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Sunday, 28 April, 2024
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किसे मिलेगा NCP का नाम और चिह्न, सुनवाई आज, संजय राउत ने कहा- चुनाव आयोग की होगी परीक्षा

एनसीपी के दोनों गुटों के नेता शरद पवार और अजित पर चुनाव आयोग के समक्ष आज पेश होंगे. एनसीपी के नाम और चिह्न को लेकर चल रहा है विवाद.

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मुम्बई : भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) आज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के दोनों गुटों की पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह के दावों को लेकर याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगा. वहीं इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राउत ने कहा कि आज आयोग टेस्ट होगा.

भारतीय चुनाव आयोग आज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के दोनों की गुटों- शरद पवार और अजित पवार की याचिकाओं पर सुनवाई करेगा, जिसमें दोनों ने पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह के दावा शामिल है. जुलाई में, ईसीआई ने शरद पवार और अजीत पवार दोनों को मतदान निकाय को सौंपे गए दस्तावेजों को एक-दूसरे के साथ साझा करने का निर्देश दिया था. आज ECI के समक्ष मामले की पहली सुनवाई है.

एनसीपी के एक गुट का नेतृत्व शरद पवार और दूसरे का नेतृत्व महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार करते हैं.

अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट और पार्टी सुप्रीमो शरद पवार के बीच झगड़े को लेकर जुलाई की शुरुआत में अजित पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और पार्टी के चुनाव चिन्ह पर दावा करते हुए चुनाव आयोग से संपर्क किया था.

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बाद में, चुनाव आयोग ने पार्टी के दोनों गुटों को पत्र लिखकर विभाजन को स्वीकार करते हुए शरद पवार और अजीत पवार दोनों को मतदान निकाय को सौंपे गए दस्तावेजों को एक-दूसरे के साथ साझा करने का निर्देश दिया था.

ईसीआई के समक्ष आज पहली सुनवाई है.

आयोग ने जुलाई में अजित पवार गुट द्वारा दायर याचिका के बाद शरद पवार के नेतृत्व वाले राकांपा समूह को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था.

याचिका में दावा किया गया था कि अजित पवार को राकांपा अध्यक्ष घोषित किया जाना चाहिए और उन्हें चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश, 1968 के प्रावधानों के अनुसार पार्टी का चिन्ह आवंटित किया जाना चाहिए.

एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि पार्टी में कोई आंतरिक संघर्ष नहीं है.

सुले ने आगे कहा कि पार्टी की स्थापना वरिष्ठ नेता शरद पवार ने की थी और जाहिर है कि चुनाव चिह्न उनके पास ही रहना चाहिए.

सुप्रिया सुले ने नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था, “एनसीपी में कोई लड़ाई नहीं है… पार्टी की स्थापना 25 साल पहले शरद पवार ने की थी. कश्मीर से कन्याकुमारी तक, हर कोई जानता है कि एनसीपी का मतलब शरद पवार हैं. एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार हैं, और महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल हैं. इसके (चिह्न) जाने का कोई सवाल ही नहीं है. पार्टी शरद पवार ने बनाई थी, इसलिए यह चिन्ह उनके पास ही रहना चाहिए, यह स्पष्ट है.”

जबकि अजित पवार ने कहा था कि वह चुनाव आयोग के अंतिम फैसले को स्वीकार करेंगे.

उन्होंने कहा था, “चुनाव आयोग अंतिम फैसला देगा…तारीखें मिलने के बाद दोनों पक्ष चुनाव आयोग के समक्ष जाएंगे…उसके बाद जो अंतिम फैसला आएगा, मैं उसे स्वीकार करूंगा.”

अजित पवार ने 30 जून को चुनाव आयोग के समक्ष याचिका दायर की थी और जब उन्होंने 2 जुलाई को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, तो उनका नोटिस 5 जुलाई को चुनाव आयोग के कार्यालय पहुंचा.

अजित पवार ने अपने दावे के समर्थन में सांसदों, विधायकों और एमएलसी के हलफनामों के साथ याचिका दायर की थी.

वहीं शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा, ”शरद पवार आज चुनाव आयोग के सामने पेश होंगे. यह बहुत आश्चर्य की बात है. पार्टी के संस्थापक और अध्यक्ष आयोग के सामने बैठेंगे और उनके प्रतिद्वंद्वी कहेंगे कि यह उनकी पार्टी नहीं है. आज चुनाव आयोग की परीक्षा है.”


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