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Friday, 26 April, 2024
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स्वास्थ्य बजट में 6000 करोड़ से अधिक की बढ़ोतरी, आयुष्मान भारत के लिए 6,400 करोड़

स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़ी घोषणाओं के दौरान सीतारमण ने कहा कि 112 आकांक्षी जिलों में जहां आयुष्मान भारत योजना से जुड़े अस्पताल नहीं हैं, वहां सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत अस्पताल बनाने को प्राथमिकता.

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नई दिल्ली: बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र के लिए इस वित्त वर्ष में केंद्र सरकार ने 69,000 करोड़ आवंटित किए हैं. पिछले बजट में इसके लिए 62,659.12 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे. इसमें सरकार के आयुष्मान भारत जैसे अहम कार्यक्रम के लिए 6,400 करोड़ शामिल हैं.

इस दौरान वित्त वर्ष ने कहा कि 2020-21 का बजट मुख्यत: तीन बातों ‘आकांक्षी भारत, सभी के लिए आर्थिक विकास करने वाला भारत और सभी की देखभाल करने वाला समाज भारत’ पर केंद्रित है.

स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़ी घोषणाओं के दौरान सीतारमण ने कहा कि 112 आकांक्षी जिलों में जहां आयुष्मान भारत योजना से जुड़े अस्पताल नहीं हैं, वहां सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत अस्पताल बनाने को प्राथमिकता. ऐसा टीयर- 1 और टीयर- 3 के उन शहरों में किया जाएगा जहां के अस्पताल आयुष्मान भारत से नहीं जुड़े हैं.


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उन्होंने ये भी कहा कि ‘टीबी हारेगी-देश जीतेगा’ योजना के तहत वर्ष 2024 तक सभी जिलों में जन औषधि केंद्र बनाये जाएंगे.’ इस दौरान वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सरकार 2025 तक क्षय रोग (टीबी) के उन्मूलन के लिए एक अभियान शुरू करेगी.

सीतारमण ने 2020-21 के लिए बजट पेश करते हुए किफायती दामों पर दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए देश के सभी जिलों में जन औषधि केंद्रों का विस्तार करने का प्रस्ताव किया. उन्होंने कहा कि चिकित्सा उपकरणों पर लगाए करों से मिले राजस्व का इस्तेमाल अस्पताल बनाने में किया जाएगा.

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वित्त मंत्री ने कहा कि जिलों में अस्पताल बनाने तथा कृषि उत्पादों के लिए गोदामों के निर्माण के लिए संभाव्यता अंतर वित्त पोषण मुहैया कराया जाएगा.

कैसा था पिछला स्वास्थ्य बजट

स्वास्थ्य के क्षेत्र में 2019-20 के वित्त वर्ष के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 62,659.12 करोड़ रुपए के बजट की घोषणा की थी. पिछले दो वित्त वर्षों की तुलना में ये बजट तुलनात्मक रूप से ज़्यादा था.

इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक 2018-19 के वित्त वर्ष की तुलना में पिछले वित्त वर्ष के बजट में 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी. 2018-19 के वित्त वर्ष का बजट 52,800 करोड़ रुपए था.

इकनॉमिक टाइम्स के ही मुताबिक इस अवांटन में से 6,400 करोड़ सेंटर की फ्लैगशिप हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम आयुषमान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) को दिए गए थे.

एबी-पीएमजेएवाई केंद्र सरकार की एक अहम स्कीम है जिसके तहत 10.74 करोड़ परिवारों को पांच लाख तक की रकम इलाज के लिए मुहैया कराई जाती है. ये रकम उन लोगों को मुहैया कराई जाती है जिन्हें उनके इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है.


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पिछले बजट में 249.96 करोड़ रुपए आयुषमान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाने के लिए दिया गया था. आयुषमान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर आयुषमान भारत शहरी के तहत आते हैं जिसके तहत सरकार प्राथमिक उपचार मुहैया कराती है.

वहीं, नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के तहत आने वाले आयुषमान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों के लिए 1,349.97 करोड़ रुपए दिए गए थे. इसके तहत 2022 तक 1.5 लाख सब-सेंटर और हेल्थ सेंटरों को हेल्थ और वेलनेस सेंटर में तब्दील करने की योजना है.

इनके अलावा नेशनल हेल्थ मिशन के लिए 32,995 करोड़, राष्ट्रीय स्वास्थय बीमा योजना के लिए 156 करोड़, नेशनल एड्स एंड एसटीडी कंट्रोल के लिए 2500 करोड़ एम्स के लिए 3599.65 करोड़ रुपए, नेशनल मेंटल हेल्थ प्रोग्राम के लिए 40 करोड़, कैंसर डायबटीज़ जैसी अन्य बड़ी बीमारियों की रोकथाम के लिए 175 करोड़ के अलावा अन्य छोटी-बड़ी चीज़ों के लिए बजट का आवंटन किया गया था.

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