scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमदेशकोरोना से बीमार हो रहे लोगों को अस्पताल जाने की जरूरत नहीं, लक्षण मामूली हैं : केजरीवाल

कोरोना से बीमार हो रहे लोगों को अस्पताल जाने की जरूरत नहीं, लक्षण मामूली हैं : केजरीवाल

उन्होंने कहा कि पिछले साल 27 मार्च को दिल्ली में 6,600 उपचाराधीन मामले थे और 1,150 ऑक्सीजन बिस्तर भरे हुए थे. उस वक्त 145 मरीज वेंटिलेटर पर थे, और अभी केवल पांच हैं.

Text Size:

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार दिल्ली कोरोनावायरस की स्थिति की जानकारी दी और इसकी चपेट में आ रहे लोगों को कहा कि आंकड़ों के अनुसार ज्यादातर कोविड मरीजों को अस्पताल में आने की जरूरत नहीं है. सभी मरीजों में लक्षण हल्के या बिना लक्षण वाले हैं.

केजरीवाल ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘उपचाराधीन मामलों की संख्या 29 दिसंबर, 2021 को करीब 2,000 रहने के बाद एक जनवरी को करीब 6,000 हो गई, लेकिन अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या इस दौरान घटी है. 29 दिसंबर, 2021 को 262 बिस्तरों पर लोग भर्ती थे लेकिन एक जनवरी को यह संख्या महज 247 थी.’

उन्होंने कहा कि पिछले साल 27 मार्च को दिल्ली में 6,600 उपचाराधीन मामले थे और 1,150 ऑक्सीजन बिस्तर भरे हुए थे. उन्होंने कहा कि उस वक्त 145 मरीज वेंटिलेटर पर थे, और अब बस पांच हैं.

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में रविवार को कोरोनावायरस संक्रमण के करीब 3,100 नए मामले सामने आए हैं. आंकड़े दिखाते हैं कि अधिकतर कोविड-19 मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है, लगभग सभी मरीज हल्के या बिना लक्षण वाले हैं.

उन्होंने जानकारी दी कि ‘अस्पतालों में केवल 82 ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों पर मरीज भर्ती हैं, 98.78 प्रतिशत ऑक्सीजन युक्त बिस्तर खाली हैं जबकि दिल्ली में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 6.3 हजार है.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में कोविड-19 के उपचाराधीन मामलों की संख्या 29 दिसंबर को जहां करीब दो हजार थी, वहीं एक जनवरी को यह बढ़कर छह हजार के करीब पहुंच गई, लेकिन इस अवधि में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है.

उन्होंने बताया कि 27 मार्च 2021 को दिल्ली में 6.6 हजार उपचाराधीन मरीज थे जिनमें से 145 वेंटिलेटर पर थे जबकि आज महज पांच मरीज उस स्थिति में हैं.

केजरीवाल ने कहा मामलों में वृद्धि के बावजूद, अस्पतालों में बिस्तर की जरूरत एक प्रतिशत से भी कम है और पिछले साल अप्रैल में आई कोरोना वायरस की घातक दूसरी लहर की तुलना में बहुत कम है.

share & View comments