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Friday, 19 April, 2024
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मध्यप्रदेश में सुरक्षित नहीं हैं बहू बेटियां, एनसीआरबी की रिपोर्ट में बलात्कार के मामले में फिर नंबर एक

एनसीआरबी 2018 के आंकड़ों के मुताबिक एक वर्ष में कृषि क्षेत्र में काम करने वाले 10,349 लोगों ने आत्महत्या की. इस अवधि में हुए खुदकुशी के मामलों का सात फीसदी है.

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार 2018 में समूचे देश में हर दिन औसतन हत्या की 80 घटनाएं, अपहरण की 289 घटनाएं और बलात्कार की 91 घटनाएं दर्ज की गईं हैं. बलात्कार के मामले में एकबार फिर मध्यप्रदेश अव्वल रहा है. वर्ष 2018 में देश में बलात्कार की कुल 33,356 घटनाएं दर्ज की गई हैं. इनमें से 5,433 घटनाएं (करीब 16 प्रतिशत) मध्य प्रदेश में हुईं, जिनमें पीड़िताओं में छह साल से कम उम्र की 54 बच्चियां भी शामिल हैं.

वर्ष 2016 और वर्ष 2017 में भी मध्य प्रदेश बलात्कार के मामलों में देश में नंबर एक पर था. वर्ष 2016 में प्रदेश में 4,882 बलात्कार की घटनाएं हुई थीं, जबकि वर्ष 2017 में प्रदेश में 5,562 घटनाएं हुईं.

जबकि किसानों की आत्महत्या के मामले में महाराष्ट्र सबसे आगे रहा है. बता दें कि देशभर में कुछ 10,000 किसानों ने आत्महत्या की है.

 किसानों- आत्महत्या 

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018 में कृषि क्षेत्र में काम करने वाले 10,349 लोगों ने आत्महत्या की. यह देश में इस अवधि में हुए खुदकुशी के मामलों का सात फीसदी है.वर्ष 2018 में कुल 1,34,516 लोगों ने आत्महत्या की.

रिकार्ड के अनुसार, 2016 के मुकाबले 2018 में किसानों की खुदकुशी के मामलों में कमी आई है. वर्ष 2016 में 11,379 किसानों ने आत्महत्या की थी.

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कई राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में किसाना, खेतिहर और मजदूर की खुदकुशी के मामले शून्य ही रहे. एनसीआरबी के अनुसार पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, उत्तराखंड, मेघालय, गोवा, चंडीगढ़, दमन और दीव, दिल्ली, लक्षद्वीप और पुडुचेरी ऐसे राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश रहे जहां पर कृषि क्षेत्र में कार्यरत किसी भी व्यक्ति की खुदकुशी की घटना दर्ज नहीं की गई.

एनसीआरबी की रिपोर्ट में 2017 के आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं किया गया है. रिपार्ट के अनुसार आत्महत्या करने वालों में किसानों में पुरुष सबसे ज्यादा है.

रिपोर्ट के मुताबिक ‘वर्ष 2018 में कृषि क्षेत्र से जुड़े 10,349 लोगों ने खुदकुशी की. इनमें भी 5,763 किसान हैं जबकि शेष 4,586 खेतिहर मजदूर हैं. यह आंकड़ा देश में कुल आत्महत्या के मामलों का 7.7प्रतिशत है. 5,763 किसानों में 5,457 पुरुष और 306 महिलाएं हैं.इसी प्रकार आत्महत्या करने वाले 4,586 खेतिहर मजदूरों में 4,071 पुरुष और 515 महिलाएं शामिल हैं.’

रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018 में कुल 1,34,516 लोगों ने खुदकुशी की जो 2017 के 1,29,887 आत्महत्या के मामलों के मुकाबले 3.6 प्रतिशत अधिक है.

आत्महत्या के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र (17,972) में दर्ज किए गए. दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर क्रमश: तमिलनाडु (13,896), पश्चिम बंगाल (13,255), मध्य प्रदेश (11,775) और कर्नाटक (11,561) है. इन पांच राज्यों में ही 50.9 फीसदी खुदकुशी के मामले दर्ज किए गए.

सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश जहां देश की 16.9 प्रतिशत आबादी रहती है, वहां कुल खुदकुशी में से केवल 3.6 प्रतिशत मामले ही दर्ज किए.

केंद्रशासित प्रदेश के मामले में सबसे अधिक दिल्ली में 2,526 खुदकुशी के मामले दर्ज किए गए. 500 आत्महत्या के मामलों के साथ पुडुचेरी दूसरे स्थान पर रहा.

बलात्कार के मामलों में मध्य प्रदेश फिर सबसे आगे

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में मध्य प्रदेश में 18 साल से कम उम्र की 2,841 लड़कियों के साथ बलात्कार की घटनाएं हुईं. इनमें से छह साल से कम उम्र की 54 बच्चियां, छह से 12 साल की 142 बच्चियां, 12 से 16 साल की उम्र की 1,143 बालिकाएं और 16 से 18 साल की 1,502 लड़कियां शामिल हैं.

रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में बलात्कार के मामलों में मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान 4,335 घटनाओं के साथ दूसरे और उत्तर प्रदेश इस तरह की 3,946 घृणित घटनाओं के साथ तीसरे स्थान पर रहा.

मध्य प्रदेश अभियोजन विभाग के आंकड़ों के अनुसार बच्चियों के साथ बलात्कार के 18 मामलों में अदालत ने वर्ष 2018 में दोषियों को मौत की सजा सुनाई.

दुष्कर्म के मामलों में सजा की दर मात्र 27.2 प्रतिशत

दुष्कर्म के मामलों में देश में सजा की दर अब भी मात्र 27.2 प्रतिशत ही है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के मुताबिक 2018 में दुष्कर्म के 1,56,327 मामलों में मुकदमे की सुनवाई हुई. इनमें से 17,313 मामलों में सुनवाई पूरी हुई और सिर्फ 4,708 मामलों में दोषियों को सजा हुई. आंकड़ों के मुताबिक 11,133 मामलों में आरोपी बरी किए गए जबकि 1,472 मामलों में आरोपियों को आरोपमुक्त किया गया. खास बात यह है कि 2018 में दुष्कर्म के 1,38,642 मामले लंबित थे।

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक दुष्कर्म के मामलों में सजा की दर 2018 में पिछले साल के मुकाबले घटी है. 2017 में सजा की दर 32.2 प्रतिशत थी. उस वर्ष दुष्कर्म के 18,099 मामलों में मुकदमे की सुनवाई पूरी हुई और इनमें से 5,822 मामलों में दोषियों को सजा हुई.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला एनसीआरबी भारतीय दंड संहिता और विशेष एवं स्थानीय कानून के तहत देश में अपराध के आंकड़ों को एकत्रित करने तथा विश्लेषण के लिए जिम्मेदार होता है.

2018 में हर दिन 80 हत्याएं, 91 बलात्कार

आंकड़ों के अनुसार 2018 में पूरे देश में हर दिन औसतन हत्या की 80 घटनाएं, अपहरण की 289 घटनाएं और बलात्कार की 91 घटनाएं दर्ज की गईं है.

2018 में कुल 50,74,634 संज्ञेय अपराधों में 31,32,954 मामले भारतीय दंड संहिता के तहत और 19,41,680 मामले विशेष एवं स्थानीय कानून के तहत अपराध की श्रेणी में दर्ज किए गए जबकि 2017 में यह संख्या 50,07,044 थी. संज्ञेय अपराध या मामला वह होता है जिसके संबंध में पुलिस थाना प्रभारी मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना जांच कर सकता है और वारंट के बगैर गिरफ्तारी कर सकता है.

2018 और 2017 के दौरान हत्या के मामले में 1.3 का इजाफा हुआ. 2018 के दौरान हत्या के 29,017 मामले जबकि 2017 में 28,653 मामले दर्ज किए गए थे.

आंकड़े के अनुसार 2018 के दौरान हत्या के मुख्य वजहों में 9,623 मामलों में ‘विवाद’, इसके बाद 3,875 मामलों में ‘निजी रंजिश या दुश्मनी’ और 2,995 मामलों में ‘फायदा हासिल करना’ रहा है.

एनसीआरबी के अनुसार 2018 में अपहरण के मामलों में 10.3 प्रतिशत का इजाफा हुआ. इस संबंध में 1,05,734 प्राथमिकीयां दर्ज की गईं जबकि 2017 में ऐसे 95,893 मामले दर्ज किए गए और 2016 में यह संख्या 88,008 रही.

2018 के आंकड़े के अनुसार अपहरण के कुल 1,05,536 (24,665 पुरूष और 80,871 महिलाएं) दर्ज किए गए जिनमें से 63,356 (15,250 पुरूष और 48,106 महिलाएं) बच्चे और 42,180 (9,415 पुरूष एवं 32,765 महिलाएं) वयस्क थे.

एनसीआरबी के अनुसार 2018 के दौरान 92,137 अपहृत व्यक्तियों (22,755 पुरूष और 69,382 महिलाओं) को बरामद कर लिया जिनमें से 91,709 कसे जीवित और 428 को मृत बरामद किया गया.

2018 में ‘महिलाओं के खिलाफ अपराध’ की श्रेणी में 3,78,277 मामले दर्ज किए गए थे जो 2017 के 3,59,849 और 2016 के 3,38,954 मामलों से अधिक है. 2018 में आईपीसी की धारा 376 के तहत बलात्कार के मामलों की संख्या 33,356 रही.

आंकड़े के अनुसार 2017 में बलात्कार के 32,559 मामले दर्ज किए गए थे जबकि 2016 में यह संख्या 38,947 थी.

एनसीआरबी के अनुसार 2017 (50,07,044 मामलों) की तुलना में अपराध की कुल संख्या में 1.3 प्रतिशत का इजाफा हुआ, प्रति लाख की आबादी पर अपराध दर में हालांकि 2017 (388.6) की तुलना में 2018 में (383.5) कमी आई है.

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