scorecardresearch
Saturday, 27 April, 2024
होमदेशतबादले पर तबादले और कितने तबादले झेलेगा ये आईएएस अधिकारी

तबादले पर तबादले और कितने तबादले झेलेगा ये आईएएस अधिकारी

27 साल के करियर में ये उनका 50वां ट्रांसफर है. सरकार चाहे भाजपा की हो या कांग्रेस की इस अधिकारी पर ट्रांसफर का डंडा चलता ही रहा है.

Text Size:

नई दिल्ली: हरियाणा कैडर के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका का एक बार फिर से तबादला हो गया है. इस बार उन्हें खेल और युवा मामलों के विभाग से हटा कर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में प्रधान सचिव के पद पर नियुक्त किया गया है.  इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार अशोक खेमका को अरावली चकबंदी के विरोध में पद से हटाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक अरावली की पहाड़ियों पर चल रहे विवाद को लेकर खेमका का कहना है कि यह केवल धनपशुओं का ही पेट भरेगा.

1991 बैच के आईएएस अधिकारी खेमका के लिए ट्रांसफर कोई नई बात नहीं है. 1993 में हुई पहली पोस्टिंग के बाद यह उनका 50वां ट्रांसफर है. सरकार चाहे भाजपा की हो या कांग्रेस की इस अधिकारी पर ट्रांसफर का डंडा चलता ही रहा है, आईआईटी खड़गपुर से बीटेक की पढ़ाई करने वाले अशोक खेमका को तबादले का दंश हर बंशीलाल की सरकार से लेकर खट्टर की सरकार के समय में झेलना पड़ा है. अशोक खेमका का नाम देश में किसी भी आईएएस अधिकारी के हुए ट्रांसफर में दूसरे नंबर पर आता है. हरियाणा के ही प्रदीप कासनी 70 बार तबादले के साथ देश के सबसे ज्यादा तबादले वाले नौकरशाह हैं. हालांकि, 33 साल सेवा देने के बाद प्रदीप कासनी अब रिटायर हो चुके हैं.

सबसे ज्यादा किस विभाग में तबादले हुए

अशोक खेमका ने अपने कार्यकाल में सबसे अधिक समय तीन विभाग में बिताए हैं. सूचना एवं प्रद्योगिकी और प्रशासनिक सुधार विभाग. इन दोनों विभागों में खेमका का चार-चार बार ट्रांसफर किया गया है.

सबसे ज्यादा समय किस विभाग में बिताया

अशोक खेमका ने बतौर आईएएस सबसे लंबा वक्त पंचकुला के वेयरहाउस कॉरपोरेशन लिमटेड में बतौर मैनेजिंग डायरेक्टर बिताया था. उन्होंने इस विभाग में अपनी सेवाएं 10 जुलाई 2008 से 27 अप्रैल 2010 तक दिया था. यह किसी भी विभाग में खेमका द्वारा बिताया गया सबसे बड़ा कार्यकाल था.

किस साल कोई तबादला नहीं हुआ है

खेमका की पहली पोस्टिंग हरियाणा में हुई थी. तब से लेकर अभी तक वो हरियाणा में ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं. पिछले 27 सालों में केवल 2009 ही ऐसा साल है जब खेमका का तबादला नहीं हुआ. वे तब भूमि विभाग में स्पेशल ज्वाइंट स्क्रेटरी के पद पर तैनात थे.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

सबसे कम समय किस विभाग में बिताए  

खेमका ने सबसे कम समय हाउसिंग एवं अर्बन डेवल्पमेंट विभाग में बिताया है. उन्हें 11 जुलाई 2002 को इस विभाग में नियुक्त किया गया था और 1 अगस्त 2002 को उनका तबादला डेयरी और एग्रीकलचर विभाग में कर दिया गया था.

किसकी सरकार में हुए कितने तबादले 

अशोक खेमका का तबादला सबसे ज्यादे बार हुड्डा सरकार में हुआ है. हुड्डा के 10 साल के कार्यकाल में खेमका का 21 बार तबादला हुआ है. वर्तमान खट्टर सरकार में उनका यह 6वां तबादला है. ओपी चौटाला की सरकार में 10 बार, बंसीलाल की सरकार में 7 बार और भजन लाल की सरकार में 5 बार तबादले हुए हैं.

किस साल सबसे ज्यादा तबादला हुआ

खेमका का लिए सबसे ज्यादा तबादले वाला साल 2002 रहा है. इस साल उनका 4 बार ट्रांसफर किया गया था. तब राज्य में ओम प्रकाश चौटाला की सरकार थी.

कई बार रहे हैं विवादों में

पश्चिम बंगाल में जन्में अशोक खेमका का नाम साल 2012 में सुर्खियों में आया था. जब उन्होंने प्रियंका गांधी के पति राबर्ट वाड्रा की कंपनी और रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ के बीच हुए समझौते को रद्द कर दिया था. रॉबर्ट वाड्रा पर आरोप था कि उन्हें नियमों का उल्लंघन कर सरकार द्वारा सस्ते रेट में जमीन दी गई, जिसे वाड्रा ने डीएलएफ को मंहगे दाम में बेच दी. उस समय हरियाणा में कांग्रेस शासित हुड्डा सरकार थी और अशोक खेमका का तबादला जमीन रिकार्ड विभाग से  बीज विभाग में कर दिया गया था.

इसके अलावा हरियाणा सरकार ने जून 2018 में सरकारी नौकरी करने वाले खिलाड़ियों से कहा कि अगर वे किसी प्रोफेशनल खेलों में भाग लेते हैं या विज्ञापन करते हैं तो उन्हें अपनी कमाई का 33% हिस्सा राज्य के खेल परिषद को देना होगा. खेल विभाग का नोटिफिकेशन आते ही सरकारी नौकरी में शामिल ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और कुश्ती पहलवान योगेश्वर दत्त, बबीता फोगाट और सुशील कुमार ने जमकर विरोध किया.

करने वाले खिलाड़ियों से कहा कि अगर वे किसी प्रोफेशनल खेल में हिस्सा लेते हैं या विज्ञापन करते हैं तो उसकी कमाई का 33% हिस्सा खेल परिषद को देना होगा। खेल विभाग का नोटिफिकेशन सर्कुलेट होने पर सरकारी नौकरी में शामिल 2012 के ओलंपिक में रजत पदक विजेता और कुश्ती खिलाड़ी सुशील कुमार, ओलंपिक में कांस्य पदक और कुश्ती खिलाड़ी योगेश्वर दत्त, बबीता फोगाट जैसे खिलाड़ियों ने विरोध किया.

बबीता फोगाट ने तो यहां तक कह दिया था कि ऐसा लगता है अनपढ़ लोग ही पॉलिसी बना रहे हैं. क्या वो नहीं जानते जो राशि हम जीतते हैं, उस पर हम टैक्स देते हैं.  उस समय खेल विभाग अशोक खेमका देख रहे थे. और खिलाड़ियों ने उन्हें जमकर आड़े हाथों लिया था.

share & View comments