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Tuesday, 14 May, 2024
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आईएएस परीक्षा की तैयारी कराने वाले 20 कोचिंग सेंटर सीसीपीए की जांच के घेरे में

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नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की पढ़ाई कराने वाले 20 कोचिंग सेंटर की अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए जांच कर रहा है। इन कोचिंग सेंटर के खिलाफ यह जांच उनके भ्रामक विज्ञापनों तथा परीक्षाओं में सफल (टॉपर्स) रहे अभ्यार्थियों की तस्वीरों का इस्तेमाल करने के लिए की जा रही है।

सीसीपीए की चेयरपर्सन निधि खरे ने पत्रकारों को यह जानकारी देते हुए कहा कि 20 संस्थानों में से चार.. राऊ के आईएएस स्टडी सर्कल, चहल अकादमी, आईक्यूआरए आईएएस और आईएएस बाबा पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

उन्होंने कहा कि वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टिट्यूट, चहल अकादमी, खान स्टडी ग्रुप आईएएस, एपीटीआई प्लस, एनालॉग आईएएस, शंकर आईएएस, श्रीराम आईएएस, बायजू आईएएस, अनएकेडमी, नेक्स्ट आईएएस, दृष्टि आईएएस, आईक्यूआरए आईएएस, विजन आईएएस, आईएएस बाबा, योजना आईएएस, प्लूटस आईएएस, एएलएस आईएएस, राउज आईएएस स्टडी सर्कल को नोटिस जारी किया गया है।

खरे ने कहा, ‘‘सफल छात्रों के बारे में जानबूझकर महत्वपूर्ण जानकारी छिपाने के लिए पिछले डेढ़ साल में नोटिस जारी किए गए हैं। हमने चार केंद्रों पर जुर्माना लगाया है, जबकि अन्य मामलों की जांच चल रही है।’’

आमतौर पर, यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बाद कई कोचिंग संस्थान विज्ञापन की होड़ में लग जाते हैं। उन्होंने कहा कि हर साल 10 लाख से अधिक छात्रों में से औसतन 900 छात्र यूपीएससी परीक्षा पास करते हैं।

अधिकारी ने कहा कि 2022 में यूपीएससी के अंतिम परिणाम के बाद कुल 933 उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश की गई थी। हालांकि, 20 संस्थानों ने उनके जितने छात्रों के चयन का दावा किया, वह यूपीएससी की सिफारिशों से उल्लेखनीय रूप से अधिक था।

उन्होंने कहा कि कई कोचिंग संस्थान जानबूझकर महत्वपूर्ण जानकारी छिपाकर अपने छात्र के समान रैंक धारक का दावा करते हैं। उन्होंने कहा कि सफल उम्मीदवार ने विभिन्न विषयों और प्रारंभिक या मुख्य परीक्षा के लिए कई संस्थानों में कोचिंग ली होती है।

खरे ने कहा कि ये संस्थान स्पष्ट रूप से यह नहीं बताते हैं कि वे छात्र संस्थान में किन पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर रहे थे।

सीसीपीए के अनुसार, भारत में कोचिंग उद्योग का मौजूदा राजस्व लगभग 58,088 करोड़ रुपये है। लगभग दो लाख छात्र सालाना राजस्थान के कोटा में जाते हैं, जबकि दिल्ली को अक्सर यूपीएससी-सीएसई कोचिंग का केंद्र माना जाता है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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