मुंबई, एक सितंबर (भाषा) मराठा आरक्षण आंदोलनकारियों के कारण न केवल आम लोगों को, बल्कि बंबई उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश को भी असुविधा का सामना करना पड़ा।
प्रदर्शनकारियों ने दक्षिण मुंबई की सड़कों पर कब्जा कर लिया है और एक न्यायाधीश की कार को रोक दिया, जिसके कारण न्यायाधीश को उच्च न्यायालय भवन तक पहुंचने के लिए थोड़ी दूरी पैदल तय करनी पड़ी।
न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे और न्यायमूर्ति गौतम अंखड की पीठ ने कहा कि मुंबई शहर ‘‘सचमुच पंगु हो गया है और उच्च न्यायालय वस्तुतः घेरेबंदी में है।’’
पीठ ने कहा कि हर सड़क विशेषकर आजाद मैदान, सीएसटी, मंत्रालय, फ्लोरा फाउंटेन, मरीन ड्राइव, पी’डेमेलो रोड का पूरा क्षेत्र प्रदर्शनकारियों से भरा पड़ा है जो सड़कों पर नाच रहे हैं, कबड्डी खेल रहे हैं, खाना बना रहे हैं, मुख्य सड़कों पर स्नान कर रहे हैं।
उच्च न्यायालय ने कई याचिकाओं पर सुनवाई के बाद अपने आदेश में कहा, ‘‘वास्तव में, आज जब हममें से एक (रवींद्र घुगे) दोपहर करीब 12.30 बजे सरकारी कार से न्यायालय जा रहे थे तो सिटी सिविल कोर्ट और उच्च न्यायालय भवन के सामने भारी अवरोध था।’’
यहां तक कि सरकारी वकील पूर्णिमा कंथारिया को भी अदालत परिसर न्यायाधीश के साथ पैदल आना पड़ा, क्योंकि वह भी फंस गई थीं।
भाषा शोभना सुभाष
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