scorecardresearch
रविवार, 1 जून, 2025
होमदेशअर्थजगतरेपो दर में कमी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए, छोटे उद्यमों को मिलेगा बढ़ावा: बैंक अधिकारी

रेपो दर में कमी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए, छोटे उद्यमों को मिलेगा बढ़ावा: बैंक अधिकारी

Text Size:

नयी दिल्ली, नौ अप्रैल (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के रेपा दर में कटौती और मौद्रिक नीति के रुख को ‘उदार’ करने का कदम व्यापार युद्ध के बीच अर्थव्यवस्था को गति देने की दिशा में उठाया गया कदम है। इससे अन्य क्षेत्रों के अलावा सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्यमों के लिए उधार लेने की लागत कम होने की उम्मीद है। बैंक अधिकारियों ने बुधवार को यह कहा।

इंडियन ओवरसीज बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी अजय श्रीवास्तव ने कहा कि रेपा दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती का निर्णय व्यापार युद्ध के बढ़ते तनाव के बीच अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने की दिशा में एक सक्रिय कदम है। इस साल नीतिगत दर में लगातार दूसरी कटौती प्रमुख क्षेत्रों में विकास को प्रोत्साहित करने के लिए बैंकिंग क्षेत्र के हित को केंद्र में रखने का प्रमाण है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए इस कटौती से कर्ज की लागत कम होने की संभावना है, जिससे इस क्षेत्र की वृद्धि और नवोन्मेष करने की क्षमता बढ़ेगी। ’’

इंडियन बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी बिनोद कुमार ने कहा, ‘‘आरबीआई के इस कदम से एमएसएमई और खुदरा मांग दोनों को समर्थन मिलने की उम्मीद है। एमएसएमई क्षेत्र का भारत के सकल घरेलू उत्पाद में करीब 30 प्रतिशत और निर्यात में 40 प्रतिशत से अधिक का योगदान है। इस कदम से फायदा होगा क्योंकि इससे ऋण लागत कम होगी और नकदी प्रवाह में सुधार होगा, जो उभरते बाजार की गतिशीलता में सुधार और विकास के लिए महत्वपूर्ण है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हम ऋण की बेहतर मांग की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि एमएसएमई हमारे ऋण खंड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है…इस कटौती से खासकर मझोले और छोटे शहरों (टियर दो और टियर तीन) में घर, वाहन और व्यक्तिगत ऋणों की मांग में तेजी आने की संभावना है।’’

कुमार ने यह भी कहा कि इंडियन बैंक अपने ग्राहकों को तेजी से लाभ पहुंचाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिससे समावेशी ऋण वृद्धि सुनिश्चित हो सके।

एसबीएम बैंक इंडिया के ट्रेजरी प्रमुख मंदार पिताले ने कहा कि आरबीआई का रेपो दर में कटौती का कदम समय के अनुरूप है। इससे उपभोग व निवेश आधारित वृद्धि दोनों को समर्थन मिलेगा।

उन्होंने कहा कि साथ ही मौद्रिक नीति रुख को ‘उदार’ किया गया है। इससे आने वाले समय में ब्याज दर में और नरमी आने की उम्मीद है। यह अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने की दिशा में उठाया गया कदम है।

भाषा निहारिका रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments