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Thursday, 25 April, 2024
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मोदी सरकार के दबाव में एलआईसी को खरीदने पड़े 5 बड़े पीएसयू स्टॉक्स, झेलना पड़ा 20 हज़ार करोड़ का नुकसान

एलआईसी देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है जिसकी कुल संपत्ति 31 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा है. लेकिन आईडीबीआई, एचएएल और न्यू इंडिया एस्योरेंस में किए गए निवेश से एलआईसी को भारी नुकसान हुआ है.

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नई दिल्ली: भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को सरकार के मुश्किल समय में कर्ज देने वाली उपक्रम के तौर पर देखा जाता है. पिछले कुछ सालों में एलआईसी ने राज्य द्वारा संचालित कंपनियों के कई स्टॉक्स में तो भारी निवेश किया है. लेकिन, उसकी कीमत लगातार कम हो रही है. दिप्रिंट के विश्लेषण के अनुसार इन सालों में स्टॉक मार्केट कमोबेश बढ़ा है.

स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों का विश्लेषण करने से पता चलता है कि एलआईसी ने राज्य द्वारा चलाए जाने वाले उपक्रमों के आईपीओ में काफी निवेश किया है. लेकिन, उसकी कीमतों में लगातार गिरावट आ रही है.

इसकी इतर एलआईसी ने आईडीबीआई बैंक में 51 फीसदी तक अपनी हिस्सेदारी बढ़ा ली है. लेकिन, इससे भी एलआईसी को कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है. क्योंकि बैंक घाटे में जा रहा है.

एलआईसी देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है. जिसकी कुल संपत्ति 31 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा है. एलआईसी न केवल विभिन्न स्तरों पर सरकार को मदद करती है. बल्कि देश के रेलवे, रोड और ऊर्जा सेक्टर को भी फंड देती है.

आरबीआई द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार एलआईसी में किया गया. कुल निजी निवेश मार्च 2019 में बढ़कर 85 फीसदी हो गया था. जो मार्च 2014 में 79 फीसदी था.

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नवंबर 2017 में एलआईसी ने राज्य द्वारा चलाए जाने वाले आईपीओ न्यू इंडिया एस्योरेंस कंपनी का 50 फीसदी शेयर खरीदा था. एलआईसी ने 5,713 करोड़ का कुल निवेश किया था. जिसमें एक शेयर की कीमत उस समय 800 रुपए थी.

Graphic: Arindam Mukherjee | ThePrint

23 सितंबर को शेयर की कीमतों में गिरावट के कारण एलआईसी की कुल होल्डिंग 757 करोड़ रुपए गिर गई थी, जो लगभग 87 फीसदी की गिरावट थी. शेयर की कीमत गिर कर 106.85 रुपए पर आ गई थी.


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यही कहानी दूसरी बीमा कंपनी जनरल इंश्योरेंस कोर्पोरेशन की भी है. एलआईसी ने अक्टूबर 2017 में जीआईसी में 5,641 करोड़ रुपए का निवेश किया था. लेकिन वर्तमान में उसकी कीमत गिरकर लगभग आधी यानी कि 2979 करोड़ रुपए रह गई है.

एलआईसी ने तीन और निजी सेक्टर के आईपीओ में निवेश किया था. लेकिन वो भी नुकसान में चल रहे हैं. एलआईसी ने मार्च 2018 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटिड में 2843 करोड़ रुपए का निवेश किया था. लेकिन, अब उसकी कीमतों में 38 फीसदी की गिरावट आई है और वो अब 1751 करोड़ रुपए पर आ गई है. एलआईसी ने एमएसटीसी और भारत डाएनेमिक्स में भी निवेश किया था. उनकी भी स्थिति काफी खराब है.

एक और उदाहरण नुकसान में चल रही आईडीबीआई बैंक के अधिग्रहण की है. एलआईसी ने सितंबर-दिसंबर 2018 के बीच लगभग 21,624 करोड़ रुपए निवेश किया था. एक साल के भीतर इक्विटि में 47 फीसदी की गिरावट आई है. इक्विटि होल्डिंग वर्तमान में 10,967 करोड़ रुपए है. आईडीबीआई बैंक को पिछले दो तिमाहियों में लगभग 8,718 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है.

एलआईसी ऊर्जा क्षेत्र की सरकारी उपक्रम एनटीपीसी में भी 40 फीसदी हिस्सेदारी रखती है. अगस्त 2017 में एलआईसी ने 4,275 करोड़ रुपए का निवेश किया था. लेकिन पिछले दो सालों में इसके निवेश की कीमतों में 30 फीसदी की गिरावट आई है. वर्तमान में इसकी कीमत 3,003 करोड़ रुपए रह गई है.

कमोबेश मौजूदा स्थिति देखें तो पिछले 2 सालों के भीतर एलआईसी को अपने 5 बड़े स्टॉक से 20 हज़ार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है.


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पिछले दो सालों में एलआईसी के सिर्फ दो आईपीओ से फायदा हुआ है. मिश्रा धातु निगम और जीआरएसई जिनकी कुल कीमत 246 करोड़ रुपए है. इससे एलआईसी को कोई नुकसान नहीं हुआ है. फायदा सिर्फ 50 करोड़ रुपए का हुआ है.

इस रिपोर्ट के छपने तक एलआईसी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. एलआईसी से मेल के जरिए इस संबंद्ध में जवाब मांगे गए थे.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)

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