गुवाहाटी, एक सितंबर (भाषा) गौहाटी उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह असम के आदिवासी बहुल दीमा हसाओ जिले में एक निजी सीमेंट कंपनी को 3,000 बीघा (करीब 1,000 एकड़) जमीन आवंटित किए जाने से ‘‘परेशान, और स्तब्ध’’ है।
उच्च न्यायालय ने प्रश्न किया कि क्या इस परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी ली गई है।
बाइस लोगों द्वारा दायर एक रिट याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संजय कुमार मेधी और महाधिवक्ता देवजीत सैकिया के बीच इस बात पर लंबी बहस हुई कि क्या छठी अनुसूची क्षेत्र के उमरंगसो में कारखाना स्थापित करने के लिए महाबल सीमेंट को इतनी अधिक जमीन दी जानी चाहिए।
सुनवाई का उच्च न्यायालय के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर सीधा प्रसारण किया गया।
न्यायमूर्ति मेधी ने कहा, ‘‘अदालत 3,000 बीघा ज़मीन के आवंटन से परेशान है। हम सिर्फ़ यह रिकॉर्ड देखना चाहते हैं कि नीति कैसे बनाई गई।’’
भाषा शोभना सुभाष
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