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Thursday, 4 September, 2025
होमदेशनीतीश कटारा हत्याकांड: न्यायालय ने दोषी विकास यादव की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाई

नीतीश कटारा हत्याकांड: न्यायालय ने दोषी विकास यादव की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाई

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नयी दिल्ली, एक सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने 2002 के नीतीश कटारा हत्याकांड मामले में जेल की 25 साल की सजा काट रहे दोषी विकास यादव की अंतरिम जमानत की अवधि सोमवार को एक सप्ताह के लिए बढ़ा दी।

न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ दिल्ली उच्च न्यायालय के 22 अगस्त के आदेश के खिलाफ यादव द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उच्च न्यायालय ने यादव को शीर्ष अदालत द्वारा 29 जुलाई को दी गई अंतरिम जमानत की अवधि को बढ़ाने से इनकार कर दिया गया था।

सुनवाई शुरू होते ही न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया।

न्यायमूर्ति सुंदरेश ने पक्षों की ओर से पेश वकीलों को सूचित किया कि मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई के आदेश मिलने के बाद मामले की सुनवाई एक अलग पीठ करेगी।

न्यायमूर्ति सिंह के मामले से अलग होने पर यादव की ओर से पेश वकील ने अंतरिम जमानत बढ़ाने का अनुरोध करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल के विवाह की तिथि तय है।

नीतीश कटारा की मां नीलम कटारा की ओर से पेश वकील ने इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि उनकी शादी जुलाई में हो चुकी है।

पीठ ने हालांकि यादव की अंतरिम जमानत की अवधि एक सप्ताह के लिए बढ़ा दी।

यादव (54) 23 साल से अधिक समय जेल में बिता चुका है। उसने इस आधार पर अंतरिम जमानत का अनुरोध किया था कि उसकी शादी पांच सितंबर को तय हुई है और उसे सजा सुनाए जाने के समय उस पर लगाए गए 54 लाख रुपये के जुर्माने का इंतजाम करना है।

इससे पहले, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ए जी मसीह की पीठ ने उच्च न्यायालय के विचार से सहमति व्यक्त की थी और कहा था कि मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा की जानी चाहिए, जिन्होंने 29 जुलाई को यादव की अंतरिम जमानत बढ़ाने का आदेश पारित किया था।

उच्च न्यायालय ने 22 अगस्त को मामले की सुनवाई दो सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी थी, क्योंकि वह ‘‘इस बात को लेकर असमंजस में था कि क्या उसके पास अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने का अधिकार है।’’

यादव उत्तर प्रदेश के नेता डी. पी. यादव का बेटा है। विकास यादव के चचेरे भाई विशाल यादव को भी कटारा के अपहरण और हत्या के लिए सजा सुनायी गई थी।

विकास यादव और विशाल यादव विकास की बहन भारती यादव के साथ कटारा के कथित संबंधों के खिलाफ थे।

एक अन्य सह-दोषी सुखदेव पहलवान को बिना किसी छूट के 20 साल की जेल की सजा सुनायी गई थी। उच्चतम न्यायालय ने 29 जुलाई को यह कहते हुए उसे जेल से रिहा करने का आदेश दिया कि उसने अपनी 20 साल की सजा इस साल मार्च में पूरी कर ली है।

भाषा

सिम्मी मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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