नयी दिल्ली, एक सितंबर (भाषा) केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, जिसमें ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम को बढ़ावा देने और उपयोगकर्ताओं के पैसों की सुरक्षा पर चर्चा की गई। एक आधिकारिक सूत्र ने यह जानकारी दी।
यह बैठक हाल ही में संसद की तरफ से ऑनलाइन गेमिंग प्रोत्साहन और विनियमन अधिनियम, 2025 को पारित किए जाने के बाद आयोजित की गई।
इस अधिनियम में पैसे के लेनदेन वाले ऑनलाइन गेम पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है जबकि ई-स्पोर्ट्स और कौशल आधारित अन्य ऑनलाइन खेलों को बढ़ावा देने का प्रावधान किया गया है।
इस अधिनियम को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है और सरकारी अधिसूचना जारी होने के बाद यह लागू हो जाएगा।
सूत्रों ने कहा, ‘वैष्णव और अधिकारियों ने ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इसमें ई-स्पोर्ट और सोशल गेम को प्रोत्साहन पर चर्चा हुई। इसमें व्यवस्थित रूपांतरण, नियमों के अनुपालन और उपयोगकर्ताओं की जमा राशि की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान देने को कहा गया।’
कई प्रमुख कंपनियों ने इस अधिनियम का पालन करते हुए पैसे के आधार पर चलने वाले गेमिंग मंचों को बंद करने की घोषणा की है।
बैंकों और वित्तीय-प्रौद्योगिकी कंपनियों ने पिछले सप्ताह वित्तीय सेवा विभाग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ संयुक्त बैठक में ऑनलाइन मनी गेम से जुड़े लेन-देन की निगरानी के लिए विधेयक के प्रावधान लागू करने को लेकर विस्तृत दिशानिर्देश और एक व्यावहारिक समयसीमा की मांग की थी।
अधिनियम में पैसे वाले ऑनलाइन गेम के विज्ञापन पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसे विज्ञापन देने पर दो साल तक की सजा या 50 लाख रुपये तक का जुर्माना और आर्थिक लेन-देन में सहयोग करने पर तीन साल तक की सजा या एक करोड़ रुपये तक जुर्माना हो सकता है।
हालांकि सरकार के सामने विदेशी ऑनलाइन मनी गेमिंग और सट्टेबाजी मंचों पर अंकुश लगाना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। एक अनुमान के अनुसार, देश में करीब 45 करोड़ लोग ऑनलाइन मनी गेम के शिकार हुए हैं और उन्होंने एक वर्ष में लगभग 20,000 करोड़ रुपये गंवाए हैं।
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