नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) उत्तराखंड के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत कांग्रेस आलाकमान की हरी झंडी मिलने के बाद शुक्रवार को फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए। गत 16 जनवरी को उन्हें भाजपा से निष्कासित किया गया था।
कांग्रेस का वाररूम कहे जाने वाले ‘15 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड’ पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडे, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, विधायक दल के नेता प्रीतम सिंह और कुछ अन्य नेताओं की मौजूदगी में हरक सिंह रावत पार्टी में शामिल हुए।
हरक सिंह रावत के साथ उनकी पुत्रवधू अनुकृति भी कांग्रेस में शामिल हुईं।
गत 16 जनवरी को हरक सिंह रावत को उत्तराखंड सरकार में मंत्री पद से हटा दिया गया था और भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था।
कई दिनों की चर्चा और बैठकों और शीर्ष नेतृत्व की सहमति के बाद कांग्रेस ने हरक सिंह रावत को विधानसभा चुनाव से पहले साथ लेने का फैसला किया।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद हरक सिंह रावत ने कांग्रेस नेतृत्व और हरीश रावत का धन्यवाद किया और उम्मीद जताई कि उत्तराखंड में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ऑल इज वेल (सबकुछ ठीक है)। हरीश भाई ने मुझे आशीर्वाद दिया। अगर उनके विजय रथ में कहीं कोई रुकावट आ रही होगी तो उसे दूर करने के लिए अपनी जान लगा दूंगा…उत्तराखंड में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी।’’
कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा, ‘‘पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत का हम कांग्रेस में फिर से आने पर स्वागत करते हैं। मुझे प्रसन्नता है कि आपने भाजपा की कुनीतियों को समझते हुए यह निर्णय लिया, और फिर से कांग्रेस का मजबूत एवं विश्वास से भरा हाथ थामा।’’
सूत्रों ने बताया, ‘‘कांग्रेस आलाकमान से हरी झंडी मिलने के बाद रावत पार्टी में शामिल हुए हैं। उन्हें या उनकी पुत्रवधू अथवा किसी समर्थक को टिकट देने के संदर्भ में जल्द फैसला हो सकता है।’’
सूत्रों का कहना है कि हरीश रावत 2016 के राजनीतिक घटनाक्रम के चलते इस पक्ष में नहीं थे कि हरक सिंह रावत को फिर से पार्टी में लिया जाए, लेकिन प्रदेश के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं की पैरवी और आलाकमान की सहमति मिलने के बाद उन्होंने अपनी रजामंदी दी।
पौड़ी गढ़वाल जिले की कोटद्वार विधानसभा सीट से विधायक हरक सिंह रावत पहले कई वर्षों तक कांग्रेस में थे। पिछले विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले विजय बहुगुणा और हरक सिंह रावत समेत कई कांग्रेस नेताओं ने बगावत कर दी थी, जिससे तत्कालीन हरीश रावत सरकार संकट में आ गई थी। फिर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा।
इस घटनाक्रम को लेकर हरक सिंह रावत ने पिछले दिनों माफी मांगी थी और कहा था कि हरीश रावत उनके ‘‘बड़े भाई हैं और (वह)उनसे 100 बार माफी मांगने को तैयार हैं।’’
उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए 14 फरवरी को मतदान होगा। मतगणना 10 मार्च को होगी।
भाषा हक हक दिलीप
दिलीप
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