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शनिवार, 31 मई, 2025
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राष्ट्रीय पुरस्कारों की घोषणा, सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार ‘आट्टम: द प्ले’ के नाम

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नयी दिल्ली, 16 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में शुक्रवार को क्षेत्रीय सिनेमा का बोलबाला रहा और मलयाली फिल्म ‘आट्टम: द प्ले’ को सर्वश्रेष्ठ फिल्म, जबकि कन्नड़ फिल्म ‘कांतारा’ के लिए ऋषभ शेट्टी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार के लिए चुना गया।

‘आट्टम’ ने दो और पुरस्कार जीते जिनमें आनंद एकार्शी के नाम सर्वश्रेष्ठ पटकथा (मूल) और महेश भुवनेंद के नाम सर्वश्रेष्ठ संपादन का पुरस्कार शामिल है।

एकार्शी ने कहा कि एक निर्देशक के रूप में अपनी पहली फिल्म के लिए तीन राष्ट्रीय पुरस्कार पाना ‘अविश्वसनीय रूप से प्रेरणादायक’ है।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”यह बेहद प्रेरणादायक है और मैं रोमांचित हूं। लोग कह रहे थे कि राष्ट्रीय पुरस्कारों की घोषणा होने वाली है और कुछ होना चाहिए… यह अविश्वसनीय रूप से आश्चर्यजनक है। हर कोई सातवें आसमान पर है।”

कन्नड़ ब्लॉकबस्टर ‘कंतारा’ को संपूर्ण मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का पुरस्कार

मिला है। फिल्म में अभिनेता शेट्टी ने पिता और पुत्र की दोहरी भूमिका निभाई है।

अभिनेता के साथ ही इस फिल्म के सह-लेखक व निर्देशक शेट्टी ने कहा ‘मैं वास्तव में ‘कंतारा’ के लिए यह राष्ट्रीय पुरस्कार पाकर अभिभूत हूं… मैं अपने दर्शकों के लिए और भी बेहतर फिल्म लाने के लिए और अधिक मेहनत को लेकर प्रतिबद्ध हूं।”

तमिल फिल्म ‘तिरुचित्राम्बलम’ के लिए नित्या मेनन और गुजराती फिल्म ‘कच्छ एक्सप्रेस’ के लिए मानसी पारेख को संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार के लिए चुना गया। 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में सूरज बड़जात्या को फिल्म ‘ऊंचाई’ के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के पुरस्कार के लिए चुना गया है।

‘ऊंचाई’ माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की तैयारी कर रहे चार बुजुर्ग दोस्तों पर केंद्रित है। नीना गुप्ता को इस फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेत्री के पुरस्कार के लिए चुना गया।

साल 1993 में “बाजार सीताराम” और 1994 में “वो छोकरी” के लिए पुरस्कार पाने वालीं गुप्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मुझे पहले भी दो राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं और मुझे कई वर्षों के बाद एक और राष्ट्रीय पुरस्कार मिल रहा है, यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है।’’

हरियाणवी फिल्म ‘फौजा’ के पवन मल्होत्रा ​​को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार दिया गया है। “फौजा” का निर्देशन करने वाले प्रमोद कुमार को किसी निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ पदार्पण फिल्म का पुरस्कार और नौशाद सदर खान को सर्वश्रेष्ठ गीतकार के पुरस्कार के लिए चुना गया है।

फीचर फिल्म निर्णायक मंडल के प्रमुख राहुल रवैल और गैर-फीचर फिल्म निर्णायक मंडल के प्रमुख नील माधव पंडा ने पुरस्कारों की घोषणा की।

शर्मिला टैगोर और मनोज बाजपेयी अभिनीत ‘गुलमोहर’ ने हिंदी फिल्म का पुरस्कार अपने नाम किया है। बाजपेयी का विशेष उल्लेख भी किया गया।

टैगोर ने कहा कि टीम बहुत खुश है और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में फिल्म की जीत का जश्न मनाने के लिए मिलने की योजना बना रही है।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “गुलमोहर को दर्शकों से बहुत प्यार मिला और कई मीडिया मंचों से जो ढेर सारे पुरस्कार मिले उनकी वजह से यह यात्रा अद्भुत रही है। अब, यह राष्ट्रीय पुरस्कार सोने पर सुहागा है। मैं बहुत खुश हूं।”

ए.आर. रहमान को मणिरत्नम की फिल्म ‘पोन्नियन सेल्वन-पार्ट-1’ के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक (पार्श्व संगीत) के रूप में चुना गया। ‘पोन्नियन सेल्वन-पार्ट-1’ को सर्वश्रेष्ठ तमिल फिल्म भी चुना गया है।

प्रीतम को ‘ब्रह्मास्त्र-पार्ट 1’ के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक (गीत) चुना गया गया है।

पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित बॉम्बे जयश्री ने ‘सौदी वेल्लाका सीसी 225/2009’ के गीत ‘चायुम वेयिल’ के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का पुरस्कार जीता, ‘सौदी वेल्लाका सीसी 225/2009’ को सर्वश्रेष्ठ मलयालम फिल्म का पुरस्कार भी मिला।

दिग्गज सिनेमैटोग्राफर रवि वर्मन को मणिरत्नम की ‘पोन्नियिन सेलवन’ के लिए सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी का पुरस्कार मिला। आनंद कृष्णमूर्ति को इस फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ साउंड डिजाइन का पुरस्कार दिया जाएगा।

भाषा जोहेब अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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