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Thursday, 25 April, 2024
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ज्ञानवापी मामला : अधूरी रही मुस्लिम पक्ष की जिरह, अगली सुनवाई चार जुलाई को

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वाराणसी (उत्तर प्रदेश), 30 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश के वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले की सुनवाई करने के औचित्य के मुद्दे पर सोमवार को भी मुस्लिम पक्ष की जिरह पूरी नहीं हो पाई। अदालत ने मामले की सुनवाई की अगली तिथि चार जुलाई नियत की है।

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने संवाददाताओं को बताया कि जिला न्यायाधीश एके विश्वेश की अदालत में मामले की सुनवाई करने के औचित्य संबंधी याचिका पर मुस्लिम पक्ष की जिरह आज भी जारी रही और उसके मुकम्मल होने से पहले ही अदालत का समय समाप्त हो गया, जिसके बाद अदालत ने कहा कि वह अब इस मामले को एक जून से शुरू होने वाली गर्मियों की छुट्टी के बाद चार जुलाई को सुनेगी।

इससे पहले शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलें अदालत में रखनी शुरू की थीं, जो आज भी जारी रहीं।

जैन ने बताया कि अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे की रिपोर्ट मामले के सभी पक्षों को उपलब्ध कराई जाएगी, मगर इसके लिए क्या शर्ते होंगी वह अदालत ही बताएगी।

गौरतलब है कि दिल्ली निवासी राखी सिंह तथा पांच अन्य महिलाओं ने ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर में शृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना करने और विभिन्न विग्रहों की सुरक्षा से संबंधित एक याचिका दायर की थी।

मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता मोहमद तोहिद खान ने कहा कि हममें आज अदालत के समक्ष अपना पक्ष रखा है। अभी हमारी बहस पूरी नहीं हुई है। अदालत ने सुनवाई के लिए चार जुलाई की तारीख तय की है। अगली सुनवाई को भी हमारी बहस जारी रहेगी।

वहीं ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की पूजा की अनुमति देने के याचिका पर सुनवाई करते हुए त्वरित अदालत ने आठ जुलाई को अगली तारीख तय की है। शासकीय अधिवक्ता सुलभ प्रकाश ने बताया कि अदालत ने सुनवाई के दौरान मूल वाद की कॉपी सारे वादियों को देने के लिए कहा है। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए आठ जुलाई की तारीख तय की है।

विश्व वैदिक संघ की महामंत्री किरण सिंह ने 24 मई को सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार की अदालत में ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों के प्रवेश को वर्जित करने, परिसर को हिंदुओं को सौंपने के साथ ही ज्ञानवापी परिसर में प्राप्त शिवलिंग के नियमित दर्शन पूजन करने के अधिकार के लिए याचिका डाली थी।

जिसमें नियमित पूजा अर्चना के बिंदु को तात्कालिकता को देखते हुए अदालत ने दूसरे दिन बुधवार को सुनवाई का समय दिया था। जिसे जिला जज ए. के. विश्वेश ने त्वरित (फास्ट ट्रैक) अदालत के पास भेजते हुए सुनवाई की तारीख 30 मई निर्धारित की थी, जिस पर आज सुनवाई करते हुए त्वरित अदालत ने अगली सुनवाई के लिए आठ जुलाई की तारीख तय की है।

गौरतलब हैं कि इस मामले में सिविल जज (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने पिछले 26 अप्रैल को परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे कराने के आदेश दिए थे। इस सर्वे की रिपोर्ट पिछली 19 मई को अदालत में पेश की गई थी। सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया था जिसे मुस्लिम पक्ष ने खारिज करते हुए कहा था कि वह शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा है।

इसी बीच उच्चतम न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष की एक याचिका पर मामले को जिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत में अर्जी देकर कहा था कि यह मामला उपासना स्थल कानून के प्रावधानों के खिलाफ है लिहाजा यह सुनवाई किए जाने योग्य ही नहीं है। अदालत ने सोमवार को इसी मामले पर सुनवाई की।

भाषा सं सलीम जफर रंजन

रंजन

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यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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