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Thursday, 16 January, 2025
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2022-23 में चालू खाते का घाटा घटकर तीन प्रतिशत रह सकता है: एसबीआई रिपोर्ट

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मुंबई, 10 नवंबर (भाषा) भारतीय स्टेट बैंक की एक रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि वित्त वर्ष 2022-23 में चालू खाते का घाटा (कैड) कम होकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का तीन प्रतिशत रह सकता है। हालांकि, ज्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि कैड कम से कम 3.5 प्रतिशत रहेगा।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की रिपोर्ट के मुताबिक, सॉफ्टवेयर निर्यात और धन-प्रेषण में बढ़ोतरी तथा स्वैप सौदों के जरिये विदेशी मुद्रा भंडार में पांच अरब डॉलर की बढ़ोतरी से चालू खाते का घाटे को कम करने में मदद मिलेगी।

एसबीआई के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष के अनुसार कच्चे तेल की कीमतों में 10 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी कैड को 0.40 प्रतिशत तक प्रभावित करती है। कच्चे तेल में इतनी बढ़ोतरी से ईंधन मुद्रास्फीति 0.50 प्रतिशत बढ़ती है और वृद्धि 0.23 प्रतिशत प्रभावित होती है।

बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि कैड एक तरह से व्यवधान को सहन करने का साधन है।

उन्होंने कहा कि विनिमय दर में डॉलर के मुकाबले प्रत्येक एक रुपये की गिरावट से सॉफ्टवेयर निर्यात में 25 करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी होती है।

घोष ने आगे कहा कि इसके साथ ही स्वैप लेनदेन के जरिये पांच अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार तैयार होने और धन-प्रेषण में बढ़ोतरी से कैड जीडीपी के मुकाबले तीन प्रतिशत पर आ सकता है।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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