वाराणसी, एक सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश की कला और हस्तशिल्प की समृद्ध विरासत को राज्य सरकार अंतरराष्ट्रीय मंच देने जा रही है। इसके तहत 25 से 29 सितंबर ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में उप्र अंतरराष्टीय व्यापार मेला का आयोजन किया जा रहा है।
इस व्यापार मेले में प्रदेश के भौगोलिक संकेत वाले जीआई उत्पाद विशेष आकर्षण का केंद्र होंगे। यह न केवल प्रदेश की सांस्कृतिक समृद्धि के परिचायक होंगे, बल्कि इसे 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
एक बयान के अनुसार, इस व्यापार मेले में काशी व आसपास की समृद्ध हस्तशिल्प की विरासत और हस्तशिल्पियों का हुनर वाले 32 जीआई टैग वाले उत्पादों की चमक दुनिया देखेगी। जीआई उत्पादों की प्रदर्शनी के लिए व्यापार मेले में अलग से मंडप की व्यवस्था होगी।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में कुल 77 जीआई टैग वाले उत्पाद हैं। इसमें से 57 हस्तशिल्प और 20 कृषि एवं खाद्य उत्पाद जीआई पंजीकृत उत्पाद हैं।
उत्तर प्रदेश की बौद्धिक सम्पदा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में ‘बूस्टर डोज’ का काम करेगी। प्रदेश की जीआई उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार दिलाने के लिए सरकार अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का आयोजन कर रही है।
सरकार देश की परंपरागत हुनर और जीई उत्पादों को पुनर्जीवित करके अंतरराष्ट्रीय मंच पर ला रही है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के जीआई उत्पादों और ओडीओपी के ब्रांड एम्बेसडर बनकर ब्रांडिंग और विपणन करते रहे हैं।
इस बारे में अपर आयुक्त, उद्योग उमेश कुमार सिंह ने बताया कि पांच दिवसीय उप्र अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में उत्तर प्रदेश के 60 जीआई पंजीकृत उत्पाद शामिल हो रहे हैं। जीआई उत्पादों को व्यापार मेले में अलग से स्थान दिया जा रहा है। सबसे ज्यादा काशी व आसपास के जिलों के जीआई टैग वाले उत्पाद व्यापार मेले के मंच पर देखने को मिलेगा।
जीआई मैन ऑफ इंडिया के नाम से जाने वाले पद्मश्री डॉ रजनीकांत ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले से जीआई उत्पादों के कारोबार में 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जीआई पंजीकृत उत्पादों के कारोबार से करीब 60 लाख लोग जुड़े हैं। इसका सालाना अनुमानित कारोबार लगभग एक लाख करोड़ का है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश, देश का एकमात्र राज्य है, जहां सभी प्रमुख श्रेणी के जीआई उत्पाद हैं। हस्तशिल्प में सर्वाधिक जीआई प्राप्त उत्पाद भी उत्तर प्रदेश से ही हैं।
भाषा जफर संतोष रमण
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