देहरादून, चार सितंबर (भाषा) उत्तराखंड में राशन की दुकानों से वितरित किए जा रहे आयोडीन युक्त नमक में रेत की मिलावट संबंधी शिकायतों पर राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को स्पष्ट किया कि यह नमक अच्छी गुणवत्ता का है लेकिन गुणवत्ता नियंत्रण की समीक्षा के लिए मानसून के बाद निर्माता के कारखाने का दौरा किया जाएगा और नियमित अंतराल पर नमूनों की प्रयोगशाला में जांच कराई जाएगी।
रेत मिश्रित नमक की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तत्काल नमूनों की जांच के निर्देश दिए थे जिसके बाद खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति आयुक्त चंद्रेश कुमार ने यह स्पष्टीकरण जारी किया।
कुमार ने बताया कि जून 2024 से प्रदेश में लागू मुख्यमंत्री नमक पोषण योजना के तहत, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के राशन कार्ड धारकों को प्रत्येक माह एक किलोग्राम आयोडीन युक्त नमक आठ रुपये में वितरित किया जाता है।
इस नमक का वितरण केंद्र द्वारा नामित संस्था भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) द्वारा किया जाता है।
उन्होंने बताया कि कार्डधारकों को उच्च गुणवत्ता वाला आयोडीन युक्त नमक उपलब्ध हो, यह सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने एनसीसीएफ से गुणवत्ता परीक्षण रिपोर्ट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था। इसके जवाब में एनसीसीएफ ने मैसूर स्थित रक्षा खाद्य एवं अनुसंधान प्रयोगशाला से प्राप्त नमक की गुणवत्ता पुष्टि करने वाली रिपोर्ट साझा की।
कुमार ने यह भी बताया कि आईटीसी लैब से प्राप्त परीक्षण रिपोर्ट में भी नमक को सभी मानकों के अनुरूप बताया गया है।
उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा नमक के नमूने रुद्रपुर स्थित राज्य खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला को भी भेजे गए थे, और 19 अगस्त को प्राप्त परिणामों में भी वितरित किए जा रहे नमक को अच्छी गुणवत्ता का पाया गया।
कुमार ने कहा, ‘सभी परीक्षण परिणाम यह पुष्टि करते हैं कि आपूर्ति किया जा रहा आयोडीन युक्त नमक अच्छी गुणवत्ता का है और यह भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के मानकों का पूरी तरह पालन करता है।’
आयुक्त ने कहा कि आयोडीन युक्त नमक की उपलब्धता और वितरण के संबंध में पूर्ण पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने मानसून के बाद निर्माता के कारखाने का निरीक्षण करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि साथ ही, नमक की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विभाग द्वारा नियमित अंतराल पर प्रयोगशाला परीक्षण कराए जाते रहेंगे।
भाषा दीप्ति खारी
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