नई दिल्ली: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने रविवार देर रात स्कोरकार्ड और रैंक के साथ नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट-अंडरग्रेजुएट (NEET-UG 2024) के री-टेस्ट का रिजल्ट घोषित किया. 1,563 एस्पिरेंट्स के लिए 23 जून को सात सेंटर्स पर री-टेस्ट आयोजित किए गए थे. हालांकि, केवल 52 प्रतिशत एस्पिरेंट्स ही परीक्षा के लिए उपस्थित हुए. इन एस्पिरेंट्स को सेंटरों पर समय की बर्बादी, कुप्रबंधन और प्रश्नपत्रों के गलत वितरण के कारण NTA द्वारा ग्रेस मार्क्स दिए गए थे.
13 जून को NTA ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित गड़बड़ियों को लेकर पूरे भारत में स्टूडेंट्स और पैरेंट्स द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद कुछ छात्रों के लिए री-टेस्ट की घोषणा की थी. एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि एक उच्चस्तरीय समिति ने ग्रेस मार्क्स से जुड़े मुद्दों के कारण 1,563 उम्मीदवारों के स्कोरकार्ड रद्द करने का फैसला किया है. इन स्टूडेंट्स को री-टेस्ट का मौका दिया गया था. हालांकि, तब भी एस्पिरेंट्स ने परीक्षा के आयोजन को लेकर चिंता जताई थी और कहा था कि ग्रेस मार्क्स के मुद्दे से उनके मैन रिजल्ट पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा.
छह में से पांच टॉपर्स, जिन्होंने पिछली परीक्षा में सबसे ज्यादा 720 स्कोर हासिल किए थे, ने री-टेस्ट दिया और इस बार उनमें से कोई भी टॉपर की लिस्ट में जगह नहीं बना पाया. इस तरह, फाइनल टॉपर लिस्ट में अब केवल 61 टॉपर्स बचे हैं जो कि पहले 67 थे. हालांकि, इन पांच स्टूडेंट्स ने अभी भी 680 से अधिक स्कोर प्राप्त किए हैं.
री-टेस्ट के रिजल्ट ने फाइनल रैंक और रिजल्ट में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं डाला.
नीट-यूजी 2024 में मूल रूप से 650 स्कोर लाने वालीं एस्पिरेंट सुरभि सिंह ने कहा, “ग्रेस मार्क्स मुख्य गलती को छिपाने का कवर-अप थे. इससे उम्मीदवारों की परेशानी का हल नहीं निकला. मेरी रैंक में केवल 34 स्थानों का सुधार हुआ, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.” दरअसल, उनकी रैंक पहले 29,487 थी, जिसे संशोधित कर 29,453 किया गया है.
एक अन्य स्टूडेंट जिनकी रैंक 670 स्कोर के साथ 14,622 थी, उसे संशोधित कर 14,598 कर दिया गया है.
नाम न बताने की शर्त पर एक स्टूडेंट ने कहा, “यह समय की बर्बादी थी. मुख्य मुद्दा जस का तस बना हुआ है. पेपर लीक के कारण रैंक में उछाल आया, लेकिन सरकार और एनटीए इस बारे में बात नहीं कर रहे हैं.”
स्टूडेंट्स और एक्टिविस्ट की मांग है कि NEET-UG की पूरी परीक्षा नए सिरे से आयोजित की जाए.
मेडिकल इन्फ्लुएंसर और आरटीआई कार्यकर्ता डॉ विवेक पांडे ने कहा, “1,563 स्टूडेंट्स के री-टेस्ट के बाद, नए रिजल्ट और रैंक में बहुत अंतर नहीं दिखा. कुछ स्टूडेंट्स की रैंक 20 से 25 स्थानों तक बदल गई है, जबकि अन्य में मामूली सुधार हुआ है. कुल मिलाकर, स्थिति पहले जैसी ही बनी हुई है. मैंने पहले भी कहा था कि ग्रेस मार्क्स रैंक को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित नहीं करेंगे और अब यह स्पष्ट है. मुख्य मुद्दा अभी भी NEET-पेपर लीक घोटाले और भ्रष्टाचार के इर्द-गिर्द घूम रहा है. जब तक इसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा. इस भ्रष्टाचार के कारण ही हमने इस साल पांच बार रैंक में उछाल देखा है.”
इस बीच, पैरेंट्स ने अपनी निराशा व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है.
#RENEET #NEET RESULTS REPUBLISHED WITH MINIMUN CHANGES IN RANK.
My daughters Rank improved by 45 when 813 appeared for Retest. IF #RENEET is conducted view paper leak it will improve by more than a lac. I don't know whether Modi and his team understand this !
— CAPT.JP (Rebirth of Vir Savarkar ji) (@eranchipookkat) July 1, 2024
री-टेस्ट के लिए परीक्षा केंद्रों पर उपस्थिति अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग थी. गुजरात में सबसे ज़्यादा 100 प्रतिशत उपस्थिति देखी गई, जबकि चंडीगढ़ में कोई भी री-टेस्ट के लिए नहीं आया.
चंडीगढ़ में दो उम्मीदवार परीक्षा के लिए पात्र थे, लेकिन उनमें से कोई भी परीक्षा देने नहीं आया. छत्तीसगढ़ में कुल 602 उम्मीदवार पात्र थे, लेकिन 291 (48.34 प्रतिशत) परीक्षा के लिए उपस्थित हुए.
हरियाणा के झज्जर में, दो केंद्रों — डीएवी पुलिस पब्लिक स्कूल और केंद्रीय विद्यालय में री-टेस्ट हुआ. इन केंद्रों पर, 494 में से 287 (58.09 प्रतिशत) पात्र उम्मीदवार उपस्थित हुए.
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