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Thursday, 21 November, 2024
होमदेशराम मंदिर के मॉडल और भव्यता को लेकर संतों में नाराज़गी, ट्रस्ट ने कहा- 'सब ठीक है'

राम मंदिर के मॉडल और भव्यता को लेकर संतों में नाराज़गी, ट्रस्ट ने कहा- ‘सब ठीक है’

संतों के एक गुट के नाराजगी के सवाल पर ट्रस्ट के महासचिव और वीएचपी के उपाध्यक्ष चंपत राय ने दिप्रिंट से कहा, 'ऐसा कुछ नहीं है. सबकुछ ठीक ठाक है.'

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नई दिल्ली: अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर की दिव्यता और भव्यता को लेकर अब संतों में खींचतान शुरू हो गई है. इस लेकर नाराज संतों ने रविवार को दिगंबर अखाड़ा में बैठक की. नाराज संतों का कहना है कि राम मंदिर का प्रस्तावित मॉडल भगवान राम की गरिमा के अनुकूल नहीं है.

नाराज संतों की मांग है कि इसे दुनिया का सबसे भव्य मंदिर होना चाहिए और उन्हें भी विश्वास में लेकर राम मंदिर का निर्माण कार्य किया जाना चाहिए.

संतों का एक गुट श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में स्थान नहीं मिलने को लेकर नाराज भी है. रविवार को इन संतों ने अयोध्या से विधायक वेद प्रकाश गुप्ता को इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपा है. उन्होंने इस मांग पत्र को ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास और सरकार को सौंपने के लिए कहा है.

विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने दिप्रिंट से कहा, ‘कुछ संतों की एक बैठक हुई थी. इस बैठक में मैं भी पहुंच गया था. राम मंदिर दिव्य और भव्य बने इसे लेकर एक ज्ञापन भी मुझे दिया है. उन्हें मैंने भी आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार ने दिव्य और भव्य मंदिर बनाने को लेकर संसद में कहा है. उनके द्वारा दिया गया ज्ञापन राज्य के सीएम और पीएम को भेज दूंगा. बाकि किसी को कोई शिकायत नहीं है.’

संतों के एक गुट के नाराजगी के सवाल पर ट्रस्ट के महासचिव और वीएचपी के उपाध्यक्ष चंपत राय ने दिप्रिंट से कहा, ‘ऐसा कुछ नहीं है. सबकुछ ठीक ठाक है.’


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दिगंबर अखाड़ा की बैठक में शामिल हुए महंत सुरेश दास का कहना है कि हमारी यह इच्छा है कि भगवान राम का भव्य मंदिर बनाया जाना चाहिए. मंदिर निर्माण के लिए जो मानक तय किए गए हैं वह राम मंदिर की भव्यता के लिए पर्याप्त नहीं है. मंदिर ऐसा हो जिसकी तुलना पूरे विश्व में न हो. हमारा ट्रस्ट से कोई विरोध नहीं है.

वहीं जानकी घाट बड़ा स्थान के महंत जन्मेजय शरण का कहना है कि राम मंदिर का नक्शा 2.77 एकड़ के हिसाब से बनाया गया था. अब पूरे 67 एकड़ में राम मंदिर बनना चाहिए.

वहीं महंत डॉ. राघवेश दास वेदांती का कहना है ​कि प्रस्तावित मंदिर की ऊंचाई बहुत कम है. इसकी उंचाई कम से कम 1111 फीट ऊंचा होना चाहिए.

संतों का कहना है कि हम ट्रस्ट और शासन को अपनी मांगें भी भेजेंगे.

वहीं इस मामले में वीएचपी के मंदिर आंदोलन से जुड़े प्रमुख संतों का कहना है कि जो लोग इस तरह की मांग उठा रहे हैं वे चाहते ही नहीं कि राम मंदिर दो से तीन साल में बनकर तैयार हो जाए. ऐसी मांग से मंदिर निर्माण का काम वर्षों तक चलता रहेगा. मंदिर आंदोलन में राम मंदिर का जो मॉडल वर्षों से लोगों के दिल में बसा है उसी के आधार पर मंदिर बनेगा. इस मॉडल के आधार पर 50 फीसदी से ज्यादा काम हो भी चुका है.

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