हैदराबाद, 26 नवंबर (भाषा) नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने बुधवार को कहा कि भारत का विमान रखरखाव, मरम्मत और देखभाल (एमआरओ) बाजार वर्ष 2031 तक लगभग चार अरब डॉलर का हो जाने का अनुमान है, जिससे देश में अभूतपूर्व अवसर पैदा होंगे।
नायडू ने यहां फ्रांसीसी कंपनी सैफरान के नए इंजन एमआरओ केंद्र के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा कि भारत विमान रखरखाव गतिविधियों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बनता जा रहा है।
हैदराबाद में स्थापित सैफरान एयरक्राफ्ट इंजन सर्विसेज इंडिया का यह संयंत्र 2026 से परिचालन में आ जाएगा जिससे देश की तेजी से बढ़ती विमानन क्षमता को मजबूती मिलेगी।
नायडू ने कहा कि देश में ही विमान एमआरओ गतिविधियां संचालित करने से आने वाले वर्षों में विदेशी मुद्रा में लगभग 15 अरब डॉलर की बचत हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि एयरलाइंस की लागत में हुई यह बचत सीधे यात्रियों को लाभान्वित करेगी।
भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते नागरिक उड्डयन बाजारों में शामिल है और घरेलू एयरलाइनों ने अब तक 1,500 से अधिक विमानों का ऑर्डर दिया है।
नागर विमानन मंत्री ने कहा कि भारत वैश्विक विमानन केंद्र बनने की राह पर है और देश का एमआरओ क्षेत्र सालाना 8.9 प्रतिशत की दर से बढ़कर 2031 तक लगभग चार अरब डॉलर का हो जाएगा।
इस बीच, सैफरान ने कहा कि हैदराबाद में 45,000 वर्ग मीटर में स्थित एमआरओ संयंत्र प्रति वर्ष 300 लीप इंजनों की सर्विसिंग क्षमता रखेगा। शुरुआत में यह 250 कर्मचारियों के साथ संचालित होगा, जबकि पूर्ण क्षमता पर यह 1,100 कर्मचारियों को रोजगार देगा।
सैफरान यहां दसॉ राफेल लड़ाकू विमानों के एम88 इंजन के लिए भी 5,000 वर्ग मीटर का अलग एमआरओ केंद्र बनाएगी, जिसमें सालाना 600 इंजन मॉड्यूल की सर्विसिंग होगी और 150 कर्मचारियों को रोजगार मिलेगा।
कंपनी ने बताया कि भारत में स्थापित ये दोनों केंद्र दुनिया के सबसे बड़े एमआरओ संयंत्रों में शामिल होंगे और भारत में यह पहली बार है कि कोई वैश्विक इंजन निर्माता ऐसी सुविधा स्थापित कर रहा है।
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