नयी दिल्ली, तीन अप्रैल (भाषा) भारत में साइबर जगत में रैनसमवेयर हमलों का खतरा इस साल भी बने रहने की आशंका है। साइबर सुरक्षा कंपनी कैस्परस्काई ने बुधवार को यह अनुमान जताया।
देश में पिछले साल गैरकानूनी गतिविधियों के तहत लगभग दो लाख रैनसमवेयर हमले दर्ज किए गए थे।
कैस्परस्काई के महाप्रबंधक (दक्षिण एशिया) जयदीप सिंह ने कहा कि कंपनी के ए अध्ययनों में पाया गया है कि उन्नत भागीदार खतरों (एपीटी) के लिए भारत लगातार शीर्ष 12 लक्षित देशों और क्षेत्रों में शामिल है।
सिंह ने कहा, “लगातार तीन साल से फाइल एन्क्रिप्शन दुनिया भर और भारत में उद्यमों और संगठनों के समक्ष शीर्ष समस्या रही है। साल 2017 में वानाक्राई जैसे बुनियादी रैंसमवेयर हमलों से हम रैनसमवेयर 3.0 के युग में पहुंच गए हैं, जहां लक्षित उपकरणों को सेवा से बाहर कर देना, आंकड़ों की दोबारा बिक्री और सार्वजनिक ब्लैकमेलिंग के रूप में तिहरा हमला देखते हैं।”
उन्होंने कहा, “हमले के इस रूप का भारतीय कंपनियों के वित्तीय और प्रतिष्ठा पहलू पर व्यापक प्रभाव पड़ता है।”
कैस्परस्काई ने वर्ष 2023 में देश में कारोबारों पर दो लाख से अधिक रैंसमवेयर हमलों का पता लगाने का दावा किया है।
भाषा अनुराग प्रेम
प्रेम
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.