राज्यों में पानी की कीमत क्या है अच्छे से जानते हैं. आज आजादी के इतने वर्षों बाद भी आज देश के 3 करोड़ घरों में ही नल से जल पहुंचता है. 18 करोड़ ग्रामीण घरों में से सिर्फ 3 करोड़ घरों में नल से जल पहुंचा है. अब हमें अगले 3 साल में 15 करोड़ घरों तक पीने का साफ पानी, पाइप से पहुंचाना है. जल जीवन मिशन के दौरान एक और और नई चीज की जा रही है. इस योजना की मॉनिटरिंग के लिए स्पेस टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं.
गांव वाले बनाएं पानी के लिए एक्शन प्लान और पानी फंड
पीएम ने कहा, मेरा एक और आग्रह है कि हर गांव के लोग पानी पर एक्शन प्लान, पानी फंड बनाएं. आपके गांव में पानी से जुड़ी योजनाओं में अनेक योजनाओं के तहत पैसा आता है. विधायक और सांसद निधि से आता है, केंद्र और राज्य की योजनाओं से आता है. मैं आज इस अवसर पर दुनिया भर में बसे भारतीयों से भी आग्रह करूंगा कि वो इस पावन अभियान में अपना योगदान दें. जिस गांव से वो विदेशों में गए हैं उस गांव में पानी को प्राथमिकता दें.