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Saturday, 4 May, 2024
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न्यूज़क्लिक के संस्थापक ने FIR, गिरफ्तारी और रिमांड को दिल्ली HC में दी चुनौती, आज होगी सुनवाई

न्यूज़ वेबसाइट की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की पीठ के समक्ष दलीलें दीं और पीठ आज सुनवाई के लिए तैयार हो गई है.

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नई दिल्ली : न्यूज़क्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ ने अपने और अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है.

याचिका में मामले में उन्हें और कंपनी के एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती को रिमांड देने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को भी चुनौती दी है.

इस मामले का जिक्र दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने आज तत्काल सुनवाई की गुजारिश करते हुए किया है.

पीठ ने दलीलों को नोट कर लिया और शुक्रवार को मामले की सुनवाई के लिए सहमत हो गई है.

संबंधित वकीलों के अनुसार, न्यूज़क्लिक ने दो याचिकाएं दायर की हैं. एक में एफआईआर रद्द करने की मांग की गई है, यह कहते हुए कि आरोपी व्यक्तियों की गिरफ्तारी अवैध है. एक अन्य याचिका में उन्हें 7 दिन की रिमांड पर भेजने के पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है.

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बृहस्पतिवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती की, उन्हें प्रथम सूचना रिपोर्ट उपलब्ध कराने की याचिका स्वीकार कर ली है.

बुधवार को, ट्रायल कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की रिमांड याचिका मंजूर कर ली थी और दोनों आरोपियों को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया था.

दिल्ली पुलिस ने बुधवार को आरोप लगाया था कि न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ ने शंघाई स्थित एक कंपनी की मदद से यह नैरेटिव फैलाने की साजिश रची कि कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश विवादित क्षेत्र हैं.


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दिल्ली पुलिस ने रिमांड आवेदन के जरिए अदालत को बताया कि गुप्त इनपुट से पता चला है कि प्रबीर पुरकायस्थ, नेविल रॉय सिंघम (चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचार विभाग के सक्रिय सदस्य बताए जाते हैं) और नेविल रॉय सिंघम के स्वामित्व वाले शंघाई के कुछ अन्य चीनी कर्मचारी जो कि स्टारस्ट्रीम नाम की कंपनी के हैं, जिन्होंने ईमेल का आदान-प्रदान किया है, यह ईमेल कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा न दिखाने के उनके इरादे को उजागर करता है.

दिल्ली पुलिस ने अपनी रिमांड याचिका में कहा कि इन व्यक्तियों के ऐसे प्रयासों से वैश्विक और घरेलू स्तर पर यह नैरेटिव फैलाने की उनकी साजिश का पता चलता है कि कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश विवादित क्षेत्र हैं.

दिल्ली पुलिस ने कहा, “भारत की उत्तरी सीमाओं के साथ छेड़छाड़ करने और मानचित्रों में कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत के हिस्सों के रूप में न दिखाने की उनकी कोशिशें भारत की एकता और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करने की मंशा से किया गया काम है.”

उन्होंने कहा कि आरोपी व्यक्तियों ने इस तरह की अवैध विदेशी फंडिंग के जरिए जीवन के लिए जरूरी आपूर्ति और सेवाओं को बाधित करने और किसानों के विरोध प्रदर्शन को लंबा खींचकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाने व नष्ट करने की भी साजिश रची है.

कोविड-19 महामारी को रोकने में भारत सरकार के प्रयासों को बदनाम करने का एक झूठा नैरेटिव प्रचारित किया गया. दिल्ली पुलिस के अनुसार, यह पता चला है कि प्रबीर पुरकायस्थ ने 2019 के आम चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म (पीएडीएस) नामक एक समूह के साथ साजिश रची थी.

प्रबीर पुरकायस्थ और न्यूज पोर्टल न्यूज़क्लिक के मानव संसाधन प्रमुख (एचआर हेड) अमित चक्रवर्ती की रिमांड की मांग करते हुए पुलिस ने कहा, “एम/एस पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व और रखरखाव वाले पीपुल्स डिस्पैच पोर्टल का इस्तेमाल, एक साजिश के तहत अवैध रूप से भेजे गए विदेशी फंड के करोड़ों रुपये का पेड न्यूज के जरिए जानबूझकर इन झूठे नैरेटिव्स को फैलाने के लिए किया गया.”

दिल्ली पुलिस के अनुसार, गुप्त इनपुट प्राप्त हुए हैं कि भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने, असंतोष पैदा करने के इरादे से साजिश के तहत भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा को खतरा पहुंचाने के लिए विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में अवैध रूप से करोड़ों का धन निवेश किया गया.

अप्रैल 2018 से मेसर्स पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड को करोड़ों रुपये की ऐसी धोखाधड़ी वाली धनराशि, मेसर्स वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स एलएलसी, यूएसए और अन्य से पांच साल की छोटी अवधि के दौरान अवैध तरीकों से प्राप्त हुई है.

दिल्ली कोर्ट में दायर रिमांड आवेदन में कहा गया है कि प्रबीर पुरकायस्थ, अमित सेनगुप्ता, दोराईस्वामी रघुनंदन, बप्पादित्य सिन्हा, गौतम नवलखा, गीता हरिहरन, अमित चक्रवर्ती और एम/एस वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग एलएलसी, जो नई दिल्ली में इसके पंजीकृत कार्यालय “पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड” के शेयरहोल्डर्स हैं.

“इस तरह के विदेशी फंड को मेसर्स वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स (नेविल रॉय सिंघम के करीबी सहयोगी जेसन पफेचर द्वारा निगमित, पीपल सपोर्ट फाउंडेशन (निदेशक जोडी इवांस, नेविल रॉय सिंघम की पत्नी), जस्टिस एंड एजुकेशन फंड, मेसर्स जीएसपीएएन एलएलसी (नेविल रॉय सिंघम के स्वामित्व वाली), द ट्राइकॉन्टिनेंटल लिमिटेड इंक यूएस, सेंट्रो पॉपुलर डी मिडास, ब्राजील समेत कई संस्थाओं के एक काम्पलेक्स वेब के जरिए धोखाधड़ी से निवेश किया गया है.”

इसमें कहा गया है कि यह पता चला है कि ट्राइकॉन्टिनेंटल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और जीएसपीएएन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड दोनों को, क्रमशः ट्राइकॉन्टिनेंटल लिमिटेड, यूएसए और जीएसपीएएन एलएलसी यूएसए द्वारा निगमित, विदेशी धन प्राप्त करने के मौजूदा नियमों को दरकिनार कर भारत में धन निवेश के लिए एनजीओ द्वारा मदद मिली.

इसके अलावा, यह पता चला है कि गौतम नवलखा, जो वर्ष 2018 में पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना के बाद से इसके शेयरधारक रहे हैं, भारत विरोधी और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहे, जैसे कि प्रतिबंधित नक्सली संगठनों का सक्रिय रूप से समर्थन करना और गुलाम नबी फई जो पाकिस्तान की आईएसआई का एजेंट है, के साथ राष्ट्र-विरोधी सांठगांठ रखना.

दिल्ली पुलिस ने कहा था कि यह भी पता चला है कि गौतम नवलखा 1991 से प्रबीर पुरकायस्थ के साथ जुड़े हुए हैं, जब उन्होंने सागरिक प्रोसेस एनालिस्ट प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की थी.


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