लखनऊ, पांच अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में रविवार को राजभवन उत्तर प्रदेश और व्योमिका फाउंडेशन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
इसके अंतर्गत राजभवन परिसर स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में लगभग साढ़े बारह लाख रुपये की लागत से ‘स्पेस साइंस एंड इनोवेशन लैब’ की स्थापना की जाएगी। इस प्रयोगशाला की स्थापना एचडीएफसी बैंक की कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) निधि से की जा रही है।
राजभवन की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, यह पहल व्योमिका फाउंडेशन द्वारा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन स्पेस एप्लीकेशन सेंटर, अहमदाबाद के सहयोग से संचालित की जा रही है।
बयान में कहा गया कि इस पहल का उद्देश्य विद्यालय के विद्यार्थियों में अंतरिक्ष विज्ञान, रोबोटिक्स, ड्रोन तकनीक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, खगोल विज्ञान और उपग्रह प्रौद्योगिकी के प्रति रुचि, समझ और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करना, विद्यार्थियों के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियंत्रण और गणित शिक्षा को सशक्त बनाना तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप अनुभवात्मक एवं कौशल-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना है।
इस प्रयोगशाला में विद्यार्थी उपग्रह मॉडल, रोवर, ड्रोन, और स्पेस मिशन सिमुलेशन जैसी अभिनव परियोजनाओं पर कार्य करेंगे, जिससे उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण, रचनात्मकता और समस्या समाधान की क्षमता का विकास होगा।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस अवसर पर कहा कि बच्चों में प्रारंभिक अवस्था से ही वैज्ञानिक जिज्ञासा, अनुसंधान की प्रवृत्ति और नवाचार की सोच को विकसित करना अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि विद्यालय में इस प्रकार की प्रयोगात्मक शिक्षा से विद्यार्थियों को विज्ञान की व्यावहारिक समझ प्राप्त होगी, जो उनके आत्मविश्वास और रचनात्मकता को बढ़ाएगी।
राज्यपाल ने एचडीएफसी बैंक द्वारा सीएसआर निधि से इस परियोजना को सहयोग प्रदान किए जाने की सराहना की और कहा कि “निजी क्षेत्र की ऐसी पहल शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन ला रही हैं तथा समाज के वंचित वर्ग के बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से जोड़ने में योगदान दे रही हैं।”
उन्होंने घोषणा की कि राजभवन में निर्माणाधीन आदर्श विद्यालय तथा इस नवस्थापित प्रयोगशाला का उद्घाटन आगामी 26 जनवरी को किया जाएगा।
राज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कार्य निर्धारित समय में पूर्ण किया जाए और विद्यालय परिसर में एक सुंदर उद्यान भी विकसित किया जाए।
भाषा आनन्द
नेत्रपाल
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