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Sunday, 31 August, 2025
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त्योहारी मांग के बावजूद लागत से नीचे दाम पर बिकवाली से बीते सप्ताह तेल-तिलहनों के दाम टूटे

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नयी दिल्ली, 31 अगस्त (भाषा) त्योहारी मांग होने के बावजूद आयात की लागत से कम दाम पर बिकवाली के कारण घरेलू बाजार में सरसों, मूंगफली एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल तथा बिनौला तेल के दाम हानि दर्शाते बंद हुए।

बाजार सूत्रों ने कहा कि तेल संगठनों की मांग के अनुरूप भारत में पाम-पामोलीन तेल का शुल्क अंतर बढ़ाये जाने के बीच मलेशिया में सीपीओ से पामोलीन तेल का दाम लगभग 4.5 रुपये किलो सस्ता है। सीपीओ का आयात करने से घरेलू तेल प्रसंस्करण मिलों को सीपीओ से पामोलीन बनाने के लिए 7-7.5 रुपये किलो की अतिरिक्त लागत आती है। यानी सारे खर्च मिलाकर सीपीओ से पामोलीन बनाने का दाम, मलेशिया के पामोलीन तेल के दाम से 11-12 रुपये किलो ऊंचा बैठता है। अब इसी तेल को 5-6 प्रतिशत नीचे दाम पर यहां बेचा जा रहा है। इसका मुख्य कारण आयातकों की पैसों की तंगी और बैंकों का ऋण चुकाने की मजबूरी है।

उन्होंने कहा कि रुपया भी निरंतर कमजोर हो रहा है और समीक्षाधीन सप्ताह में वह अपने सर्वकालिक निम्न स्तर को छू रहा है यानी आयात का खर्च और बढ़ने का खतरा है। देश में हर साल लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपये मूल्य के खाद्यतेल का आयात होता है।

सूत्रों ने कहा कि ऊंचे भाव पर लिवाली कम रहने तथा सितंबर में विदेशों से कैनोला तेल (विदेशी सरसों तेल) का आयात की सुगबुगाहट के बीच सरसों तेल-तिलहन में गिरावट आई। सहकारी संस्था नेफेड की बिकवाली से सोयाबीन तिलहन के दाम टूटे हैं। आयात की लागत से नीचे दाम पर बिकवाली के कारण सोयाबीन एवं पाम-पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट आई। निर्यात की कमजोर मांग से मूंगफली तेल-तिलहन में गिरावट है। कमजोर कामकाज के बीच बिनौला तेल में भी गिरावट है।

उन्होंने कहा कि एक वाजिब सवाल यह भी उठता है कि खाद्यतेलों के थोक दाम में इस गिरावट का लाभ क्या आम उपभोक्ता या जनता को मिल रहा है? खुदरा बाजार में इस गिरावट का असर क्यों नहीं होता? इन प्रश्नों पर भी ध्यान देने की जरुरत है।

बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 150 रुपये की गिरावट के साथ 7,075-7,125 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल का थोक भाव 600 रुपये की गिरावट के साथ 15,150 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 60-60 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 2,550-2,650 रुपये और 2,550-2,685 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज के थोक भाव क्रमश: 205-205 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 4,625-4,675 रुपये और 4,325-4,425 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

सोयाबीन दिल्ली का दाम 350 रुपये की गिरावट के साथ 13,250 रुपये, सोयाबीन इंदौर तेल का दाम 275 रुपये की गिरावट के साथ 12,825 रुपये और सोयाबीन डीगम तेल का दाम 400 रुपये की गिरावट के साथ 10,150 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में सुस्त कामकाज के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के दाम भी टूट गये। मूंगफली तिलहन 100 रुपये की गिरावट के साथ 5,600-5,975 रुपये क्विंटल, मूंगफली तेल गुजरात का थोक दाम 150 रुपये की गिरावट के साथ 13,350 रुपये क्विंटल और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का थोक दाम 30 रुपये की गिरावट के साथ 2,180-2,480 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए।

सूत्रों ने बताया कि समीक्षाधीन सप्ताह में सीपीओ तेल का दाम 200 रुपये की गिरावट के साथ 11,650 रुपये प्रति क्विंटल, पामोलीन दिल्ली का भाव 150 रुपये की गिरावट के साथ 13,250 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव भी 300 रुपये की गिरावट के साथ 12,200 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

बाजार में गिरावट के आम रुख के अनुरूप समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल भी 200 रुपये की गिरावट के साथ 12,800 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

भाषा राजेश पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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