scorecardresearch
Thursday, 25 April, 2024
होमदेशभारतीय क्रिकेटर रिद्धिमान साहा को धमकाने पर BCCI ने पत्रकार बोरिया मजूमदार पर लगाया 2 साल का बैन

भारतीय क्रिकेटर रिद्धिमान साहा को धमकाने पर BCCI ने पत्रकार बोरिया मजूमदार पर लगाया 2 साल का बैन

पत्रकार ने टेक्स्ट मैसेज के जरिए साहा को धमकाया है, जिसके बाद उन पर बीसीसीआई की गठित की गई एक कमेटी ने कई प्रतिबंध लगाए हैं.

Text Size:

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेटर रिद्धिमान साहा को डराने के संदर्भ में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड इन इंडिया (BCCI) ने बुधवार को पत्रकार बोरिया मजूमदार पर दो साल का प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है.

पत्रकार ने टेक्स्ट मैसेज के जरिए साहा को धमकाया है, जिसके बाद उन पर कई प्रतिबंध लगाए गए हैं.

राजीव शुक्ला, उपाध्यक्ष, बीसीसीआई, अरुण सिंह धूमल, कोषाध्यक्ष, बीसीसीआई, प्रभातेज सिंह भाटिया, पार्षद, बीसीसीआई की एक समिति ने पत्रकार पर दो साल का प्रतिबंध लगाया है. यह प्रतिबंध भारत में किसी भी क्रिकेट मैच (घरेलू और अंतरराष्ट्रीय) में प्रेस के सदस्य के रूप में कोई मान्यता प्राप्त करना, भारत में किसी भी पंजीकृत खिलाड़ी के साथ कोई साक्षात्कार प्राप्त करना, और किसी भी बीसीसीआई और सदस्य संघों के स्वामित्व वाली क्रिकेट सुविधाओं तक पहुंच प्राप्त करने पर है.

‘रिद्धिमान साहा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ट्विटर पर एक पत्रकार द्वारा भेजे गए संदेशों के स्क्रीनशॉट साझा किए थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह उक्त पत्रकार के आचरण से तंग आ चुके हैं. सुनवाई में साहा ने बोरिया मजूमदार को नाम लिया.

बीसीसीआई के एक पत्र से पता चलता है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने इस घटना का संज्ञान लिया था और अन्य खिलाड़ियों के साथ इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचने के लिए मामले की जांच करना आवश्यक समझा.’

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

इस संबंध में, BCCI ने राजीव शुक्ला, उपाध्यक्ष, BCCI, अरुण सिंह धूमल, कोषाध्यक्ष, BCCI और प्रभातेज सिंह भाटिया, पार्षद, BCCI को मिलाकर एक समिति बनाई थी.

पत्र में कहा गया है, ‘इस मामले में बीसीसीआई समिति के लिए विचार-विमर्श के लिए महत्वपूर्ण बात यह पता लगानी थी कि क्या पत्रकार द्वारा भेजे गए संदेश धमकी और धमकी की प्रकृति के थे. बीसीसीआई समिति ने साहा और मजूमदार दोनों की दलीलों पर विचार किया और निष्कर्ष निकाला कि मजूमदार की कार्रवाई वास्तव में खतरे और डराने-धमकाने की प्रकृति की थी.’


यह भी पढ़ें: सोनिया-राहुल के बीच असहमति का संकेत! हरियाणा अध्यक्ष पर सुरजेवाला की नाराजगी कांग्रेस के लिए नई चुनौती


 

share & View comments